सेल में दो दिवसीय कार्यशाला का आयोजन, स्टील उद्योग में नए तकनीकी पर चर्चा
रांची : रांची सेल में एडिटिव मैन्युफैक्चरिंग – रीसेंट इम्प्लीमेंटेशन ट्रेंड्स” अमृत’22 पर दो दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। इमर्जिंग एडिटिव मैन्युफैक्चरिंग (एएम) तकनीक को 3डी प्रिंटिंग, डायरेक्ट डिजिटल मैन्युफैक्चरिंग, रैपिड मैन्युफैक्चरिंग, एडिटिव फैब्रिकेशन, फ्रीफॉर्म फैब्रिकेशन और रैपिड प्रोटोटाइप के नाम से भी जाना जाता है। कार्यशाला का उद्देश्य उभरती एडिटिव मैन्युफैक्चरिंग टेक्नोलॉजी और स्टील उद्योग में इसके कार्यान्वयन के बारे में सेल में जागरूकता पैदा करना था।
प्रतिभागियों का स्वागत संजीव कुमार, ईडी (एचआरडी) द्वारा किया गया और उद्घाटन भाषण निर्विक बनर्जी, ईडी (आरडीसीआईएस) द्वारा दिया गया। दोनों व्याख्यानों ने अपशिष्ट प्रबंधन, सर्कुलर इकोनॉमी को प्रोत्साहन, कार्बन फुट प्रिंट में कमी, स्पेयर पार्ट्स सप्लाई चेन मैनेजमेंट से संबंधित मुद्दों, भौतिक इन्वेंट्री में कमी और ऑन डिमांड पार्ट प्रोडक्शन के संदर्भ में एएम तकनीक के महत्व को संबोधित किया। व्याख्यानों ने इस तथ्य को रेखांकित किया कि एएम प्रक्रियाएं सामग्री की बर्बादी को कम करती हैं और पारंपरिक निर्माण प्रक्रियाओं की तुलना में किसी भी तरह के कांट-छांट से रहित है। उत्पादन परत दर परत किया जाता है, इसलिए, एएम प्रक्रिया को टूल-लेस मैन्युफैक्चरिंग प्रोसेस भी कहा जाता है।
इस कार्यशाला में प्रशिक्षक सीएसआईआर-सीएमईआरआई, दुर्गापुर जैसे औद्योगिक अनुसंधान संस्थानों तथा देश के दिग्गज स्पेस के प्रमुख एएम सेवा प्रदाता थे| उन्होंने धातु और गैर-धातु दोनों अनुप्रयोगों में उपलब्ध विभिन्न एएम प्रौद्योगिकियों को प्रस्तुत किया। साथ ही, संबंधित प्रौद्योगिकियों के सर्वोत्तम अनुप्रयोग क्षेत्रों पर प्रकाश डाला गया। सेल के विभिन्न संयंत्रों के प्रतिनिधि बोकारो, भिलाई, राउरकेला, दुर्गापुर, बर्नपुर और रांची इकाइयों से उपस्थित थे और उन्होंने कार्यशाला में सक्रिय रूप से भाग लिया।
समापन से पहले, इस्पात उद्योग में एएम प्रौद्योगिकी के कार्यान्वयन के लिए आगे का रास्ता तय करने के लिए प्रतिनिधियों और विशेषज्ञों के बीच एक पैनल चर्चा आयोजित की गई थी।