गया में नहीं लगेगा पं. धीरेंद्र शास्त्री का दरबार,तीन दिन तक इस काम के लिए यहां रुकेंगे

गया : 28 सितंबर से गयाजी में शुरु होनेवाले विश्व प्रसिद्ध पितृपक्ष मेला के कारण मगध विश्वविद्यालय परिसर में पं धीरेंद्र शास्त्री दिव्य दरबार नहीं लगेगा। साथ ही महाबोधि मंदिर और शक्ति पीठ मां मंगलागौरी जाने की भी प्रशासनिक अनुमति नहीं दी गई है। बाबा बागेश्वर धाम वाले पंडित आचार्य धीरेन्द्र शास्त्री का एक से तीन अक्तूबर तक गयाजी में संभावित कार्यक्रम है। लेकिन 28 सितंबर से गयाजी में शुरु होनेवाले विश्व प्रसिद्ध पितृपक्ष मेला के कारण मगध विश्वविद्यालय परिसर में उनका दिव्य दरबार नहीं लगेगा। साथ ही महाबोधि मंदिर और शक्ति पीठ मां मंगलागौरी जाने की भी प्रशासनिक अनुमति नहीं दी गई है। बोधगया स्थित ऑडिटोरियम में कार्यक्रम के लिए आयोजन समिति द्वारा गया के डीएम को आवेदन दिया गया था।बाबा बागेश्वर धाम सरकार के गया में कार्यक्रम को लेकर जिलेवासी ही नहीं बल्कि बिहार के विभिन्न हिस्सों में उनके भक्तों-शिष्यों के बीच भारी उत्साह है। लेकिन बाबा बागेश्वर धाम के दिव्य दरबार नहीं लगने की खबर के बाद लोगों में उदासी छा गई है। हालांकि पंडित बाबा धीरेन्द्र शास्त्री 01 अक्टूबर से 03 अक्टूबर तक गयाजी में ही रहेंगे। और पंचकोशी गयाजी तीर्थक्षेत्र में तर्पण व पिंडदान करेंगे। गयापाल पंडा ही उनके कर्मकांड को पूरा करायेंगे। इसके लिए उनकी वंशावली भी खंगाली जा रही है। आचार्य धीरेन्द्र शास्त्री मध्यप्रदेश के छतरपुर जिले के गाढ़ा गांव के निवासी हैं। यह खजुराहो के पास ही है। बाबा बागेश्वर के दादाजी भी गयाजी में तर्पण और पिंडदान कर चुके हैं। आयोजकों द्वारा संबंधित गयापाल पंडा से सपर्क किया जा रहा है। वहीं दिव्य दरबार की अनुमति नहीं मिलने के कारण बाबा बागेश्वर धाम सरकार के गयाजी में तीन दिनों के प्रवास के दौरान नए सिरे से कार्यक्रम तय किए जा रह हैं।
बाबा बागेश्वर धाम सरकार पंडित आचार्य धीरेन्द्र शास्त्री के लिए बोधगया स्थित संबोधि रिट्रीट को बुक किया गया है। बाबा यहीं तीन दिनों तक रूकेंगे। इस होटल परिसर में दो हॉल है। इन्हीं हॉल में बाबा बागेश्वर अपने चुनिंदा भक्तों और शिष्यों से मिलेंगे। बाबा बागेश्वर धाम सरकार पंडित आचार्य धीरेन्द्र शास्त्री एक से तीन अक्तूबर तक गयाजी में रहेंगे। पितरों के महाकुंभ पितृपक्ष मेला को लेकर जिला प्रशासन ने भी बाबा बागेश्वर धाम सरकार के कार्यक्रम को सीमित कर दिया है। अब बाबा न तो महाबोधि मंदिर और न ही शक्तिपीठ मां मंगलागौरी मंदिर में दर्शन-पूजन को जा सकेंगे, हालांकि विश्व प्रसिद्ध श्री विष्णुपद में पिंडदान व तर्पण के कर्मकांड को पूरा करेंगे।श्री बागेश्वर जन सेवा समिति के कार्यक्रम समन्वयक उपेन्द्र कुमार सिंह ने बताया कि जिला प्रशासन द्वारा पितृपक्ष महाकुंभ में आने वाले लाखों तीर्थयात्रियों को देखते हुए बाबा के कार्यक्रम को सीमित कर दिया गया है। अब बाबा विष्णुपद में पिंडदान व तर्पण करेंगे। पितृपक्ष मेला 2023 का शुभारंभ 28 सितंबर से हो रहा है। इस बार पितृपक्ष मेला में 15 लाख से ऊपर पिंडदानियों के गयाजी में आने की प्रबल संभावना है। जिला प्रशासन तीर्थयात्रियों की सुविधा के लिए कटिबद्ध है। विधि-व्यवस्था के साथ भीड़ व यातायात नियंत्रण आदि की व्यवस्था की जाती है। बाबा द्वारा प्रस्तावित हरि कथा से उक्त व्यवस्था बाधित होने की संभावना है। जिला प्रशासन द्वारा पिंडदानियों की सुविधा को देखते हुए किसी भी प्रकार के कार्यक्रम की अनुमति नहीं दी जाती है।

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