एलईडी युक्त प्रचार-प्रसार वाहनों को स्पीकर रविंद्र नाथ महतो ने हरी झंडी दिखाकर किया रवाना
रांची: पेयजल एवं स्वच्छता विभाग अंतर्गत ग्रामीण क्षेत्रों में जन-जागरूकता हेतु झारखंड विधान सभा परिसर से एलईडी युक्त प्रचार-प्रसार वाहनों के परिचालन का हरी झंडी दिखाकर शुभारम्भ करते हुए झारखंड विधान सभा अध्यक्ष रबीन्द्र नाथ महतो, मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन, मंत्री आलमगीर आलम, विभागीय मंत्री मिथिलेश कुमार ठाकुर, मंत्री श्री बादल पत्रलेख, मंत्री हफिजुल हसन अंसारी एवं अन्य विधायकगण।
एलईडी युक्त प्रचार वाहन का उदेश्य स्थानीय जन समुदाय को जागरूक करना है। राज्य के प्रत्येक नागरिक को यह प्रचार वाहन पेयजल एवं स्वच्छता विभाग द्वारा किए जा रहे कार्यों से अवगत करायेगा। मंत्री मिथिलेश ठाकुर ने बताया कि ‘‘जल जीवन मिशन‘‘ के तहत सभी ग्रामीण परिवारों को क्रियाशील घरेलू नल जल संयोजन (एफ०एच०टी०सी०) के माध्यम से प्रति दिन प्रति व्यक्ति 55 लीटर शुद्ध पेयजल उपलब्ध करने की दिशा में तत्परता से कार्य कर रही है। जल जीवन मिशन अन्तर्गत केन्द्र सरकार एवं राज्य सरकार का अंशदान 50-50 प्रतिशत है। किन्तु योजनाओं की स्वीकृति, कार्यान्वयन, पर्यवेक्षण के साथ-साथ रख-रखाव एवं संचालन राज्य सरकार के अधीन है। अर्थात जल जीवन मिशन का अधिकांश कार्य राज्य सरकार के क्षेत्राधीन है। उन्होंने बताया कि अब तक लगभग 40 प्रतिशत ग्रामीण परिवारों को नल से शुद्ध जल की सुविधा उपलब्ध करायी गयी है और प्रति दिन औसतन लगभग 3500 नये घरों में नल कनेक्शन देने का कार्य किया जा रहा है। राज्य के ‘‘296 ग्रामों को हर घर जल‘‘ सत्यापित एवं घोषित किया गया है यह सरकार की दृढ ईच्छा शक्ति का ही परिणाम है। इस वित्तीय वर्ष के अंत तक 15093 ग्रामों को सत्यापित एवं घोषित किया जाएगा।
मंत्री मिथिलेश ठाकुर ने बताया कि 15 अगस्त 2019 में जब जल जीवन मिशन प्रारम्भ हुआ तो राज्य में FHTC का आच्छादन ग्रामीण क्षेत्रों में लगभग 5 प्रतिशत घरों तक था जो आज बढ़ कर 40 प्रतिशत के करीब है। हेमंत सरकार द्वारा इस अवधि में 35 प्रतिशत नये परिवारों को योजना का लाभ उपलब्ध कराया गया है। इतना ही नहीं राज्य सरकार द्वारा राज्य के युवाओं को इस योजना से जोड़ने हेतु उन्हें मेकेनिक, प्लम्बर, इलेक्ट्रीशियन आदि कार्य हेतु प्रशिक्षित किया जा रहा है। अबतक लगभग 5 हजार युवाओं को प्रशिक्षित किया गया है और इस वर्ष के अंत तक कुल ‘‘18 हजार युवाओं‘‘ को प्रशिक्षित करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। प्रशिक्षण के उपरात इन युवाओं को ‘‘स्थानीय स्तर पर रोजगार‘‘ भी उपलब्ध कराया जा रहा है। उन्होंने बताया कि राज्य में एन०ए०बी०एल० से मान्यता प्राप्त कुल 28 अदद जल जांच प्रयोगशाला बनाये गए हैं, जिनमें से 24 जिला मुख्यालयों में अवस्थित है। अबतक इन ‘‘प्रयोगशालाओं में लगभग 58 हजार जल नमूनों की जांच की गई है।‘‘ इसके अतिरिक्त सभी 29595 ग्रामों के जल सहियाओं को प्रत्येक वर्ष फिल्ड टेस्ट किट (एफ0टी0के0) उपलब्ध कराया जाता है। इसके एक किट से लगभग 100 जल नमूनों की जांच होती है। जल में बैक्टेरिया की जांच के लिये H2S Vials भी उपलब्ध कराये जाते है। इन एफ०टी०के० की मदद से गांव के सभी जल स्त्रोतों की जांच निःशुल्क की जाती है। इस ‘‘वित्तीय वर्ष में अबतक लगभग 2 लाख 25 हजार जल नमूनों की जांच एफ०टी०के० द्वारा की गई है।‘‘
मंत्री मिथिलेश ठाकुर ने कहा कि हम सभी को भूगर्भीय जल स्तर को बनाए रखने के लिये जल संरक्षण एवं ग्राउंड वाटर रिचार्जिंग के तकनीक का उपयोग करना होगा। राज्य में स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) के तहत सभी गाँवों को ओ०डी०एफ० प्लस बनाने का कार्य किया जा रहा है। संपूर्ण स्वच्छता के लिए आवश्यकतानुसार शौचालयों का निर्माण करवाया जा रहा है। ठोस एवं तरल कचरा प्रबंधन के लिए संरचनाओं का निर्माण किया जा रहा है। आवश्यकतानुसार गोबर-धन योजना का क्रियान्वयन किया जा रहा है। राज्य में जल जीवन मिशन एवं स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) की सफलता एवं इसका पूरा लाभ ग्रामीण आबादी को प्राप्त हो सके, इसके लिये योजनाओं के गुणवत्ता पूर्ण निर्माण, योजनाओं के रख-रखाव एवं जल का सही गुणवत्ता का होना अत्यंत आवश्यक है। इसके लिये ‘‘राज्य सरकार, पंचायती राज्य संस्थाओं एवं जन प्रतिनिधियों सहित जनसमुदाय को मिलकर कार्य करने की आवश्यकता है।‘‘ इसके अलावा विभाग द्वारा ‘‘झार-जल ऐप‘‘ के माध्यम से ग्रामीण समुदायों के शिकायतों के पंजीकरण ‘‘झार-जल ऐप‘‘ शिकायत निवारण सेल का टोल-फ्री नंबर 1800-3456-502, और व्हाट्सएप नम्बर 9470176901 भी संचालित की गई है।