बीस सूत्री की बैठक महज एक खानापूर्ति,जनता की मूलभूत समस्याओं का नहीं होता निदान: दिलीप मिश्रा

खूंटी: पॉलिटिकल नेता दिलीप मिश्रा ने वित्त मंत्री डॉ. रामेश्वर उरांव पर तंज कसते हुए कहा कि राज्य सरकार भ्रष्टाचारियों को संरक्षण देने का काम कर रही है। इस भीषण गर्मी में पेयजल का घोर संकट है। शहरी जलापूर्ति का काम अधूरा है। लोग पानी के लिए त्राहिमाम कर रहे हैं और राज्य सरकार संवेदक पर कार्रवाई नहीं कर उसे और समय दे रहे हैं,यह भ्रष्टाचार नहीं तो क्या है।
उन्होंने कहा कि जिला 20 सूत्री की समीक्षा बैठक में प्रभारी मंत्री रामेश्वर उरांव द्वारा शहरी जलापूर्ति योजना के संवेदक को 45 दिनों का मोहलत देना कहीं ना कहीं उसे मदद करने जैसा है। शहरी जलापूर्ति योजना को 2021 में ही पूरी करना था। 2021 से लगातार उसका समय दिया गया फिर 45 दिन का समय देने का मतलब समझ में नहीं आ रहा है। पानी की जरूरत अभी सभी लोगों को है। पीने की किल्लत पूरे जिला में है। शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में आज जब कुआं और तालाब सूख गया है। शहर में भी विगत तीन-चार दिनों से सप्लाई पानी का वितरण नहीं हो रहा है। पीने के पानी के लिए लोग तरस रहे हैं। मवेशी को भी पानी नहीं मिल रहा है। ऐसी स्थिति में भी 20 सूत्री प्रभारी मंत्री को 2, 3, महीना पूर्व स्थानीय जिला प्रशासन को निर्देशित कर कर शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में पानी की समस्या को दूर करने हेतु हैंडपंप की मरम्मत युद्ध स्तर पर करवाना था। साथ ही खराब सोलर पंप को भी ठीक करवाना था। मंत्री ने 20 सूत्री‌ कार्यक्रम में आकर एक खानापूर्ति का कार्य किया है, समस्या जस की तस है। उस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। समीक्षा बैठक सिर्फ औपचारिकता पूरी हो रही है। मंत्री ने चरमराती ट्रैफिक व्यवस्था को दूर करने की बात कह कर चल दिए। 3 साल के दौरान कई बार 20 सूत्री की बैठक हुई, लेकिन बाईपास के संबंध में मंत्री ने थोड़ा सा भी ध्यान देना उचित नहीं समझा। 
श्री मिश्रा ने कहा कि जिला प्रशासन को सरकार का निर्देश का कोई मायने नहीं रखता है।

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