जाति जनगणना का दिखावा करने वाले बताएं अबतक क्यों नहीं हुए ट्रिपल टेस्ट: प्रदीप वर्मा
रांची: भाजपा प्रदेश महामंत्री एवम सांसद डॉ प्रदीप वर्मा ने झामुमो प्रवक्ता की प्रेसवार्ता पर तीखा पलटवार किया है।
वर्मा ने कहा कि राज्य के हर हिस्से, प्रत्येक विभाग में आकंठ भ्रष्टाचार करने वाले लोगो से केंद्र सरकार और अन्य एजेंसियों पर उंगली उठाना एक मजाक ही लगता है। यहां सौ चूहे खा कर हज यात्रा पर जाने वाली कहावत ही चरितार्थ होते दिखती है।
उन्होंने कहा कि आज एनटीए , यूजीसी, नीट पर सवाल खड़ा करने वाले झामुमो को बताना चाहिए कि कैसे उनकी सरकार ने पिछले साढ़े चार वर्षों से राज्य के बेरोजगार युवाओं को केवल ठगा है। झामुमो बताए कि कैसे जेपीएससी ,जेएससीसी की परीक्षाएं बार बार भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ी।कैसे कई जिलों में सेंटर ही बिक गए। कैसे लगातार सीरीज में रॉल नंबर के परीक्षार्थी परीक्षा में पास हुए ।कैसे गड़बड़ी वाले सेंटर के ओएमआर सीट गायब किए गए।
उन्होंने कहा कि झामुमो बताए कैसे राज्य सरकार के दलालों बिचौलियों के व्हाट्स एप चैट में प्रतियोगी परीक्षाओं के प्रश्न पत्र की बोली लगाई गई। बेचा गया।
उन्होंने कहा कि ये वही ठगबंधन सरकार है जिसने भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाने वाले छात्रों पर लाठियां बरसाई,डराने धमकाने केलिए मुकदमे दर्ज किए।
कहा कि आज ये नीट, यूजीसी पर सवाल खड़े कर रहे। जबकि केंद्र सरकार इसपर पूरी तरह गंभीर है। नीट का मामला न्यायालय में दर्ज है। जो भी निर्देश आएगा के केंद्र सरकार उसका पूरी तरह अनुपालन करेगी ऐसा केंद्रीय मंत्री ने पहले ही कहा है।
उन्होंने कहा कि नीट के संबंध में जो गड़बड़िया उजागर हुई है उसमे इनके एलायंस पार्टनर आरजेडी के नेता तेजस्वी यादव के सहयोगी का नाम उजागर हुआ है।अच्छा होता झामुमो इसपर अपनी प्रतिक्रिया देता।
कहा कि यही आरजेडी है जिसने गरीबों की जमीन छीनकर नौकरी देने का ढोंग किया है। और झारखंड में भी भ्रष्टाचार के पोषक बने हैं।
उन्होंने कहा कि केंद्रीय मंत्री से इस्तीफा मांगने वाले को यह बताना चाहिए कि क्यों तुष्टिकरण के कारण भ्रष्टाचार में जेल गए मंत्री से इस्तीफा नही मांग सके। विभाग छीनने का नाटक करना पड़ा।
वर्मा ने कहा कि लोकसभा चुनाव में अपनी करारी हार से झामुमो बौखलाहट में है। अभी तक ट्रिपल टेस्ट नही करा पाने वाले लोग अब जाति जनगणना की बात कर रहे। निकाय चुनाव ट्रिपल टेस्ट के नही होने से बाधित है। ओबीसी आरक्षण निर्धारित नही हो पाया,नगर निकायों की स्थिति जनप्रतिनिधि के अभाव में नरकीय बनी है।
कहा कि ये लोग केवल दूसरे के पाले में गेंद डालकर अपनी जिम्मेवारी से भागना चाहते हैं।
कहा कि जनता सब कुछ समझती है।ठगबंधन और इंडी एलायंस की नियत और नीति को राज्य की जनता पूरी तरह समझ चुकी है।
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