रामनवमी जुलूस को लेकर निकाले गए आदेश पर सदर विधायक ने जताई भारी नाराजगी
हजारीबाग की ऐतिहासिक और ख्यातिपूर्ण रामनवमी जुलूस को उम्मीद थी कि राज्य की गठबंधन की सरकार कोविड के नाम पर जुलूस पर लगाए गए पाबंदी को हटाएगी और पारंपरिक तरीके से जुलूस निकालने का आदेश जारी करेगी। हजारीबाग की रामनवमी जुलूस की परंपरा को बरकरार रखने और जुलूस पर लगी पाबंदी को हटाने के लिए लगातार सदन में मांग उठाने वाले और सरकार के नुमाइंदों से मिलकर गुहार लगाने वाले विधायक मनीष जायसवाल को भी आशा थी कि राम भक्तों के आस्था का सरकार ध्यान रखेगी। लेकिन सरकार के मुख्य सचिव ने जुलूस को लेकर जो आदेश जारी किया वह रामनवमी जुलूस की परंपरा के ख़िलाफ़ हैं। सरकार द्वारा निर्गत आदेश से नाखुश हजारीबाग सदर विधायक मनीष जायसवाल ने कहा कि झारखंड की वर्तमान गठबंधन की सरकार हिंदू विरोधी थी, है और रहेगी। या सरकार सिर्फ और सिर्फ तुष्टीकरण और वोट बैंक की राजनीति में मशगूल है। करोड़ों हिंदुओं के आस्था के साथ खिलवाड़ कर रही है, कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा ।
विधायक मनीष जायसवाल ने कहा कि हजारीबाग की रामनवमी जुलूस परंपरागत तरीके से गाजे-बाजे, ढोल- ताशे के साथ निर्बाध रूप से 48 घंटे तक सड़क पर रहती है लेकिन आदेश में शाम 6:00 बजे के बाद जुलूस पर रोक लगाया जाना और डीजे सहित म्यूजिक पर पाबंदी लगाना जुलूस की परंपरा को नेस्तनाबूद करने की नापाक कोशिश करने जैसा ही है। विधायक श्री जायसवाल ने कहा कि हम पुनः आदेश निकालने वाले अधिकारी से लेकर सुबे के मुख्यमंत्री से मिलकर उन्हें हजारीबाग के राम भक्तों की भावना से अवगत कराएंगे और पारंपरिक तरीके से रामनवमी जुलूस निकालने के आदेश की मांग करेंगे और अगर इस पर सरकार पुनर्विचार नहीं करती है तो सड़क पर उतरकर इसका पुरजोर विरोध करेंगे ।

