अब खनिजों के मामले में झारखंड पूरी तरह से केंद्र सरकार पर निर्भर नहीं रहेगी: ठाकुर
रांची: झारखंड और अन्य राज्यों द्वारा खदान और खनिज संपदाओं पर कर लगाने के मामले में सुप्रीम कोर्ट का फैसला ऐतिहासिक एवं स्वागत योग्य है।
उच्चतम न्यायालय के फैसले का स्वागत करते हुए प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने उक्त विचार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि उच्चतम न्यायालय द्वारा खनिज और खदानों पर राज्यों द्वारा कर लगाने के अधिकार के पक्ष में फैसला देना एक ऐतिहासिक निर्णय है। उन्होंने कहा कि 35 वर्षों पूर्व के फैसले को अमान्य करार देकर उच्चतम न्यायालय ने झारखंड को उसका हक वापस लौटा दिया। इस फैसले से अब खनिजों के मामले में झारखंड पूरी तरह से केंद्र सरकार पर निर्भर नहीं रहेगी हालांकि केंद्र द्वारा वसूली जाने वाली रॉयल्टी में झारखंड सरकार का हक बनता है लेकिन फिर भी वर्षों से झारखंड सरकार का रॉयल्टी का बकाया केंद्र सरकार द्वारा नहीं दिए जाने के कारण राज्य की आर्थिक स्थिति में तेज वृद्धि नहीं हो पा रही थी। खनिजों पर कर लगाने के अधिकार से झारखंड की आर्थिक उन्नति में एक नया अध्याय जुड़ेगा क्योंकि देश की अर्थव्यवस्था की गति और आधारभूत संरचनाओं के निर्माण में झारखंड के खनिज संपदाओं का हमेशा से बड़ा योगदान रहा है। कर लगाने के अधिकार से अब झारखंड के राजस्व में सबसे बड़ा योगदान झारखंड की धरती का ही होगा जिसका उपयोग झारखंड के धरतीपुत्रों के विकास के लिए बहुआयामी तरीके से हो सकेगा। उन्होंने कहा कि खनिजों से होने वाली आय पर हक के लिए आंशिक रूप से केंद्र की निर्भरता समाप्त हो जाएगी।