झारखण्डी जन आकांक्षा के अधूरे सवालों को लेकर फिर से उलगुलान की जरूरत:बोबोंगा

खूंटी: कोल्हान के ह्रदयस्थल चाईबासा में सोमवार को झारखण्ड आन्दोलनकारियों की बैठक में झारखण्ड उलगुलान संघ भी शामिल हुआ। झारखण्ड के पुरोधा स्व. एनई. होरो की पुण्यतिथि पर उनको श्रद्धांजलि अर्पित कर आन्दोलनकारी पूर्व विधायक मंगल सिंह बोबोंगा की अध्यक्षता में सम्पन्न बैठक में निर्णय लिया गया कि चिरप्रतीक्षित झारखण्डी जन आकांक्षा के अधूरे सवालों को लेकर फिर से उलगुलान की जरूरत है। देश के संविधान निर्माण हेतु गठित संविधान सभा की बैठक में मारंग गोमके जयपाल सिंह मुंडा द्वारा प्रमुखता से ” हम आदिवासी हैं, जनजाति नहीं ” के आदिवासी पहचान के वकालत को लेकर उलगुलान द्वारा ही झारखण्ड का नवनिर्माण सम्भव है। संविधान की पांचवी अनुसूची के प्रावधानों सहित सी. एन. टी एक्ट, एस. पी. टी एक्ट, विल्किन्सन रूल्स आदि ऐतिहासिक कानूनों का ठोस अनुपालन के अलावे झारखण्ड विरोधी भूमि बैंक नीति को रद्द करने तथा पेसा कानून आधारित अविलम्ब पेसा नियमावली के निर्माण करने आदि सवालों पर एकजुट होकर उलगुलान हमारी प्राथमिकता है। इन्हीं मुद्दों को लेकर आदिवासी क्रांतिकारी पोटो हो का पुश्तैनी गांव राजाबासा से 31 दिसम्बर से ” झारखण्ड नवनिर्माण उलगुलान यात्रा ” प्रारम्भ किया जाएगा जिसका समापन 1 जनवरी को खरसांवा शहीद स्थल पर शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित कर किया जाएगा।
बैठक में झारखण्ड उलगुलान संघ से अलेस्टेयर बोदरा, मसीहदास गुड़िया, सुबोध पुर्ती एवं निरल तोपनो के अलावे पूर्व विधायक बहादुर उरांव, दामु बानरा, बिरसिंह हेम्ब्रम, आसमान सुंडी, सनी सिन्कू, प्रेमचन्द मुरमू, बाबू अहमद एवं दीपक सवैया आदि मुख्य रूप से उपस्थित थे।

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