मैथिली गीत एवं नृत्य पर झूमे रांची के लोग,मिथिलामय हुआ पूरा हरमू मैदान

समापन कार्यक्रम के मुख्य अतिथि केंद्रीय रक्षा राज्य मंत्री संजय सेठ के किया उद्घाटन

रांची: झारखण्ड मैथिली मंच के तत्वावधान में आयोजित त्रिदिवसीय विद्यापति स्मृति पर्व रजत जयंती समारोह के अंतिम दिन रविवार को हरमू मैदान में संध्या 7 बजे से कार्यक्रम प्रारंभ हुआ। पहले सत्र में उद्घाटन एवं दूसरे सत्र में सांस्कृतिक कार्यक्रम हुए।
मुख्य अतिथि के रूप में केन्द्रीय राज्य मंत्री संजय सेठ,पूर्व डिप्टी मेयर संजीव विजय वर्गीय, भारतीय जनता पार्टी के झारखण्ड संगठन मंत्री कर्मवीर सिंह, शामिल हुए।

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सर्वप्रथम अतिथियों को सादर मंचासीन कराया गया। साथ ही मैथिली मंच के संरक्षक अरूण कुमार झा अध्यक्ष विनय कुमार झा ,महासचिव जयन्त कुमार झा , कोषाध्यक्ष संतोष कुमार मिश्र, स्वागताध्यक्ष विद्या नाथ झा विदित ने आसन ग्रह ग्रहण किया ।
कार्यक्रम की शुरुआत मिथिला के परंपरा के अनुसार सर्व प्रथम भगवती बंदना जय जय भैरवि असुर भयाऊनि एवं राष्ट्र गान जन गण मंगल दायक की प्रस्तुति मती बबिता झा, मती डाॅली तालुपदार, मती सोनी चौधरी, निखिल महादेव झा एवं मिथिलेश कुमार मिश्र के समूहगान के साथ हुई। तदुपरांत मंचासीन अतिथियों का पाग दोपटा एवं पौधा देकर स्वागत किया गया। तत्पश्चात अतिथियों महाकवि विद्यापति के चित्र पर पुष्पान्जलि अर्पित कर श्रद्धांजलि दी गई तथा दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का विधिवत शुभारंभ किया गया।
स्वागताध्य श्री विद्या नाथ झा विदित ने स्वागत उद्गार ब्यक्त किया। कार्यक्रम में विशिष्ट योगदान के लिए अनेक विभूति को सम्मानित किया गया । मंत्री संजय सेठ मंत्री ने धन्यवाद ज्ञापन जयन्त कुमार झा ने किया। साथ ही कहा कि झारखण्ड मैथिली मंच के प्रति आभार प्रकट करते हुए कहा कि आपने जब भी याद किया हम मैथिली भाषा-भाषियों के स्नेह पाकर अपने को धन्य समझता हूँ ।यशस्वी प्रधानमंत्री माननीय श्री नरेन्द्र मोदी ने मिथिला के चतुर्दिक विकास के लिए बहुत कुछ कर रहे हैं। खासकर मखाना को उद्योग का दर्जा देने एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने के लिए काम कर रहे हैं। राँची में भी झारखण्ड मैथिली मंच की मांग जैसे राँची दरभंगा हवाई सेवा शुरू करने, राउरकेला जयनगर ट्रेन को प्रति दिन करने के लिए पूरी निष्ठा से पहल करूँगा।
भारतीय जनता पार्टी के झारखण्ड संगठन मंत्री कर्मवीर सिंह ने अपने उद्बोधन में कहा कि मैथिली भाषा भाषी अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बनाये हुए हैं। साथ ही अपनी साहित्यिक एवं सांस्कृतिक धरोहर को आगे बढाने के लिए सदैव तत्पर रहते हैं।
दूसरे सत्र में सांस्कृतिक महाकुंभ का रंगारंग आगाज हुआ।जिसमें विद्यापति गीत, लोक गीत,पारंपरिक नृत्य आदि अनेक विधा में आकर्षक प्रस्तुति हुई। मुख्य रूप से पटना से पधारी मती रंजना झा : विद्यापति गीत पिया मोर बालक हमे तरूनी गे, चानन भेल विसम सर रे भूषण भेल भारी, राँची से श्री मती बबिता झा : हे हर हमर करहु प्रतिपाला ,सुतल पिया के जगाबै हो रामा ,खाक मगहिया पान यौ पाहुन हमर जान किए लै छी
श्री निखिल महादेव झा: ललका धोती-कुर्ता पर पाग देखियौ, जनम मिथिले में भेल एच एम आर भाग देखियौ, माइ जोगिया ठाढ़ भवनमा में–हेयौ पाहुन हमर करेज लेने जाइ छ ,आजु नाथ एक ब्रत महासुख लागत हे आदि गीतों पर श्रोताओं को झूमने पर मजबूर कर दिया। श्रीमती सोनी चौधरी झा : पिया परदेश स पटोर लेने आयब निखिल महादेव एवं सोनी चौधरी झा के द्वारा जुगल गीत: प्रीत जन्मो जनम के निमहई ले –, प्रेमक नाजुक बंधन– गोहाटी से आयी
सुश्री डाॅली तालुकदार :विद्यापति रचित ब्राह्मण बाबू यौ –तोहर पिया हौ शहर के बबुआ- हम नै शिव संग गौरी बियाहब–
माधव जी एवं समूह के द्वारा
पारंपरिक नृत्य में झिझिया, पमरिया, सामा चकेबा आदि अनेक विधा में आकर्षक प्रस्तुति दी गई। जमशेदपुर से श्री मिथिलेश कुमार मिश्र ने ठेठ अंदाज में लोगों को खूब गुदगुदाया एवं ठहाके लगाने पर विवश कर दिया। मंच संचालन श्री भारतेन्दु कुमार झा ने किया।

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