पीएम मोदी की रेडियो क्रांति हुई सेंचुरी,भाजपा ने सभी बूथों पर आयोजित किया कार्यक्रम

रांची : प्रधानमंत्री मोदी के मन की बात कार्यक्रम का रविवार को एक सौ वां एपिसोड पूरा हो है।
भाजपा ने इस कार्यक्रम का सभी बूथों पर आम लोगों और कार्यकर्ताओं के साथ पीएम मोदी की बातों को सुना। मन की बात के 100वें एपिसोड को संबोधित मोदी ने कहा कि एक ऐसा पर्व जो हर महीने आता है, जिसका इंतजार हम सभी को होता है. हम इसमें पॉजिटिविटी को सेलिब्रेट करते हैं. हम इसमें जनता की सहभागिता को भी सेलिब्रेट करते हैं. कई बार यकीन नहीं होता कि ‘मन की बात’ को इतने महीने और इतने साल गुजर गए. हर एपिसोड अपने आप में खास रहा. हर बार, नए उदाहरणों की नवीनता, हर बार देशवासियों की नई सफलताओं का विस्तार. ‘मन की बात’ में पूरे देश के कोने-कोने से लोग जुड़े, हर आयु-वर्ग के लोग जुड़े. ‘मन की बात’ जिस विषय से जुड़ा, वो, जन-आंदोलन बन गया, और आप लोगों ने बना दिया.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि जब मैंने, तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा के साथ साझा ‘मन की बात’ की थी, तो इसकी चर्चा पूरे विश्व में हुई थी. ‘मन की बात’ दूसरों के गुणों से सीखने का बहुत बड़ा माध्यम बन गई है. साथियों, मन की बात मेरे लिए तो दूसरों के गुणों की पूजा करने की तरह ही रहा है. मेरे एक मार्गदर्शक थे- श्री लक्ष्मणराव जी ईनामदार. हम उनको वकील साहब कहा करते थे. वो हमेशा कहते थे कि हमें दूसरों के गुणों की पूजा करनी चाहिए. सामने कोई भी हो, आपके साथ का हो, आपका विरोधी हो, हमें उसके अच्छे गुणों को जानने का, उनसे सीखने का, प्रयास करना चाहिए. उनकी इस बात ने मुझे हमेशा प्रेरणा दी है. मन की बात दूसरे के गुणों से सीखने का बहुत बड़ा माध्यम बन गई है.
पीएम मोदी ने कहा कि मेरे प्यारे देशवासियों, इस कार्यक्रम ने मुझे कभी भी आपसे दूर नहीं होने दिया. पचासों साल पहले मैंने अपना घर इसलिए नहीं छोड़ा था कि एक दिन अपने ही देश के लोगों से संपर्क ही मुश्किल हो जाएगा. जो देशवासी मेरा सब कुछ है, मैं उनसे ही कट करके जी नहीं सकता था. मन की बात ने मुझे इस चुनौती का समाधान दिया, सामान्य मानवी से जुड़ने का रास्ता दिया. हर महीने में देश के लोगों के हजारों संदेशों को पढ़ता हूं, हर महीने में देशवासियों के एक से एक अद्भुत स्वरूप के दर्शन करता हूं. मुझे लगता ही नहीं है, कि मैं, आपसे थोडा भी दूर हूं. मेरे लिए ‘मन की बात’ ये एक कार्यक्रम नहीं है, मेरे लिए एक आस्था, पूजा, व्रत है.
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि ‘मन की बात’ मेरे मन की आध्यात्मिक यात्रा बन गया है. मन की बात स्व से समिष्टि की यात्रा है. ‘मन की बात’ अहम् से वयम् की यात्रा है. यह तो मैं नहीं तू ही इसकी संस्कार साधना है. आज, पिछला कितना ही कुछ, आंखों के सामने आए जा रहा है. देशवासियों के इन प्रयासों ने मुझे लगातार खुद को खपाने की प्रेरणा दी है. साथियों, ‘मन की बात’ में जिन लोगों का हम जिक्र करते हैं वे सब हमारे Heroes हैं जिन्होंने इस कार्यक्रम को जीवंत बनाया है. आज जब हम 100वें एपिसोड के पड़ाव पर पहुंचे हैं, तो मेरी ये भी इच्छा है कि हम एक बार फिर इन सारे Heroes के पास जाकर उनकी यात्रा के बारे में जानें. जीवन में बेटी का स्थान कितना बड़ा होता है, Selfie With Daughter अभियान से यह भी प्रकट हुआ. ऐसे ही अनेकों प्रयासों का परिणाम है कि आज हरियाणा में Gender Ratio में सुधार आया है. मुझे इस बात का बहुत संतोष है कि ‘मन की बात’ में हमने देश की नारी शक्ति की सैकड़ों प्रेरणादायी गाथाओं का जिक्र किया है.

