राज्य के हर प्रखंड और हर पंचायत में बनेगा मत्स्य पालन का मॉडल तालाब: शिल्पी नेहा तिर्की
रांची: झारखंड में सरकार की सोच हर प्रखंड _ हर पंचायत में मत्स्य पालन के लिए मॉडल तालाब का निर्माण करना है . इतना ही नहीं राज्य भर के सभी डैम में केज कल्चर पद्धति के जरिए मत्स्य पालन किया जाएगा . विभाग का उद्देश्य नीली क्रांति की दौड़ में आंध्र प्रदेश से आगे निकलना है . इसके लिए अगले 5 साल में एक हेक्टेयर में 10 मीट्रिक टन मछली उत्पादन का लक्ष्य निर्धारित किया गया है . वर्तमान में एक हेक्टेयर में 3 मीट्रिक टन ही मछली का उत्पादन हो रहा है . रांची के खेलगांव स्थित टाना भगत इंडोर स्टेडियम में राज्य का पहला झारखंड मत्स्य महोत्सव का उदघाटन करते हुए कृषि , पशुपालन एवं सहकारिता मंत्री शिल्पी नेहा तिर्की ने ये बात कही . झारखंड मत्स्य महोत्सव में मंत्री शिल्पी नेहा तिर्की ने कहा कि राज्य के इतिहास में पहली बार इस तरह का आयोजन हो रहा है . आज 75 मत्स्यजीवी सहयोग समितियों के बीच 2 _ 2 लाख रुपए की अनुदान राशि का वितरण किया गया . समितियों के सुदृढ़ीकरण के लिए डेढ़ करोड़ रुपए की राशि मददगार साबित होगी . उन्होंने कहा कि विभाग मत्स्य पालन से जुड़े किसानों की समस्या और चुनौती का समाधान करते हुए , उन्हें आर्थिक रूप से सबल बनाना चाहती है . इसके लिए राज्य में तालाबों की संख्या बढ़ानी होगी . खास कर राज्य में विलुप्त हो रहे तालाब को पुनर्जीवित करना होगा . इसके लिए राज्य भर के DC ऐसे तालाबों की सूची उपलब्ध कराएंगे . मत्स्य पालन को संगठित क्षेत्र का रूप देते हुए इसे आगे बढ़ाने की दिशा में विभाग कार्य योजना तैयार करेगा . मंत्री शिल्पी नेहा तिर्की ने कहा कि राज्य में मछली के सीड और फीड पर बहुत काम करने की जरूरत है .उन्होंने कहा कि राज्य में 80 के करीब फिश फॉर्म है जिसे मछली बीज के रूप में विकसित किया जा सकता है . फिश फॉर्म का संचालन पीपीपी मोड पर भी किया जा सकता है . हमारे पास राज्य में मत्स्य पालन को बढ़ावा देने के लिए विजन भी है और इच्छा शक्ति भी . मंत्री ने कहा कि NFDB के सहयोग से राज्य के करीब 350 मत्स्य पालकों को बेहतर प्रशिक्षण के हैदराबाद भेजा जाएगा . जबकि विभाग के अधिकारी मत्स्य पालन के क्षेत्र में नई तकनीक की जानकारी शिफा संस्थान के माध्यम से लेंगे . उन्होंने कहा कि आज ब्लॉक चेन तकनीक की शुरुआत की गई है . इस तकनीक के माध्यम से बीज के वितरण से लेकर मत्स्य पालन से जुड़ी हर जानकारी मत्स्य पालक बहुत आसानी से ग्रहण कर सकते है . इस तकनीक से विभाग को भी लाभुक को ट्रेस करने में मदद मिलेगा . पारंपरिक विधि के साथ _ साथ आज जरूरत आधुनिक तकनीक को अपनाने की है . मंत्री शिल्पी नेहा तिर्की ने कहा कि राज्य में 1 लाख 70 हजार किसानों का बीमा कराया गया है पर अब तक मात्र 2 किसानों को मुआवजा का भुगतान हो सका है . मत्स्य पालकों को बीमा के प्रति जागरूक होने की जरूरत है . ताकि विकट समय में इसका लाभ लिया जा सके . इसके साथ ही मुआवजा के लिए दावे की प्रक्रिया को भी सरल बनाने की आवश्यकता है .उन्होंने कहा कि कृषि , पशुपालन एवं सहकारिता विभाग से जुड़ी योजनाओं की समुचित जानकारी के लिए न्यूज लेटर जारी किया गया है . इस न्यूज लेटर के माध्यम से गांव _ घर के लोग आसानी से योजनाओं की विस्तृत जानकारी हासिल कर सकेंगे . वही किसानों की सफलता पर किताब का विमोचन भी किया गया है . मत्स्य महोत्सव को संबोधित करते हुए कांके विधायक सुरेश बैठा ने कहा कि ये पहला मौका है जब इस तरह का मत्स्य महोत्सव हो रहा है . मछली पालन से जुड़े किसान कैसे आत्म निर्भर बने विभाग इस पर काम कर रहा है . उन्होंने कहा कि बाजार में बड़ी मछलियों के साथ _ साथ छोटी मछलियों की भी काफी मांग है . इस पर विभाग को काम करने की जरूरत है .
