2 लाख का इनामी नक्सली मुनेश्वर गंझू ने आत्मसमर्पण नीति से प्रभावित होकर डाला हथियार
रांची: प्रदेश की हेमंत सरकार ने राज्य को नक्सल मुक्त राज्य बनाने का संकल्प लिया है। इस संकल्प को धरातल पर उतारने के लिए राज्य के पुलिस महानिदेशक और पुलिस महानिरीक्षक के नेतृत्व में झारखंड पुलिस, सीआरपीएफ और झारखंड जगुआर द्वारा सभी नक्सली संगठनों के खिलाफ चौतरफा कार्रवाई की जा रही है। इस दिशा में पुलिस को नक्सली संगठनों के विरूद्ध निरंतर सफलतायें भी मिल रही है। इसी कड़ी टीएसपीसी (तृतीय सम्मेलन प्रस्तुति समिति) के उग्रवादी मुनेश्वर गंझू उर्फ विक्रम ने सोमवार को रांची पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया। मुनेश्वर गंझू पर चतरा, हजारीबाग, रांची, लातेहार के विभिन्न थानों में कुल 26 मामले दर्ज थे। बताया जा रहा है कि मुनेश्वर गंझू ने झारखंड की आत्मसमर्पण और पुनर्वास नीति से प्रभावित होकर रांची एसएसपी चंदन सिन्हा की मौजूदगी में सरेंडर कर हथियार डाल दिया है। बता दें कि मुनेश्वर गंझू उर्फ विक्रम पर झारखंड पुलिस ने 2 लाख रूपये की नकद राशि का इनाम रखा था।
एरिया कमांडर मुनेश्वर गंझू पर विभिन्न थानों में दर्जनों आपराधिक मामले दर्ज
मुनेश्वर गंझू उर्फ विक्रम मूल रूप से हजारीबाग के केरेडारी का रहे वाला है। महज 22 वर्ष की उम्र में उसे टीएसपीसी संगठन का एरिया कमांडर बना दिया गया। मुनेश्वर गंझू पर झारखंड के विभिन्न थानों में दर्जनों आपराधिक मामले दर्ज हैं। मुनेश्वर पर हत्या, लेवी वसूली और आर्म्स एक्ट जैसे कई संगीन धाराएं लग चुकी हैं। वह आज से करीब 8-9 साल पहले टीएसपीसी संगठन में शामिल हुआ था। मुनेश्वर टीएसपीसी संगठन के लिए बतौर एरिया कमांडर के रूप में सक्रिय था।
टीएसपीसी संगठन शोषण और लेवी वसूली करने में लगी हुई है : मुनेश्वर
मुनेश्वर गंझू ने आत्मसमर्पण करने के बाद बताया कि संगठन अब पहले जैसा नहीं रहा। उसने बताया कि टीएसपीसी संगठन शोषण और लेवी वसूली करने में लगी हुई है। यह पार्टी न्याय-अन्याय की बात अब नहीं कर रही है। इस संगठन के शीर्ष नेताओं को सिर्फ लेवी का पैसा चाहिए। टीएसपीसी संगठन के शीर्ष नक्सली कमांडर नीचे के कमांडरों का शोषण एवं सिद्धांत के विपरित काम कर रहे हैं। वे इलाकों के ग्रामीणों को अनावश्यक रूप से लेवी के लिए प्रताड़ित कर रहे हैं। मुनेश्वर ने बताया कि नक्सलियों द्वारा की जा रही ग्रामीणों की प्रताड़ना से तंग आकर परिवार के साथ रहकर सामान्य जीवन जीने के लिए पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण कर रहे हैं। उसने संगठन के सक्रिय नक्सली साथियों से अपील की है। वे लोग भी झारखंड सरकार की आत्मसमर्पण एवं पुनर्वास नीति का लाभ लेकर हथियार डालें और पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण कर दें।
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