मुरहू में बन रहे उच्चस्तरीय पुल के शिलापट्ट में गांव की सरकार के प्रतिनिधियों का नाम गायब,हो रहा विरोध

घाघरा से हेसल पथ पर बन रह है उच्चस्तरीय पुल, त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में निर्वाचित जन प्रत्याशियों का नाम शिलापट्ट में नहीं है अंकित

खूंटी: राज्य सरकार हो या केंद्र दोनों ग्रामीण क्षेत्रों को विकसित करने के लिए करोड़ों रुपए खर्च कर रही है। अधिकांश फंड ग्रामीण क्षेत्रों में दिया जा रहा है। क्योंकि जब गांव विकसित होगा तो राज्य विकसित होगा और जब राज्य विकसित होगा तो देश विकसित बनेगा। लेकिन झारखंड के खूंटी में त्रिस्तरीय पंचायत के जनप्रतिनिधियों का विकास योजनाओं के उद्घाटन और शिलान्यास कार्यक्रम में गांव की सरकार का अपमान किया जा रहा है। ताजा मामला खूंटी जिले के मुरहू प्रखंड का है। यहां पर घाघरा से हेसल पथ पर बन रहे उच्चस्तरीय पुल के शिलापट्ट पर त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में निर्वाचित स्थानीय जनप्रतिनिधियों का नाम ही हटा दिया गया है। इससे त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में निर्वाचित जनप्रतिनिधि अपने आप को अपमानित समझ रहे हैं और इसके खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं।
इस संबंध में मुरहू प्रखंड के उप प्रमुख अरुण कुमार साबू ने बताया कि सांसद हो या विधायक सभी जनता के बीच ग्रामीण क्षेत्रों को विकसित करने की बात करते हैं। लेकिन योजनाओं के उद्घाटन और शिलान्यास कार्यक्रम में गांव की सरकार के प्रतिनिधियों को भूल जाते हैं।
उन्होंने कहा कि ग्रामीण विकास विभाग पंचायतों में विकास का कार्य करती है और विकास की बात जब करते है तो पंचायत से शुरुवात होती है । खूंटी जिला के ग्रामीण विकास विभाग के विशेष प्रमंडल के अधिकारी,अभियंता इस बात को भूल गए की गांव की सरकार कौन है और उनका भी कोई सम्मान होना चाहिए। क्योंकि विभाग सिर्फ ठेकेदार के भरोसे चलता है।
जबकि हमारे पूर्व विधायक नीलकंठ सिंह मुंडा के बिना अनुमति के हिम्मत नही थी की कोई विभाग ऐसे बोर्ड लगा दे। क्योंकि उसमें अंकित नामों को खुद विधायक नीलकंठ सिंह मुंडा देखते थे। ठेकेदार और विभाग पर उनको हमेशा संदेह रहता था कि वो शिलापट्ट ठेकेदारी की भेंट चढ़ जाती है।
विभाग काम करवाता है, लेकिन ठेकेदार के अंगुली पर नाचता है। ठेकेदार जैसा बोले जो करे सब पर उनका हक है,चाहे जनता के लिए सुविधा हो या नहीं, लेकिन ठेकेदार को सुविधा होना चाहिए।
यही काम आज घाघरा गांव पंचायत, गनालोया के अंर्तगत नव निर्मित पुल घाघरा हेंसल में हुआ है। जहां पुल के शिलान्यास पट्ट पर कोई जनप्रतिनिधि का नाम नहीं है, सिर्फ सांसद और विधायक का नाम है ,जो बहुत शर्म की बात है। विशेष प्रमंडल के द्वारा जिला परिषद पंचायत समिति और मुखिया सभी को शिलापट्ट से दरकिनार कर स्वयं सांसद और विधायक इसका श्रेय लेना चाहते हैं।
जिला परिषद सदस्य सहित पंचायत समिति और मुखिया सभी इस शिलापट्ट पर विभाग की घोर निंदा करते हैं। ग्रामीण विकास विभाग से मांग करते है कि इस शिल्पापट्ट को बदल कर दूसरा लगया जाय और पुनः मान सम्मान के साथ शिलान्यास कार्यक्रम किया जाय ।
साथ ही आगाह करते है कि जिले के किसी भी प्रखंड में त्रिस्तरीय पंचायत के सदस्यो का अपमान नहीं होना चाहिए और साथ ही सांसद और विधायक से भी मांग करते हैं कि आपकी उपस्थिति में यदि ऐसे हमलोगों का अपमान होगा तो इस पर हम लोग को बर्दाश्त नही है। साथ ही ठेकेदारों को भी इस तरह के करतूत के लिए माफ नहीं किया जाएगा।

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