तनावमुक्ति के लिए आध्यात्म और राजयोग मैडिटेशन जरुरी है: रंजू दिदी

सुपौल। नवरात्रि के पावन अवसर पर, प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय सिमराही बाजार के द्वारा मंगलवार को स्थानीय ओम शांति केंद्र पर कुमारी कन्या एवं मां दुर्गा के चैतन्य झांकी का पूजन कर ओम शांति केन्द्र से सार्वजनिक दुर्गा मन्दिर तक नगर परिक्रमा करते भब्य शुभकामना रैली निकाली गई । साथ मे ब्रह्माकुमारीज कोशी जोन प्रभारी राजयोगिनी रंजू दीदी जी का 37 बी अलौकिक जन्मदिन केक कटिंग करके मनाया।

ब्रह्माकुमारीज कोशी जोन एवम मधेपुरा प्रभारी राजयोगिनी रंजू दीदी जी ने अपने उदवोधन में नवरात्रि के आध्यात्मिक रहस्य बताते हुए कहा की महिषासुर नामक असुर ने स्वर्ग के सभी देवी देवताओं को पराजित किया ।त्रिदेव की शक्ति से एक कन्या के रूप में जो आदि शक्ति प्रगट हुई वह दिव्य अस्त्र- शस्त्रों से सुसज्जित थी। त्रिनेत्रि और अष्ट भुजाओं वाली थी। उसने महिषासुर का वध किया और देवी देवताओं को मुक्त किया। उन्होंने कहा धर्म गलानि के समय परमपिता शिव ने त्रिदेव के द्वारा भारत की कन्याओं को ज्ञान, योग तथा दिव्य गुण रूपी शक्ति से सुसज्जित किया ।यह ज्ञान ही उनका तीसरा नेत्र था और अन्तर्मुखता, सहनशीलता आदि दिव्य शक्तियां ही उनकी अष्टभुजा थी, इन्हीं शक्तियों के कारण वे आदि शक्ति अथवा शिव शक्ति कहलाए इन आदि कुमारीयो अथवा शक्तियों ने भारत के नर नारियों को जो कि सतयुग में देवी देवताये उनको जगाया और उन्हें उत्साहित करके आसुरी प्रवृत्तियों का नाश किया।

स्थानीय सेवा केन्द्र प्रभारी ब्रह्माकुमारी बबीता दीदी जी ने कहा कि इस बार की दशहरा पर हम सभी अपने अंदर के रावण काम, क्रोध ,लोभ, मोह,अहंकार, इत्यादिओं को खत्म करें। औऱ अपने अंदर सुख, शांति ,आनंद ,प्रेम ,पवित्रता, दिव्यता ,सादगी को अपने अंदर भरे जिससे हमारे जीवन खुशियों से भर जाएगा ।यही सच्ची दशहरा मनाना होगा।

उन्होंने कहा कि मनुष्यों में तनाव मुक्ति के लिए आध्यात्म और राजयोग मैडिटेशन को जीवन में अपनाना जरुरी है। अभी सभी लोग तनाव में रहते है, क्योकि कई बार वे जनता को तनाव पूर्ण खबर देने की माध्यम बनते हैं। जो हम दूसरों को देंगे वो ही हमें मिलेगा, चाहे वो ख़ुशी हो या तनाव, यही कुदरत का कानून है।

उन्होंने आगे कहा कि जीवन में दोहरा आचरण अपने आप में तनाव का कारण है। “सादगीपूर्ण सरल जीवन हमें हमेशा तनावमुक्त रखता है। लोगों को सिर्फ समस्या एवं सवाल को उजागर करना नहीं है, साथ साथ समाधान प्रदान करने वाली सुझाव भी जनता के सामने प्रस्तुत करने की आवश्यकता है”,

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डॉ शशि भूषण चौधरी जी ने अपने उद्बोधन देते हुए कहा कि अभी मनुष्य को तनाव के कारण कई बीमारियाँ जैसे कि बी.पी., सुगर आदि सौगात में मिली है। तनाव से मुक्ति के लिए ब्रह्मा कुमारी संस्था द्वारा दी जा रही आध्यात्मिक शिक्षा और राजयोग ध्यान कारगर है।उन्होंने ने कहा कि बहुत सुखद बात है कि पत्रकारों में तनाव प्रबंधन हेतु आध्यात्म और राजयोग पर चर्चा हो रही है। उन्होंने कहा कि तनाव से दूर रहने के लिए कार्य में व्यस्त रहना एक अच्छा उपाय है।

विशिष्ट अतिथि प्रो बैधनाथ प्रसाद भगत जी ने कहा लोगों के नाकारात्मक मानसिकता ही उनके जीवन में तनाव व दुःख अशान्ति पैदा करती है। जरूरत है की सकारात्मक सोच व आशावादी मीडिया कंटेंट की, जिसके द्वारा पत्रकार न केबल जनता व समाज को सुखद और सकारात्मक दशा व दिशा प्रदान कर सकता, साथ ही अपने जीवन और प्रोफेशन को तनाव मुक्त और बेहतर बना सकता है।

अतिथि विश्व हिन्दू परिषद् के पूर्व जिला अध्यक्ष अनिल महतो जी ने कहा कि तनावमुक्त होने के लिए हमें अपने आंतरिक जगत को परिवर्तन करना होगा तभी बाह्य जगत परिवर्तन होगा, क्योकि जो हम सोचते है उसका प्रभाव हमारे जीवन पर पड़ता है, इसलिए हमें अपने सोच में अपने व्यवसाय, अपने कार्य स्थल और अपने कार्य के प्रति श्रध्दा व सम्मान रखना होगा।

उक्त कार्यक्रम का संचालन ब्रह्माकुमार किशोर भाई जी ने किया और अपने उदबोधन देते हुए कहा कि दिव्यता और पवित्रता की ताकत सबसे बड़ी है। उन्होंने कहा कि जहाँ यह शक्तियां है, वहाँ तनाव, काम, क्रोध, लोभ, मोह, अहंकार आदि विकार दूर हो जाते हैं। उन्होंने पत्रकारों में दिव्य शक्ति की जाग्रति के लिए सभी पत्रकारों को परमात्मा रूपी परम शक्ति से जोड़ने की राजयोग मैडिटेशन की सहज विधि बताई तथा सभी को मैडिटेशन का अभ्यास व सुखद अनुभव कराया।

इस अवसर पर नगर पंचायत के मुख्य पार्षद यसोधा देवी, उप मुख्य पार्षद बिनीता देवी,अनिल महतो, समाजसेवी प्रोफेसर बैद्यनाथ भगत ,अरुण जयसवाल , अतुल कुमार ,दीपक कुमार,अवध नारायण मेहता, ब्रह्माकुमारी कौशल्या दीदी , बबीता दीदी,अर्जन भाई,अधिवक्ता रामचंद्र जयसवाल,डॉ शशि भूषण चौधरी, सब इंस्पेक्टर भूपेंद्र प्रताप सिंह, डॉक्टर शशी भूसन चौधरी, राधे भगत, अभिनंदन दास, नारायण भाई, फुलेश्वर चौधरी, इंद्रदेव भाई ,मंजू देवी, डॉ वीरेंद्र भाई, ब्रह्माकुमार किशोर भाईजी, दुर्गा बहन ,बिना बहन ,चंदनी बहन,रंजना बहन, रेनू देवी ,सावित्री देवी, शकुंतला देवी,मंजू देवी, कृष्णा देवी,मधु देवी इत्यादि सैकड़ों श्रद्धालु मौजूद थे ।

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