सीएम हेमंत सोरेन की रद्द हो सकती है सदस्यता

रांचीः सीएम हेमंत सोरेन की सदस्यता रद्द हो सकती है। निर्दलीय विधायक सरयू राय ने इस मामले में ट्वीट कर कहा है कि भारत के निर्वाचन आयोग ने झारखंड के राज्यपाल के पास अपनी अनुशंसा भेज दिया है कि @HemantSorenJMMभ्रष्ट आचरण के दोषी पाये गये हैं. फलतः ये विधायक नहीं रह सकते. इन्हें अगले तीन वर्षों तक विधायक का चुनाव लड़ने से अयोग्य करार दिया जा सकता है. बताते चलें कि प्रदेश भाजपा ने इसकी शिकायत राज्यपाल से की थी. जिसके बाद राज्यपाल ने मामले को निर्वाचन आयोग भेज दिया था. निर्वाचन आयोग में करीब दो महीने तक सुनवाई चली. 18 अगस्त को सुनवाई पूरी होने के बाद निर्वाचन आयोग ने फैसला सुरक्षित रख लिया था. सूत्रो के अनुसार निर्वाचन आयोग ने राज्यपाल को अपना मंतव्य भेज दिया है. जिसमें हेमंत सोरेन की सदस्यता रद्द करने की अनुशंसा की गयी है.
पत्नी कल्पना सोरेन के नाम पर लग सकती है मुहर
सत्ता के गलियारों में अब चर्चा हो रही है कि सीएम हेमंत की जगह सीएम उनकी पत्नी कल्पना सोरेन हो सकती है. लेकिन झारखंड में सीएम बने रहने के लिए छह महीने के अंदर विधानसभा चुनाव जीत कर आना होता है. अगर छह महीने के अंदर कल्पना सोरेन कहीं से चुनाव लड़कर जीत जाती हैं तो वो सीएम की कुर्सी पर बरकरार रह सकती हैं. नहीं तो जेएमएम को किसी और चेहरे पर भरोसा करना पड़ेगा. वहीं जोबा मांझी और चंपई सोरेन के नाम की भी चर्चा हो रही है।
क्या है झारखंड विधानसभा का अंक गणित
झारखंड विधानसभा में 81 विधायक चुनकर आते हैं. सरकार बनाने के लिए 41 विधायकों का समर्थन जरूरी है. अभी झामुमो के 30, कांग्रेस के 18 और राजद के एक विधायक यानी कुल 49 विधायकों के समर्थन से सरकार चल रही है. भाकपा माले ने अपने एक विधायक का समर्थन बाहर से दे रखा है. कागज पर एनसीपी के इकलौते विधायक का भी बाहर से समर्थन प्राप्त है. दूसरी तरफ भाजपा के पास कुल 26 विधायक हैं. उसकी सहयोगी पार्टी आजसू के दो विधायक हैं. अगर निर्दलीय सरयू राय, एनसीपी विधायक कमलेश सिंह और बरकट्ठा विधायक अमित यादव का साथ मिल भी जाता है तो यह संख्या 31 पर सिमट जाएगी. ऐसे में भाजपा उसी सूरत में सरकार बना पाएगी, अगर कांग्रेस के 18 में से दो तिहाई यानी 12 विधायक उसके साथ आ जाएंगे.

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