बिहार सरकार के पूर्व मंत्री रमई राम का निधन, लालू, राबड़ी और नीतीश सरकार में भी रहे मंत्री, नौ बार रहे थे विधायक

पटनाः बिहार सरकार के पूर्व मंत्री रमई राम का निधन दुरुवार को हो गया। रमई राम नौ बार विधायक रहे थे। बोचहां सीट से तीन बार राजद के टिकट पर चुनाव जीते। एक बार जेडीयू के टिकट पर दो बार जनता दल के टिकट पर और इसके अलावा तीन अन्य दलों के प्रत्याशी के रूप में चुनाव जीते। इसके साथ ही वे पांच बार बिहार में मंत्री भी रहे हैं। लेकिन साल 2015 और 2020 में लगातार दो बार उन्हें हार का मुंह देखना पड़ा। 2015 में यहां निर्दलीय प्रत्याशी बेबी कुमारी ने इन्हें सियासी पटखनी दी तो वहीं 2020 में विकासशील इंसान पार्टी के मुसाफिर पासवान के हाथों उन्हें हार झेलनी पड़ी।बोचहां को उनका किला कहा जाता था। मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार ने शोक संवेदना में कहा है कि उन्‍होंने मंत्रिमंडल सहयोगी के रूप में कुशलतापूर्वक अपनी जिम्‍मेदारी का निर्वहन किया था। वे अपने क्षेत्र में काफी लोकप्रिय थे। कुशल राजनेता एवं समाजसेवी थे। दलितों एवं वंचितों के उत्‍थान के लिए वे लगातार सक्रिय रहे थे। मिलन व्‍यक्ति थे। उनसे हमारा पुराना रिश्‍ता था। सीएम ने उनकी पुत्री गीता कुमारी से बात कर उन्‍हें सांत्‍वना दी। राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री रामसूरत राय ने बयान जारी कर कहा कि पूर्व मंत्री के निधन से मर्माहत हूं। उनके निधन से राजनीति क्षेत्र को क्षति पहुंची है। नेता प्रतिपक्ष तेजस्‍वी यादव ने उनके निधन पर संवेदना प्रकट की है। उन्‍होंने कहा कि समाजवादी नेता रमई राम जी के निधन का दुखद समाचार प्राप्‍त हुआ। वे कर्मठ और सामाजिक कार्यकर्ता थे। जदयू के राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष ललन सिंह ने ट्वीट कर लिखा कि रमई राम का संपूर्ण जीवन दलित उत्‍थान के लिए समर्पित रहा। उनके निधन से सामाजिक एवं राजनीतिक क्षेत्र में अपूरणीय क्षति हुई है। प्रदेश अध्‍यक्ष उमेश कुशवाहा ने भी उनके निधन पर अपनी संवेदनाएं प्रकट की हैं।

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