एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट शीघ्र लागू कराए जाने की झारखंड में जरुरत: राजेश शुक्ल

झारखंड स्टेट बार कौंसिल के वाईस चेयरमैन और राज्य के सुप्रसिद्ध वरिष्ठ अधिवक्ता श्री राजेश कुमार शुक्ल ने कहा है झारखंड सरकार को झारखंड में एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट बिना विलम्ब के लागू करना चाहिए। इस सम्बंध में झारखंड स्टेट बार कौंसिल ने एक्ट का प्रारूप राज्य सरकार को पूर्व में ही सौपा था। पुनः जुलाई 22 में उस एक्ट के प्रारूप की हिंदी प्रति भी राज्य के विधि विभाग ने कौंसिल से मांगा था जिसे विधि विभाग कोभेजा गया है लेकिन राज्य सरकार ने उस पर अब तक गंभीरता नही दिखाई है।

श्री शुक्ल ने आज पुनः ई मेल भेजकर झारखंड के राज्यपाल श्री रमेश बैस और राज्य के मुख्यमंत्री श्री हेमन्त सोरेन को स्मारित कराते हुए झारखंड में एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट लागू कराने और राज्य के बजट में अन्य राज्यों की तरह झारखंड में भी बजट में अधिवक्ता कल्याण की योजनाओं के लिए निधि आवंटन का आग्रह को दोहराया है।

श्री शुक्ल जो अखिल भारतीय अधिवक्ता कल्याण समिति के भी राष्ट्रीय महामंत्री भी है ने ई मेल में लिखा है कि देश आज आजादी का 75 बर्ष पूरा होने पर अमृत महोत्सव मना रहा है लेकिन इतने बर्ष बाद भी राज्य सरकार की उदासीनता के चलते राज्य के न्यायालयों में आधारभूत संरचना का अभाव है। अधिवक्ताओं के लिए बैठने तक कि अच्छी व्यवस्था कई जिलों और अनुमंडलों में नही है।

श्री शुक्ल ने कहा है कि बार कौंसिल ऑफ इंडिया ने भी अपने सात सदस्यों की ड्राफ्ट कमिटी बनाकर एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट का प्रारूप बनाकर केंद्र सरकार को सौंपा है। बार कौंसिल ऑफ इंडिया इसे लागू कराने के लिए लगातार केंद्र सरकार के सम्पर्क में है। बार कौंसिल ऑफ इंडिया का इस दिशा में प्रयास सराहनीय है। झारखंड स्टेट बार कौंसिल ने भी बार कौंसिल ऑफ इंडिया को अपने स्टेट बार कौंसिल द्वारा सर्वसम्मति से पारित एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट के प्रारूप को पूर्व में ही भेजा है।

श्री शुक्ल से आज कोल्हान प्रमंडल के प्रमुख अधिवक्ताओं ने झारखंड स्टेट बार कौंसिल के सदस्य श्री अनिल कुमार महतो के नेतृत्व में भेटकर अधिवक्ताओं की समस्याओं से उन्हें अवगत कराया तथा एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट शीघ्र लागू कराने की मांग की।

ज्ञातव्य है कि झारखंड में एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट लागू कराने की मांग को लेकर झारखंड स्टेट बार कौंसिल के वाईस चेयरमैन श्री राजेश कुमार शुक्ल के नेतृत्व में कौंसिल के सदस्यों के प्रतिनिधिमंडल ने पूर्व में ही झारखण्ड के राज्यपाल श्री रमेश बैस और मुख्यमंत्री श्री हेमंत सोरेन से मिलकर उनको ज्ञापन सौंपा था जिसमे एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट को झारखण्ड में शिघ्र लागू कराने और राज्य के बजट में अधिवक्ताओं की कल्याणकारी योजनाओं के लिए निधि आवंटन के साथ अन्य मांग भी शामिल है।

श्री शुक्ल ने पिछले दिनों पटना में भारत के विधि और न्याय मंत्री श्री किरेन रिजिजू और भारत के गृह
राज्य मंत्री श्री नित्यानंद राय तथा बार कौंसिल ऑफ इंडिया के चेयरमैन श्री मनन कुमार मिश्र से मिलकर अधिवक्ताओं की कठिनाइयों से अवगत कराते हुए एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट लागू कराने की मांग की थी। उन्होंने आश्वस्त किया है कि अधिवक्ताओं के हित मे जो भी कदम होंगा उठाया जाएगा।

श्री शुक्ल ने कहा है कि केंद्र सरकार के तरफ से राज्य के सभी न्यायालयों में अधिवक्ताओं के लिए आधारभूत संरचना बढ़ाने के लिए धन राशि राज्य सरकारों को भेजी जाती तो है लेकिन राज्य सरकार निर्धारित समय सीमा में उक्त धन राशि का प्रयोग आधारभूत संरचना बढ़ाने में नही खर्च कर उसे लौटा दिया जाता है। जिससे आधारभूत संरचना नही बढ़ाने से अधिवक्ताओं में असंतोष व्याप्त है।

श्री शुक्ल ने कहा है कि जल्द ही भारत के विधि और न्याय मंत्री श्री किरेन रिजिजू से भी झारखंड स्टेट बार कौंसिल के सदस्य मिलकर झारखण्ड के अधिवक्ताओं की कठिनाइयों से विस्तृत रूप से अवगत करायेंगे।

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