पीएमओ ने बिजली कंपनियों पर तरेरी आंखे, 25 को पीएम मोदी पतरातू पावर प्लांट और संचरण लाइन का लेंगे जायजा
वीडियो कांफ्रेसिंग के जरीए पीएम से जुड़ेंगे झारखंड के ऊर्जा सचिव सहित अन्य अधिकारी
अगले अंक में पढ़िए संचरण लाइन में कैसे-कैसे हुआ है खेल
रांचीः झारखंड की लचर बिजली व्यवस्था को पीएमओ ने गंभीरता से लिया है। इसके मद्देनजर पतरातू में एनटीपीसी द्वारा बनाए जा रहे 4000 मेगावाट के पावर प्लांट के निर्माण कार्य़ की प्रगति और उसमें आ रही अड़चनों से भी प्रधानमंत्री 25 मई को रू-ब- रू होंगे। इस वीडियो कांफ्रेंसिंग में केंद्रीय ऊर्जा सचिव, झारखंड के मुख्य सचिव, ऊर्जा सचिव सहित बिजली कंपनियों के अफसर भी शामिल होंगे। जानकारी के अनुसार पीओमओ हर हाल में 2024 के पहले पतरातू पावर प्लांट से बिजली उत्पादन शुरू कराना चाहता है। इसको लेकर बिजली कंपनियों के अफसर रेस हैं। इसमें आ रही अड़चनों को भी दूर करने की कोशिश की जा रही है। सबसे बड़ी अड़चन ट्रांसमिशन लाइन की है। पावर प्लांट से बिजली आपूर्ति के लिए ट्रांसमिशन लाइन का निर्माण किया जाना था, लेकिन ट्रांसमिशन लाइन का टेंडर रद्द कर फिर से नई शर्तों के साथ टेंडर करने की तैयारी चल रही है। इसका जवाब भी संचरण निगम को बताना होगा। वहीं पावर प्लांट के लिए आबंटित बनहर्दी कोल ब्लॉक को लेकर भी अड़चन है। इसमें एकाउंट क्लीयर नहीं हो पाया है। कई डिस्पूट मैटर अब भी चल ही रहे हैं। बताते चलें कि पतरातू में चार हजार मेगावाट पावर प्लांट बनाने की योजना राज्य सरकार ने 2015 में बनायी. योजना तहत पहले चरण में 2400 मेगावाट का पावर प्लांट पहले चरण में बनना था. दूसरे चरण में 1600 मेगावाट पावर प्लांट बनाया जाना था. पहले चरण का उत्पादन साल 2019 में शुरू होना था, लेकिन अब पहले चरण में 800 मेगावाट उत्पादन शुरू होने की संभावना जताई जा रही है। वर्ष 2015 में झारखंड विद्युत वितरण निगम लिमिटेड की ओर से एनटीपीसी के साथ समझौता किया गया था.