राष्ट्र का सांस्कृतिक नाम इंडिया नहीं, भारत है: श्रीशक्ति शांतानंद महर्षि

रांची : विश्व हिंदू परिषद रांची महानगर के नेतृत्व में दिव्य दिग्विजय रामराज्य रथ यात्रा का महादेव मंडा चुटिया से सोमवार को प्रातः 5:00 श्री रामलला के महाआरती के बाद नगर भ्रमण पुष्प वर्षा के साथ प्रारंभ हुआ जो चुटिया थाना, सुजाता चौक, राजेंद्र चौक,श्री शिव मंदिर महावीर मंदिर डोरंडा,शिव मंदिर कडरू, सहजानंद चौक,श्री श्याम मंदिर रातु रोड चौक, कचहरी चौक ,करम टोली चौक, मेडिकल चौक,शिव मंदिर, हाऊसिंग कॉलोनी चौक,बड़ागाई चौक, शिवाजी चौक, बूटी बस्ती,विकास,ओरमांझी,पटेल चौक रामगढ़, सुभाष चौक दुर्गा मंडप रामगढ़, चरही, हजारीबाग, इचाक,पदमा,बरही,चौपारण होते हुए गया , बिहार के लिए प्रस्थान हो गया।
चुटिया से निकलने के बाद श्रीराम राज्य दिग्विजय रथ का डोरंडा शिव मंदिर, श्याम मंदिर, मेडिकल चौक, बरियातू हाउसिंग कॉलोनी, बड़ागांई चौक, बूटी, विकास, ओरमांझी, पटेल चौक रामगढ़ इत्यादि स्थानों पर गणेश शंख, पांचजन्य, पोंड्र, देवदत्त, महालक्ष्मी, कामधेनु, गरुड़ इत्यादि शंख ध्वनि एवं वेद मंत्रों अन्य वाद्य यंत्र के गगनभेदी गुंजों के बीच पुष्प वर्षा करते हुए स्वागत अभिनंदन किया गया।
मार्ग में श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए रामराज्य दिग्विजय यात्रा के पूज्य संत श्रीशक्ति शांतनंदा महर्षि, (राष्ट्रीय सचिव श्री रामदास मिशन) ने कहा रामराज्य स्थापित करने के लिए त्रेतायुग में भगवान श्री राम ने अश्वमेध यज्ञ किया था इसी प्रकार श्री राम जन्मभूमि पर बनने वाली भव्य राम मंदिर पूर्ण होने के पूर्व पूरे भारत में दिग्विजय रथ यात्रा कर रामराज की स्थापना का संदेश दे रही है। उन्होंने कहा यह यात्रा 5 अक्टूबर से अयोध्या से प्रारंभ होकर नेपाल काठमांडू सहित भारत के 27 राज्यों का लगभग 15000 किलोमीटर भ्रमण कर 2 दिसंबर को पुनः अयोध्या पहुंचेगी तथा गीता जयंती के पावन अवसर पर यज्ञ अनुष्ठान करके रामराज स्थापना की संकल्प लिया जाएगा। उन्होंने कहा इस यात्रा का तीन मुख्य उद्देश्य है प्रथम केंद्र सरकार से मांग की गई है भारत इंडिया नहीं है, क्योंकि इंडिया माता नहीं कहां जाता है जब भी कहा जाता है तो भारत माता की जय ही कहा जाता है अतः इस देश का नाम भारत हो। दूसरी बात उन्होंने कहा सरकार देश के जिहादी आक्रांताओं एवं लूटेरा ईसाई मिशनरियों का इतिहास हमारा भारतीय इतिहास नहीं है। हमारा आदर्श भगवान श्रीराम है, श्री कृष्ण है, शिवाजी है, बिरसा मुंडा है हमें अपने आदर्शों का इतिहास बच्चों को पढ़ाने का पाठ्यक्रम तैयार किया जाए। उन्होंने तीसरी मांग को बताते हुए कहा श्री राम मंदिर के बन जाने के बाद रामराज्य की कल्पना तभी पूरी हो सकती है जब भगवान श्री राम को जन-जन की भावना तक हम जोड़ पाए इसके लिए पाठ्यक्रम में हमारे आराध्य देवताओं एवं राष्ट्र भक्त सपूतों के व्यक्तित्व एवं कृतित्व का समावेश हो।
प्रांत मंत्री डॉ वीरेंद्र साहू ने कहा भगवान पुरुषोत्तम श्रीराम का मंदिर, देश का राष्ट्र मंदिर होगा। क्योंकि श्री राम मंदिर राष्ट्र स्वाभिमान का पुनर्स्थापन है। भगवान पुरुषोत्तम राम का मंदिर विश्व के समस्त प्राणियों के लिए प्राण के समान होगा क्योंकि सनातन परंपरा ही समस्त जीवो के अंदर में भगवान को विराजमान पाता है उसकी सुरक्षा, समृद्धि एवं संरक्षण का विषय के संदर्भ में सनातन परंपरा ही सोचता है।
इस यात्रा का नेतृत्व विश्व हिंदू परिषद के प्रांत मंत्री डॉ वीरेंद्र साहू, प्रांत संगठन मंत्री देवी सिंह, प्रांत सहमंत्री रंगनाथ महतो, महानगर अध्यक्ष कैलाश केसरी, प्रचार प्रसार विभाग प्रमुख अमर प्रसाद, महानगर सहमंत्री विश्वरंजन कुमार, ग्रामीण जिला मंत्री रोबिन कुमार, सहमंत्री रोशन कुमार, दीपक साहू, रतन केसरी, श्रीराम नगर कार्यवाह बैजनाथ, विभाग संयोजिका काजल सोनी इत्यादि ने की।

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