उन्होंने कहा कि चाहे हमारी सेना हो या फिर खेल जगत हो, मैंने जब भी महिलाओं की उपलब्धियों पर बात की है, उसकी खूब प्रशंसा हुई है. ऐसे कितने ही अभियानों को हमारी नारी-शक्ति ने नेतृत्व दिया है और ‘मन की बात’ उनके प्रयासों को सामने लाने का मंच बना है. साथियों, अब हमारे साथ फोनलाइन पर एक और सज्जन मौजूद हैं. इनका नाम है, मंजूर अहमद. ‘मन की बात’ में, जम्मू-कश्मीर की Pencil Slates के बारे में बताते हुए मंजूर अहमद का जिक्र हुआ था. हमारे देश में ऐसे कितने ही प्रतिभाशाली लोग हैं, जो अपनी मेहनत के बलबूते ही सफलता के शिखर तक पहुंचे हैं. मुझे याद है, विशाखापट्नम के वेंकट मुरली प्रसाद ने एक आत्मनिर्भर भारत Chart Share किया था. उन्होंने बताया था कि वो कैसे ज्यादा से ज्यादा भारतीय प्रोडक्ट्स ही इस्तेमाल करेंगे.

पीएम मोदी ने कहा कि हमने Make in India के अनेक उदाहरणों से लेकर Space Start-ups तक की चर्चा ‘मन की बात’ में की है. साथियों, आपको याद होगा, कुछ एपिसोड पहले मैंने मणिपुर की बहन विजयशांति देवी का भी जिक्र किया था. विजयशांति कमल के रेशों से कपड़े बनाती हैं. ‘मन की बात’ में उनके इस अनोखे Eco-Friendly Idea की बात हुई तो उनका काम और Popular हो गया. साथियों, ‘मन की बात’ के एक और विशेषता रही है. ‘मन की बात’ के जरिए कितने ही जन-आन्दोलन ने जन्म भी लिया है और गति भी पकड़ी है. समाज को प्रेरित करने का ऐसे ही बीड़ा प्रदीप सांगवान ने भी उठा रखा है. ‘मन की बात’ में हमने प्रदीप सांगवान के ‘हीलिंग हिमालयाज’ अभियान की चर्चा की थी.

प्रधानमंत्री ने कहा कि साथियों, आज देश में टूरिज्म बहुत तेजी से ग्रो कर रहा है. हमारे ये प्राकृतिक संसाधन हों, नदियां, पहाड़, तालाब या फिर हमारे तीर्थ स्थल हों, उन्हें साफ रखना बहुत जरूरी है. ये टूरिज्म इंडस्ट्री की बहुत मदद करेगा. पर्यटन में स्वच्छता के साथ-साथ हमने Incredible India Movement की भी कई बार चर्चा की है. इस मूवमेंट से लोगों को पहली बार ऐसे कितनी ही जगहों के बारे में पता चला, जो उनके आस-पास ही थे. मैं हमेशा ही कहता हूं कि हमें विदेशों में Tourism पर जाने से पहले हमारे देश के कम से कम 15 टूरिस्ट डेस्टिनेशन पर जरूर जाना चाहिए और यह डेस्टिनेशन जिस राज्य में आप रहते हैं, वहां के नहीं होने चाहिए, आपके राज्य से बाहर किसी अन्य राज्य के होने चाहिए. ऐसे ही हमने स्वच्छ सियाचिन, सिंगल यूज प्लास्टिक और ई-वेस्ट जैसे गंभीर विषयों पर भी लगातार बात की है. आज पूरी दुनिया पर्यावरण के जिस Issue को लेकर इतना परेशान है, उसके समाधान में ‘मन की बात’ का ये प्रयास बहुत अहम है.

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