डोमिसाइल विरोधी पक्ष ने कहा, 15 नवंबर 2000 ही हो स्थानीयता का आधार
रांची : 1932 खतियान आधारित डोमिसाइल विरोधी खेमा ने अपने आंदोलन के 21वें शहादत दिवस पर सोमवार को मृत साथियों दीपक, बबलू और आरके सिंह को श्रद्धासुमन अर्पित किया. अखिल भारतीय भोजपुरी, मगही, मैथिली, अंगिका मंच द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम में मंच के नेता कैलाश यादव ने कहा कि राज्य गठन के बाद प्रथम सीएम बाबूलाल मरांडी ने 1932 डोमिसाइल नीति लागू की थी. वर्तमान सरकार भी इसी राह पर चल रही है. इसलिए 1932 खतियान आधारित स्थानीय नीति नहीं नहीं चलेगी. इसका आधार राज्य गठन की तिथि 15 नवंबर 2000 होनी चाहिए. राज्य में रहने वाले सभी साढ़े तीन करोड़ लोग झारखंडवासी हैं. कहा कि सरकार के मुखिया द्वारा बिहार, यूपी या अन्य राज्यों के प्रति वैमनस्यता व भेदभाव बर्दाश्त नहीं किया जायेगा.
इस मौके पर संटू यादव, अभय झा, रामजी पांडे, अनिल तेली, राजकिशोर सिंह, मैनेजर राय, सुनील पांडेय, नीलम, नंदन यादव, सुधीर गोप,अंशु कुमार, राजेश कुमार, अनिल तिवारी, बिरजू पासवान, राम बड़ाइक, उपेंद्र सिंह, दिलीप सिंह, राम इकबाल चौधरी, सुनील यादव, प्रदीप तिवारी, पिंटू सिंह, लोकनाथ कुमार, चंदन यादव, कमल पांडे, सुनील पांडेय, सुबोध ठाकुर, कृष्ण कुमार, सीडी चौधरी, बबिता देवी, इंदु देवी, मंजू देवी, सावित्री देवी सहित कई उपस्थित थे.