विभागीय सचिव अबू बक्कर सिद्दीखी ने कहा कि विभाग ने नई शुरुआत की है . किसानों को मत्स्य पालन के लिए सही तरीके से गाइड करने के लिए जरूरी है . राज्य में साढ़े 3 लाख मीट्रिक टन मछली का उत्पादन हो रहा है . किसानों के फीडबैक के आधार पर भविष्य की कार्य योजना तैयार की जाएगी . मत्स्य महोत्सव को संबोधित करते हुए NFDB हैदराबाद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ बी के बेहरा ने कहा कि मंत्री शिल्पी नेहा तिर्की काफी ऊर्जावान है और वो मत्स्य पालन के क्षेत्र में राज्य को नई ऊंचाइयों तक ले जाने की सोच रखती है . उन्होंने कहा कि ब्लॉक चेन तकनीक से मत्स्य पालन से जुड़े हर एक व्यक्ति को जोड़ने की जरूरत है , चाहे वो किसान हो या पदाधिकारी . किसानों को आज कई तरह की जानकारी का अभाव है . मत्स्य पालकों का 5 लाख की बीमा से लेकर उन्हें ऋण तक की सुविधा सरकार के द्वारा दी जाती है . उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए 5 करोड़ से लेकर 50 करोड़ या 100 करोड़ रुपए तक भी दिया जा रहा है . बस इसके लिए आवश्यक प्रक्रिया को समझने की जरूरत है . KCC लोन को भी 3 लाख रुपए बढ़ा कर 5 लाख तक कर दिया गया है . झारखंड के मत्स्य पालकों के लिए हैदराबाद में अलग _ अलग समूह बना कर उन्हें प्रशिक्षण दिया जाएगा . इससे उन्हें मत्स्य पालन के क्षेत्र में आधुनिक तकनीक की जानकारी होगी .
झारखंड मत्स्य महोत्सव में अनुकम्पा के आधार पर निम्नवर्गीय लिपिक पद पर श्रेया को मंत्री शिल्पी नेहा तिर्की के हाथों नियुक्ति पत्र दिया गया . इस मौके पर 75 मत्स्यजीवी सहयोग समितियों के बीच डेढ़ करोड़ की राशि DBT के माध्यम से ट्रांसफर की गई . मत्स्य पालन के विकास के लिए ब्लॉक चेन तकनीक का शुभारंभ किया गया . वहीं मत्स्य कृषकों की सफलता की कहानी पुस्तक का विमोचन किया गया . समेति के द्वारा तैयार योजनाओं से संबंधित न्यूज लेटर का विमोचन भी मंत्री ने किया . इस न्यूज लेटर में कृषि , पशुपालन एवं सहकारिता विभाग से संबंधित योजनाओं का विस्तृत जानकारी उपलब्ध है . मत्स्य महोत्सव में कुल 24 स्टॉल लगाया गए थे . जिसमें मछली की अलग _ अलग तरह की प्रजातियों की प्रदर्शनी लगी थी . इस मौके पर विशेष सचिव गोपाल जी तिवारी ,
विशेष सचिव नयन तारा करकेटा , विशेष सचिव प्रदीप हजारी , मत्स्य निदेशक डॉ एच एन द्विवेदी सहित विभागीय अधिकारी मौजूद थे .

