जंगल में शेर भी रहता है..”हम” के वजूद पर खतरा था : संतोष मांझी
पटना : नीतीश कैबिनेट से इस्तीफा देने के बाद पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी के बेटे संतोष कुमार सुमन ने अपनी पहली प्रतिक्रिया दी है। संतोष मांझी ने साफ कर दिया कि यह इस्तीफे हम का जदयू में विलय करने के दिए जा रहे दबाव की वजह से हुआ है। पत्रकारों से बातचीत के दौरान उन्होंने कहा कि हमारे पास जदयू के तरफ से पार्टी को विलय करने का प्रस्ताव आया था, हमलोग इसके लिए तैयार नहीं थे।
संतोष मांझी ने आगे कहा कि जदयू में विलय से हमारे अस्तित्व पर खतरा था। एक जंगल में शेर भी रहता है और छोटे जानवर भी रहते थे, हमें पकड़ने की कोशिश हो रही थी जब लगा बच नहीं पाएंगे तो हमने यह कदम उठा लिया। बीते महीने जीतन राम मांझी की अमित शाह से मुलाकात पर जब पत्रकारों ने सवाल पूछा तो संतोष मांझी ने कहा कि देश के प्रधानमंत्री या गृह मंत्री से मिलना कोई गुनाह है क्या?
बता दें कि एक महीने पहले हम प्रमुख जीतन राम मांझी ने दिल्ली में गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की थी। मांझी से जब इस मुलाकात के बारे में पूछा गया था तो उन्होंने कहा था कि वो दिल्ली में केंद्र सरकार से माउंटेन मैन दशरथ मांझी को भारत रत्न देने की मांग करने आए हैं।
राजद ने कहा-यह उनका अपना फैसला
वहीं, महागठबंधन के साथी राजद प्रवक्ता शक्ति यादव ने कहा कि मांझी जी महागठबंधन में आए उनका फैसला है। एक फैसला नीतीश जी का था कि उन्होंने मांझी जी को मुख्यमंत्री बनाया। ठीक उसी तरह संतोष मांझी का इस्तीफा देना उनका अपना फैसला है। महागठबंधन में सम्मान की कमी नहीं थी और उनको रहना है या नहीं रहना है यह उनका फैसला होगा हमने उनको मंत्री पद भी दिया।