लहठी निर्माण प्रक्रिया के कायल हुए मंत्री तेज प्रताप यादव

पटना: बिहार राज्य खादी ग्रामोद्योग बोर्ड निरंतर लघु व कुटीर उद्योगों को बढ़ावा देने में प्रयासरत है।इसी क्रम में पटना के खादी मॉल में आए दिन नए-नए उत्पाद की बिक्री व उनके प्रचार प्रसार के लिए अनोखे प्रयोग किए जाते हैं।शादी सीजन को मद्देनजर रखते हुए इस बार उपभोक्ताओं के लिए खादी मॉल,पटना में लाह की चूड़ियों का लाइव डेमोंसट्रेशन,प्रशिक्षण व बिक्री का आयोजन किया गया है।यह प्रशिक्षण नि:शुल्क है। यह प्रशिक्षण उन लोगों के लिए है जो चूड़ी बनाने में दिलचस्पी रखते है या इस कला के माध्यम से भविष्य में रोज़गार सृजन करना चाहते हैं।
पटना के खादी मॉल में आयोजित इस कार्यक्रम में न सिर्फ़ चूड़ियों का लाइव डेमो दिया जा रहा है बल्कि लोग, ख़ासकर महिलायें अपनी आंखों के सामने,अपनी पसंद के अनुसार चूड़ियां बनवा और खरीद भी रही हैं। महिलाओं के साथ-साथ बड़े और बुजुर्ग भी खादी मॉल में लाह की चूड़ियों को बड़ी दिलचस्पी से बनते देख रहें है और उसे अपनी यादों में संजो रहे हैं।
खादी मॉल ख़रीदारी करने आए पर्यावरण,वन व जलवायु मंत्री,बिहार श्री तेज प्रताप यादव लाह की चूड़ी और लहठी के निर्माण प्रक्रिया को देख कर कायल हो गए।उन्होंने कहा कि बिहार में किसी मॉल में मैंने इस तरह की प्रदर्शनी नहीं देखी थी।खादी मॉल द्वारा इस आयोजन की मैं प्रशंसा करता हूँ।बिहार के कलाकारों को ऐसा प्लेटफार्म देना एक अच्छी पहल है।इस पहल से कलाकारों को मोटिवेशन मिलेगा और साथ ही रोजगार भी।
लाह की चूड़ियाँ बनाने की प्रक्रिया के बारे में जानकारी देने के लिए प्रतिभा मिश्रा को प्रशिक्षक के रूप में रखा गया है।चूड़ियों का लाइव डेमोंसट्रेशन देते हुए महिला प्रशिक्षक प्रतिभा ने बताया कि बिहार के लगभग हर घर में महिलायें लहठी पहनती हैं।ज़्यादातर लाह की चूड़ियां विवाहित महिलायें पहनती हैं।और आजकल तो लाह की चूड़ियों का प्रचलन कार्यस्थल से लेकर पार्टी तक है।बिहार में लाह की चूड़ियों पर धारी का काम प्रसिद्ध है वही मीनाकारी और जयपुरिया काम भी महिलाओं को खूब भाता है।महिलाओं की इस पसंद को रूप देना हम जैसे कलाकारों ने बखूबी सीखा है और आज खादी मॉल में आम लोगों को सिखाने का अवसर मिला है।
प्रतिभा आगे बताती है कि चूड़ी बनाने का प्रशिक्षण उन्होंने 2015 में लिया था और आज वह इसी कला के माध्यम से खुद के साथ और भी लोगों को रोजगार देने में सक्षम हो पाई है।प्रतिभा हर साल 50-60 लोगों को चूड़ी-लहठी बनाने का प्रशिक्षण देती हैं।
खादी मॉल आये ग्राहक राहुल ने बताया कि मैं खादी मॉल का रेगुलर कस्टमर हूँ और इस मॉल में मुझे हमेशा कुछ अलग देखने को मिल जाता है।महिला प्रशिक्षक प्रतिभा को चूड़ी बनाते देख राहुल ने कहा कि कलाई पर खनखनाने वाली चूड़ियों के पीछे इतनी मेहनत लगती है मुझे मालूम नहीं था।चूड़ियों को सामने से बनते देख कलाकारों के प्रति मेरा सम्मान और बढ़ गया है।राहुल ने खादी मॉल में अनोखे आयोजन करने के लिए सभी स्टाफ़ का धन्यवाद दिया।

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