आठ दिनों से जल रहे हैं पारसनाथ के जंगल, पर विभाग में नहीं है हलचल

गिरिडीह : जैनियों के सबसे बड़े तीर्थस्थल सम्मेद शिखर यानी पारसनाथ की पहाड़ी के ईर्द-गिर्द बड़े दायरे में बीते आठ दिनों से आग की लपटें धधक रही है।
आग और धुएं से जंगल का दम घुटता जा रहा है. धीरे-धीरे ये दायरा बढ़ रहा है और इसके ज़द में आकर पेड़-पौधे, बहुमूल्य जड़ी बूटियों और दूसरे कीमती वनस्पति सहित कई वन्यजीवों पर संकट मंडराने लगा है। पारसनाथ की तलहटी में दर्जनों गांव भी बसे हैं. डर है कि आग उन बसावट तक ना पहुंच जाए।
8 दिनों से आग में जंगल का दम घुट रहा है। बावजूद वन विभाग आराम फरमा रहा है. जिसके बाद पारसनाथ में मकर संक्रांति मेले का आयोजन करने वाली पारसनाथ मकर संक्रांति मेला समिति और पारसनाथ वन संस्था रक्षा समिति के स्थानीय वॉलिटिंयरों ने मोर्चा संभाल रखा है। समिति के अध्यक्ष नरेश महतो ने बताया कि फुलीबगान के समीप, आम बगान, चंदनचौक, चन्दाप्रभु टोंक ईट्टा बेडा, डहीया, खीयोभीत सहित कई क्षेत्रों में ग्रामीणों ने आग बुझाने का काम किया. लेकिन रह-रह कर फिर से उन इलाकों में आग धधकने लग रही है. नरेश महतो कहते हैं कि ‘हम अपने घर को आंखों के सामने कैसे जलने दें’।
आग बुझाने में जुटे स्थानीय ग्रामीण वन विभाग से मायूस हैं। लेकिन उन्हें जैन समुदाय से भी शिकायत है। नरेश महतो कहते हैं कि पारसनाथ के आसपास जैनियों की बड़ी आबादी रहती है। इसके बावजूद हर तरह से सशक्त ये समाज हाथ पर हाथ धरे जंगल को स्वाहा होते देख रहा है। पिछले दिनों आस्था के सवाल पर पारसनाथ से दिल्ली एक कर दिया गया। लेकिन जंगल में लगी आग को लेकर ना कोई कुछ कह रहा है, ना ही कुछ कर रहा है।
पिछले आठ दिनों में जंगल में आग का दायरा की गुणा बढ़ गया है, और वन विभाग इसे सामान्य घटना बता रहा है। विभाग के रेंजर एसके रवि ने कहा कि जंगल में गर्मी के कारण आग लगती ही है। जिसे बुझाने के विभाग के कर्मी तत्पर हैं। इस पर जल्द काबू पा लिया जाएगा।
समिति के अध्यक्ष नरेश महतो ने कहा कि आग के कारण वन्य जीवों व वनस्पतियों पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं। आग बुझाने में जुटे स्थानीय नौजवानों ने पक्षियों के घोंसले और उनके अंडों को नष्ट होते देखा है। साथ ही बहु उपयोगी जड़ी बूटियों के पौधे व अन्य वनस्पति भी लगातार झुलस रहे हैं।
आग बुझाने मे जुटे समिति के सदस्यों में नरेश कुमार महतो, गाजो महतो, मनोज अग्रवाल, प्रकाश कुमार, रोहित महतो, बालेश्वर महतो, संदीप महतो, लक्ष्मी कांत महतो, संतोष महतो, कामेश्वर महतो, प्रकाश महतो, बिनोद सोरेन, राहुल महतो, संदीप हेम्ब्रम व अन्य शामिल है।

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