बुजुर्गों को रेल किराए में दुबारा छूट देने की मांग सुप्रीम कोर्ट से खारिज

नई दिल्ली : रेल किराये में बुजुर्गों को मिलने वाली छूट को दोबारा बहाल किए जाने की मांग को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को साफ कहा कि यह नीतिगत निर्णय है, जिसके लिए सरकार को निर्देश देना उचित नहीं होगा। इस पर सरकार को ही फैसला लेना चाहिए।
वरिष्ठ नागरिकों को यह छूट साल 2020 में कोविड-19 महामारी शुरू होने से पहले तक दी जाती थी, लेकिन महामारी के दौर में रेलवे को हो रहे घाटे की भरपाई और बुजुर्गों की ज्यादा आवाजाही रोकने के लिए इस छूट को खत्म कर दिया गया था।
याचिकाकर्ता ने कहा-ये सरकार की ड्यूटी
सुप्रीम कोर्ट में एमके बालाकृष्णन नामक व्यक्ति ने याचिका दाखिल की थी, जिसमें उन्होंने वरिष्ठ नागरिकों को किराये में छूट देना सरकार की ड्यूटी बताया था। इस याचिका पर जस्टिस एसके कौल और जस्टिस अहसानुद्दीन अमानुल्लाह की बेंच ने सुनवाई की ओर याचिका को खारिज करते हुए संविधान के अनुच्छेद-32 का हवाला दिया। बेंच ने कहा है कि अनुच्छेद-32 के तहत सरकार को इस पर आदेश जारी करना उचित नहीं होगा। यह मामला वरिष्ठ नागरिकों की जरूरत से जुड़ा है। इसे ध्यान में रखते हुए और इसके संभावित वित्तीय प्रभाव पर विचार कर सरकार को ही फैसला लेना होगा।
संसदीय समिति कर चुकी है छूट बहाली की सिफारिश
बता दें कि हाल ही में संसद की एक स्थायी समिति ने वरिष्ठ नागरिकों को किराये में दी जाने वाली छूट बहाल करने की सिफारिश सरकार से की थी। भाजपा सांसद राधा मोहन सिंह की अध्यक्षता वाली रेल मंत्रालय संबंधी संसद की स्थायी समिति की यह रिपोर्ट 13 मार्च, 2023 को लोक सभा और राज्यसभा में पेश की गई थी। हालांकि इस पर रेलवे मंत्रालय ने अब तक कोई फैसला नहीं लिया है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *