हर स्टेशन की अलग डिज़ाइन और सामग्री की ज़रूरत: डीआरएम
भागलपुर:डीआरएम मनीष कुमार गुप्ता ने कहलगांव रेलवे स्टेशन पर अमृत भारत स्टेशन योजना के तहत चल रहे विकास कार्यों का निरीक्षण करते हुए कार्य की धीमी प्रगति पर चिंता जताई। उन्होंने बताया कि स्टेशन पर उपयोग की जा रही सामग्री सामान्य नहीं होती, बल्कि विशेष प्रकार की होती है, जिसे विशेष ऑर्डर पर मंगवाया जाता है। सप्लायर्स समय पर डिलीवरी नहीं कर पाते, जिससे कार्य में अनावश्यक विलंब हो रहा है।
डीआरएम ने स्पष्ट किया कि प्रत्येक स्टेशन की डिज़ाइन भिन्न होती है और उसी अनुरूप अलग-अलग प्रकार की सामग्री की आवश्यकता होती है। कहलगांव, सुल्तानगंज और साहेबगंज स्टेशनों की डिज़ाइन और निर्माण सामग्री भी एक-दूसरे से भिन्न है। उन्होंने कहा कि सप्लायर निर्माण प्राथमिकता के अनुसार सामग्री तैयार करता है, जिससे कहलगांव स्टेशन पर कार्य की रफ्तार अपेक्षाकृत धीमी है।
स्वचालित सीढ़ी और यात्री सुविधाओं का विस्तार :
निरीक्षण के दौरान डीआरएम ने बताया कि कहलगांव स्टेशन पर यात्रियों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए स्वचालित सीढ़ी (एस्केलेटर) का निर्माण कराया जाएगा। साथ ही, पैसेंजर ट्रेनों की आवाजाही बढ़ाने के लिए भी विभागीय स्तर पर अध्ययन किया जाएगा।
वंदे भारत एक्सप्रेस को लेकर बड़ी घोषणा :
भागलपुर से कहलगांव होते हुए साहेबगंज के रास्ते वंदे भारत एक्सप्रेस के संभावित परिचालन के संबंध में पूछे गए सवाल पर डीआरएम ने कहा कि यह निर्णय तीसरी रेल लाइन के सर्वेक्षण के बाद लिया जाएगा।
दो साल बाद भी अधूरा है कायाकल्प कार्य :
गौरतलब है कि अमृत भारत स्टेशन योजना के अंतर्गत कहलगांव स्टेशन पर अगस्त 2023 से करीब 20 करोड़ रुपये की लागत से कायाकल्प कार्य आरंभ हुआ था। इस योजना के तहत स्टेशन के पांच पुराने केबिनों का सौंदर्यीकरण, स्टेशन के अग्रभाग (फैसाड), एप्रोच पथ और ग्रीन पार्क का निर्माण प्रस्तावित है। हालांकि, जिम्मेदार एजेंसी की लापरवाही के कारण अब तक कार्य पूरा नहीं हो पाया है। मालदा रेल प्रशासन ने एजेंसी को चार बार कार्य की अवधि बढ़ाने की अनुमति दी, जिसमें अंतिम एक्सटेंशन मई 2025 तक था, जिसकी अवधि भी समाप्त हो चुकी है। इसके बावजूद कार्य अधूरा है।
इस बीच, डिवीजन के तत्कालीन और वर्तमान डीआरएम द्वारा कई बार निरीक्षण किया गया और एजेंसी को कार्य शीघ्र पूरा करने के निर्देश भी दिए गए। एजेंसी पर 25 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया गया, लेकिन कार्य की गति में अब तक कोई उल्लेखनीय सुधार नहीं हो पाया है। वहीं, इसी डिवीजन के अन्य स्टेशनों पर रेनोवेशन का कार्य लगभग पूर्ण हो चुका है।

