पिछड़ा वर्ग को एक बार फिर हेमंत सोरेन सरकार छलने की साजिश रच रही है : सतीश कुमार
गढ़वा:आजसू पार्टी के केन्द्रीय सचिव सह गढवा जिला प्रभारी सतीश कुमार ने हेमंत सोरेन सरकार पर जोरदार हमला बोला है। उन्होंने कहा कि आजसू पार्टी लगातार झारखण्ड प्रदेश में पिछड़ा वर्ग को आरक्षण के लिए सदन से सड़क तक आन्दोलन करते रही हैं। महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश सरकार ने ट्रिपल टेस्ट कराकर पिछड़ा वर्ग आरक्षण को बचाया। बिहार सरकार भी इसी राह पर है। हेमंत सोरेन की युपीए सरकार अपने चुनावी घोषणा पत्र में घोषणा कर के सत्ता में आई थी। पहली कैबिनेट में पिछड़ा वर्ग को आरक्षण दिया जाएगा। 33 महिने के कार्यकाल कभी इस बिषय पर चर्चा करने कि जरूरत भी महसूस नहीं किया।मगर अब जब सरकार के माथे पर सरकार जाने के बादल मंडरा रहे है तो कैबिनेट में पिछड़ा वर्ग को 27 प्रतिशत आरक्षण देने के लिए मुख्यमंत्री ने प्रस्ताव पारित किया। त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव मे पिछडा वर्ग के साथ बिस्वासघात कर चुनाव करा दिया। उच्चतम न्यायालय ने स्पष्ट आदेश दिया है कि ट्रिपल टेस्ट करा कर आगे चुनाव कराए। झारखंड राज्य में अब तक जनगणना की सुगबुगाहट तक नही है। नगर निकाय चुनाव का समय आ गया। पिछड़ा वर्ग को एक बार फिर हेमंत सोरेन सरकार छलने की साजिश रच रही है। राज्य के 54 प्रतिशत पिछड़ा आवादी को पुनः हक अधिकार से बंचीत करने की कोशिश सरकार कर रही है। हम पिछड़ा वर्ग के आवादी के लिए लगातार संघर्ष करते रहे हैं।
जब आजसू पार्टी लाखों की संख्या में संस्मरण पत्र मुख्यमंत्री को सौपने रांची के मोरहाबादी मैदान में पहुंचे तो लाठीचार्ज कराई गई। बेशर्मी का हद पार करते हुए हमारे केन्द्रीय अध्यक्ष सुदेश कुमार महतो जी व सभी केन्द्रीय पदाधिकारी समेत काफी संख्या में कार्यकर्ताओं पर झुठा मुकदमा दर्ज कराया।इससे पिछड़ा वर्ग आरक्षण पर हेमंत सोरेन सरकार का मनसूबा साफ झलकता है। झारखंड में पिछड़ा वर्ग का 54 प्रतिशत आबादी है। लगभग 200 जातियां अपने हक अधिकार से मरहूम है। झारखंड के पिछड़ा वर्ग अब समझ गए हैं तेजी से गोलबंद हो रहे हैं। अब जनगणना अधारित अपने हिस्से की आरक्षण की मांग को लेकर राज्य ब्यापी आन्दोलन आजसू पार्टी के नेतृत्व में करने की तैयारी की है। राज्य सरकार अबिलंम्ब जनगणना आरंभ कराये।उच्चतम न्यायालय के आदेश अबिलंम्ब पिछड़ा वर्ग आयोग का गठन व ट्रिपल टेस्ट करा कर ही नगर निकाय के चुनाव की अधिसूचना जारी करे। जिसकी जितनी जनसंख्या भारी उसकी उतनी हिस्सेदारी दे।