जिले के सभी सरकारी विद्यालयों में 22 अगस्त 2022 से होगी पोस्टर प्रतियोगिता

साहिबगंज
राष्ट्रीय जनसंख्या शिक्षा परियोजना कार्यक्रम तथा सेंटर फॉर कैटालाइजिंग चेंज (सी-3) के तकनीकी सहयोग से झारखंड के सभी सरकारी विद्यालयों में 22 अगस्त से पोस्टर प्रतियोगिता आयोजित की जायेगी । इस प्रतियोगिता में छठी से 12 वीं कक्षा के विद्यार्थियों को विद्यालय स्वास्थ्य एवम कल्याण कार्यक्रम के तहत निहित 15 विषयो में से किसी एक पर स्वेच्छा से पोस्टर तैयार करने होंगे । इस बाबत स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग की महत्वपूर्ण ईकाई जे.सी.ई.आर.टी के द्वारा सभी जिलों को पत्र के माध्यम से निर्देश दिए हैं ।

उपरोक्त के आलोक में जिला शिक्षा पदाधिकारी ने कहा है कि 22 से 26 अगस्त तक विद्यालय स्वास्थ्य स्तरीय प्रतियोगिता आयोजित होगी जिसमे प्रधानाध्यापक , एवम विद्यालय आरोग्य दूत और अन्य वरीय शिक्षक निर्णायक के रूप में रहेंगे । इसके बाद 29-30 अगस्त तक विद्यालयों से चयनित 3-3 प्रतिभागियों की प्रतियोगिता प्रखंड स्तर पर होगी जिसमें निर्णायक की भूमिका में प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारी एवं प्रखंड कार्यक्रम पदाधिकारी अनिवार्य रूप से होंगे , इसके साथ चयनित विद्यालयों के प्रधानाध्यापकों को भी निर्णायक के रूप के शामिल किया जा सकता है । इसके बाद 1-4 सितंबर तक जिला स्तर पर इसका आयोजन होगा जिसमें निर्णायक के तौर पर जिला शिक्षा अधीक्षक, अतिरिक्त जिला कार्यक्रम पदाधिकारी, क्षेत्र शिक्षा पदाधिकारी, सहायक कार्यक्रम पदाधिकारी एवं सेंटर फॉर कैटालाइजिंग चेंज (सी-3) के प्रतिनिधि आदि सम्मिलित किए जायेंगे । यहां सर्वश्रेष्ठ पोस्टर बनाने वाले विद्यार्थी पुरस्कृत किए जायेंगे । इन प्रतियोगिताओं में सभी मध्य, माध्यमिक, उच्चतर माध्यमिक यथा कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय , एकलव्य विद्यालय, जिला वार चयनित मॉडल स्कूल समेत अन्य सरकारी विद्यालयों के विद्यार्थी भाग लेंगे ।

पोस्टर प्रतियोगिता के संबंध में अतिरिक्त जिला कार्यक्रम पदाधिकारी ने बताया कि प्रतियोगिता में भाग लेने वाले विद्यार्थियों को पोस्टर ने ही अपनी जानकारी देनी होगी पोस्टर के दाहिनी ओर विद्यार्थी को अपना नाम रोल नंबर कक्षा स्कूल प्रखंड व जिला का नाम लिखना होगा प्रतियोगिता हेतु चिन्हित विषय है स्वास्थ्य बढ़ना, भावनात्मक कल्याण व मानसिक स्वास्थ्य, पारस्परिक संबंध मूल्य एवं जिम्मेदारी नागरिक, जेंडर समानता, पोषण एवं स्वास्थ्य, मादक द्रव्यों का सेवन की रोकथाम एवं प्रबंधन, स्वास्थ्य जीवन शैली को बढ़ावा देना, प्रजनन स्वास्थ्य एवं एचआईवी की रोकथाम, हिंसा व चोट के खिलाफ सुरक्षा, इंटरनेट व सोशल मीडिया का सुरक्षित उपयोग, मानव तस्करी, बाल विवाह, सड़क सुरक्षा एवं दहेज प्रथा आदि ।

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