मोटे अनाजों का उत्पादन मानव स्वास्थ के लिए महत्वपूर्ण: डॉ. नित्यानन्द

सहरसा:जिला के सत्तर कटैया प्रखंड क्षेत्र अंतर्गत कृषि विज्ञान केन्द्र अगवानपुर के तत्वावधान में भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद नई दिल्ली के 95 वां स्थापना दिवस के मौके पर रविवार को तीन दिवसीय प्रौद्योगिकी दिवस का शुभारम्भ किया गया। प्रौद्योगिकी दिवस के अवसर पर केन्द्र के वरीय वैज्ञानिक एवं प्रधान डॉ. नित्यानन्द द्वारा कृषि में मोटे अनाजों की खेती को बढ़ावा देने को लेकर मडुवा की खेती के वैज्ञानिक पहलुओं पर प्रकाश डाला गया। कृषकों को मोटे अनाजों का मानव स्वास्थ में महत्व को ध्यान में रखते हुए इस वर्ष 2023 को अन्तराष्ट्रीय मोटा आनाज वर्ष घोषित किया गया है। वर्षापात की स्थिति के दृष्टिकोण कृषकों को मडुवा की खेती को मेड़ पर रोपाई विधि से करने के लिए प्रोत्साहित किया गया।
धान की खेती में लागत खर्च में कमी लाने एवं रबी की फसलों के लिए समय पर खेतों की उपलब्धता को ध्यान में रखते हुए धान की सीधी बुआई की तकनीक पर केन्द्र के वैज्ञानिक ई. विमलेश कुमार पाण्डेय द्वारा उपस्थित कृषिकों को प्रोत्साहित किया गया। उपस्थित कृषको को केन्द्र के दीर्घकालीन प्रयोग प्रक्षेप पर सीधी बुआई द्वारा लगाई गई धान की फसल को दिखाया गया। मोटे अनाजों के मूल्य संवर्धन पर डॉ. सुनीता पासवान वैज्ञानिक गृह विज्ञान द्वारा विभिन्न उत्पादों की तकनीकी विषयों पर प्रकश डाला गया। मूल्य संवर्द्धन से रोजगार के अवसर पर प्रकाश डालते हुए डॉ. सुनीता द्वारा महिलाओं को आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया गया।
मानव स्वास्थ में सब्जियों की महता सर्वविदित है। खरीफ मौसम की सब्जियों की खेती की वैज्ञानिक विधियों पर कृषकों को केन्द्र के उद्यान वैज्ञानिक डॉ. पंकज कुमार राय द्वारा पौधशाला प्रबंधन
सब्जियों में रोग एवं कीट प्रबंधन तथा नये बाग की स्थापना विषयों पर चर्चा किया गया। डॉ. पंकज
द्वारा कृषकों को प्राकृतिक खेती की ओर अग्रसर होने हेतु तकनीक पर प्रकाश डाला गया। इस अवसर मिथिलायम कृषक उत्पादक संघ, बनगाँव के प्रसेनजीत कुमार द्वारा कृषक उत्पादक संघ में सम्मिलित होने एवं कृषक उत्पादन संघ बनाकर कृषि की और अग्रसर होने पर विशेष बल दिया गया। कृषक उत्पादक संघ को सरकार से प्राप्त सहयोग पर भी प्रकाश डाला गया।
इस कार्यक्रम में जलवायु अनुकुल कृषि कार्यक्रम के तहत अंगीकृत ग्राम बेला एवं कुम्हराघाट के कृषक तथा जलवायु समुत्थानशील कृषि पर राष्ट्रीय पहल के तहत अंगीकृत ग्राम बरेटा बड़गाँव के कृषक समूहों की भागीदारी रही। कार्यक्रम के अंत में केनद्र के प्रधान डॉ. नित्यानंद द्वारा भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद् में नई दिल्ली की स्थापना एवं कृषि तकनीक में इस संस्थान की भूमिका से अवगत कराया गया।

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