रकुआ में हर्ष और उल्लास के साथ लोक संस्कृति का मंडा त्योहार संपन्न
रजरप्पा : रकुवा पंचायत गांव में धूमधाम से मंडा का आयोजन किया गया जिसके मुख्य अतिथि पंचायत के मिश्राईन मोढ़ा मुखिया दासों मरांडी के द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम का उद्घाटन किया गया, झारखंडी लोक संस्कृति से जुड़ा आस्था और विश्वास का
ऐतिहासिक तीन दिवसीय मंडाभक्ति भाव के साथ संपन्न हुआ, विधि विधान से 36 घंटा तक निर्जला उपवास रखकर भोक्तागन कष्ट दायक भोले बाबा शैव आराध्य मैं लीन रहते हैं शिव के उपासक आराधना में जुटे रहते हैं मंडा त्यौहार पूर्वजों का दिया उपहार हमारी धरोहर है, इसे ग्रामीण क्षेत्र में आदिवासी – सदान आपसी भाईचारगी के साथ मनाते हैं त्यौहार में संजोत और उपवास प्रमुख होता है, संजोत के देर शाम लोटन सेवा दिया जाता है जिसमें भक्तों के हाथ में छड़ी रखकर एक दूसरे को बेंत्त को टकराते हैं और झूमते नाचते हैं जबकि कहीं-कहीं पर सात अथवा नौ दिनों तक के लिए अनुष्ठान अथवा कलश स्थापना किया जाता है, पूरे गांव में शिव पार्वती की लकड़ी नुमा पाट (शिव पार्वती) को लेकर गाजे बाजे के साथ नगर भ्रमण कराया जाता है, जहां ग्रामीण भक्ति भाव से फूल बेलपत्र चावल फल फूल सिंदूर अर्पण कर जीवन में खुशहाली और सुख समृद्धि बना रहने की कामना करते हैं,
वही रात में सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किया गया और रात भर हजारों दर्शक नृत्य का लुफ्त उठाएं रात्रि प्रहरी में बंगाल के पुरलिया व बांकुड़ा छऊ नृत्य के टीमों द्वारा रात भर एक से बढ़कर एक धार्मिक आधारित मुखौटा पहनकर गीत और नृत्य प्रस्तुत करते हैं दूसरे दिन मंडा समाप्ति के पश्चात सुबह दर्जनों जोड़ियां ने 20 फीट ऊंची झूलन झूलने का काम किया वही भोक्ताओं ने अपने पीठ पर लोहे का मोटा कील ठोक कर शिव भक्ति एवं शिव शक्ति कामना किया देखते हुए आज के अंगारों पर नंगे पांव शिव भक्तों में चलकर अपनी अपने शिव भक्ति और आस्था का परिचय दिया
पूजा धूमधाम से मनाया गया। 150 से अधिक शिव भक्तों ने दहकते अंगारों पर चलकर फुलखुंदी कर भक्ति की अटूट आस्था दिखाई। मंडा पूजा में शिव भक्तों की शक्ति व भक्ति दिखी। यहां, छऊ नृत्य में बंगाल के पुरुलिया के छऊ कलाकारों ने पौराणिक कथाओं पर आधारित देवी देवताओं के प्रसंग से संबंधित गीत नृत्य की प्रस्तुति की।मंडा पर्व झारखंडी मे लोक आस्था और विश्वास का त्यौहार है मंडा,भगवान शिव की आराधना करते हैं. इसके तहत लोग नौ दिनों तक पूरे विधि विधान के साथ व्रत रखकर फूलकुंदी के दिन नंगे पांव धहकते आग के अंगारो पर चलकर भोलेनाथ का अभिषेक किए,, इसके साथ ही. शिव की इस कठिन साधना में लगे हजारों श्रद्धालू अच्छी बारिश और परिवार की सुख-शांति की कामना की,पूजा से पहले मुख्य भोक्ता कलश का जल छिड़कर सबकी शुद्धि किए।मौके पर मंडा पूजा अध्यक्ष मुखिया दासों मरांडी सचिव जगदीश महतो को सड़क चंद्रशेखर महतो वरिष्ठ समाजसेवी शिक्षक लोकनाथ महतो के अलावे गनोरी महतो सतीश तुरी कमलनाथ महतो लालदेव महत्व सुरेश महतो अर्जुन महतो नकुल महतो कमलेश्वर महतो लालदेव महतो शहीद कई ग्रामीणों का योगदान रहा!आई