विश्व नर्सिंग दिवस पर पासवा ने रिम्स अस्पताल की नर्सों को किया सम्मानित

रांची : झारखंड प्रदेश पासवा अध्यक्ष आलोक कुमार दूबे, पासवा महासचिव संजय प्रसाद, मुजाहिद इस्लाम,बासगा फातिमा,बबलू वर्मा, मेंहुल दूबे ने विश्व नर्स दिवस के उपलक्ष्य में नर्सों के अदम्य साहस, सराहनीय योगदान एवं कर्तव्य परायणता के लिए नर्सों को सम्मानित किया. उनके प्रति कृतज्ञता प्रकट करते हुए साथ खड़े रहने का भरोसा दिलाया.
पासवा की ओर से राज्य के सभी नर्स बहनों के प्रति भी आदर प्रकट किया है.
विश्व नर्सिंग दिवस के उपलक्ष्य में रांची के प्रतिष्ठित रिम्स अस्पताल बरियातू के मेडिसीन विभाग, पेइंग वार्ड एवं अन्य वार्ड में पासवा ने 50 से अधिक नर्सों को सम्मानित किया और उनके प्रति आदर प्रकट किया. इस मौके पर मेडिसीन विभागा यूनिट इंचार्ज डॉ संजय सिंह विशेष तौर पर मौजूद रहे।
नर्सों को सम्मानित करते हुए पासवा अध्यक्ष आलोक कुमार दूबे ने कहा कि एक मरीज की जान बचाने में जितनी अहम भूमिका चिकित्सक की होती है उससे कहीं अधिक नर्स की भी होती है। कोरोना महामारी का दौर हमारे सामने रहा है।इसमें लोगों की जान बचाने के लिए चिकित्सकों के साथ नर्सों ने भी अपना जीवन दांव पर लगा दिया था, जिसकी वजह से लोगों की जान बच सकी।
आलोक दूबे ने कहा कोरोना संक्रमित मरीजों की देखभाल की पूरी जिम्मेदारी नर्सों के कंधों पर थी। सच कहा जाए तो अपने परिवार और नन्हे-मुन्हें बच्चों को घर में छोड़कर दिन रात नर्सों ने एक योद्धा की तरह काम किया,जिसके प्रति आज पूरा देश उन्हें सम्मान और कृतज्ञता प्रकट करता है।टीकाकरण के शुरुआत में जब लोग एक दूसरे से मिलने में डरते थे तब रिम्स अस्पताल ने और इनके नर्सों ने डर को पीछे छोड़ते हुए सभी मरीजों को टीका लगाया इसके लिए राज्य की जनता उन्हें साधुवाद देती है.
पासवा अध्यक्ष ने कहा पूरी दुनिया में कोरोना महामारी के दौर में जब अपने परिवार और रिश्तेदारों ने मरीजों को उनके हाल पर छोड़ दिया तब नर्सों ने अपनी इंसानियत का फर्ज अदा किया। अपनी जान जोखिम में डालकर भी अपने प्रशिक्षण,अनुभव और योग्यता के आधार पर लोगों की जान बचाने उन्हें सेहत बनाने का काम किया। बिना किसी डर भय व भेदभाव के इलाज किया जिसे आज देश और प्रदेश ही नहीं पूरी दुनिया नतमस्तक हो रही है।नर्स अस्पतालों और क्लिनिकों की रीढ़ होती है जिसके बिना हम स्वास्थ्य चिकित्सा की बात सोच भी नहीं सकते।
मेडिसीन विभाग यूनिट इंचार्ज डॉ.संजय सिंह ने कहा कि नोबल नर्सिंग सेवा की शुरुआत करने वाली फ्लोरेंस नाइटइंगेल के जन्म दिवस 12 मई को दुनिया भर में विश्व नर्स दिवस के रूप में मनाया जाता है, उन्होंने क्रीमियन युद्ध के दौरान घायल ब्रिटिश सैनिकों की लालटेन लेकर देखभाल की थी इस वजह से उन्हें लेडी विद द लैंप भी कहा गया, फ्लोरेंस नाइटइंगेल को विश्व की पहली नर्स माना जाता है.
डॉ.संजय सिंह ने कहा किसी भी अस्पताल को चलाने में नर्स की सबसे बड़ी भूमिका होती है. डॉक्टर तो दस मिनट में चले जाते हैं लेकिन नर्स 24 घंटे सेवा में लगे रहते हैं, हमारे नर्स हमारा परिवार है।
प्रदेश महासचिव संजय प्रसाद एवं मुजाहिद इस्लाम ने कहा समाज का महत्वपूर्ण अंग हैं हमारे नर्स बहने जिन्होंने कोरोना महामारी में अपनी अतुलनीय योगदान का एहसास कराया है।
नर्स प्रभारी ने कहा कि पहली बार कोई हमें सम्मानित कर रहा है। पासवा के लोगों को विशेषकर आलोक दूबे,संजय प्रसाद, मुजाहिद इस्लाम को धन्यवाद देती हूं।संस्थान भी हमें अपना परिवार मानते हैं।

नर्स युक्ता घोष ने कहा कभी कभी रोगियों के व्यवहार से दुख भी होता है लेकिन हम उससे विचलित नहीं होते हैं।सम्मान को हम सकारात्मक उर्जा के रुप में देखते हैं।
सिस्टर रेजिना मुर्मू ने कहा परिजनों को परिवार की तरह हम रखते हैं। सिस्टर नीलिमा ने कहा हम किसी को सेवा देते हैं तो हमें बहुत खुशी होती है।
सिस्टर नीलिमा, सुषमा रानी,लता कुमारी, रेजिना मुर्मू,नीतू कुमारी,युक्ता घोष,सीमा एक्का, ज्योति ज्वाना सहित कई नर्सों को सम्मानित किया गया।

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