झारखंड में बालू से निकाला जा रहा तेल, ब्लैक में मिल रहा 6000 रुपए अधिक में बालू
झारखंड में हैं 688 बालू घाट, अब तक टेंडर की प्रक्रिया पूरी नहीं
पंचायत चुनाव के कारण टेंडर की प्रक्रिया को नहीं दिया जा सका है अंतिम रूप
रांचीः झारखंड में सियासी तपिश के साथ बालू का खेल भी जारी है। पिछली बार हेमंत सरकार के समय भी विपक्ष ने बालू के मुद्दे को काफी भुनाया था। बंबई की कंपनी को बालू की जिम्मेवारी सौंपने का आरोप भी लगा था। इस बार भी झारखंड में बालू से तेल निकाला जा रहा है। बालू की कालाबाजारी चरम पर है। इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है एक हाइवा बालू की कीमत 12 हजार रुपए थी, जो ब्लैक में 18 हजार रुपए में मिल रही है। यानि इतने बालू के लिए छह हजार रुपए अधिक देने पड़ रहे हैं। बताते चलें कि राज्य में 688 बालू घाट हैं। इनका टेंडर किया जाना है।
इसके टेंडर की प्रक्रिया सितंबर 2021 से ही चल रही है। लेकिन पंचायत चुनाव के कारण लगी आचार संहिता के कारण प्रक्रिया पूरी नहीं हो पाई है। हालांकि इसके लिए राज्य निर्वाचन आयोग से अनुमति मांगने की बात कही जा रही है। फिलहाल राज्य में 18 ऐसे बालू घाट हैं, जिनका लीगल तरीके से संचालन हो रहा है। जिसमें चतरा के चार, सरायकेला से एक, दुमका के दो, देवघर के पांच, कोडरमा के दो, खूंटी के दो, गुमला का एक और हजारीबाग के एक बालू घाट शामिल हैं।