खूंटी बाईपास का शिलान्यास सिर्फ चुनावी स्टंट,नहीं मिलेगा भाजपा कोई लाभ : कालीचरण मुंडा
खूंटी: यह बात सही है की खूंटी में बाईपास का निर्माण अबतक हो जाना चाहिए था। लेकिन इतने वर्षों बाद सिर्फ शिलान्यास का कार्य हुआ है। बाईपास निर्माण कार्य पूरा होते होते और पांच साल का समय लगेगा,या हो सकता है की उससे भी अधिक समय लगे।क्योंकि यहां पर सबसे अधिक समस्या जमीन अधिग्रहण की है। इसी कार्य में सरकार का पसीना छूट जाएगा। वैसे भी स्थानीय विधायक नीलकंठ सिंह मुंडा ने शिलान्यास कार्यक्रम में ही मंच से संबोधित करते हुए भूमि अधिग्रहण की समस्या को बताया था। साथ ही कहा था कि एक समान रैयतों को मुआवजा मिलना चाहिए।
वहीं कांग्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष सह पूर्व विधायक कालीचरण मुंडा ने बाईपास निर्माण पर कहा कि खूंटी की सबसे और अहम जरूरत बाईपास सड़क है। पिछले लोकसभा चुनाव में भी यह मुद्दा उठा था। उस समय में भी जल्द निर्माण की बात कही गई थी। लेकिन पांच साल बीत जाने के बाद भी बाईपास सड़क निर्माण के लिए भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू भी नहीं हुई है। जनता की आंखों में धूल झोंकने के लिए बड़े तामझाम के साथ सिर्फ शिलान्यास का कार्यक्रम हुआ है।
श्री मुंडा ने कहा कि जिस सांसदीय सीट पर केंद्रीय मंत्री सांसद हो वहां का तो कायाकल्प हो जाना चाहिए था। लेकिन पांच सालों तक खूंटी की जनता से दूर रहे, यहां की समस्याओं का समाधान करने की जरूरत को नहीं समझा। पांच साल बीत जाने के बाद जब अब फिर से लोकसभा चुनाव होने वाला है तो बाईपास का महज शिलान्यास करने पहुंच गए। यह एक चुनावी स्टंट है,इससे चुनाव में भाजपा को थोड़ा भी लाभ मिलने वाला नहीं है। खूंटी की जनता मूर्ख नहीं है जो झूठे सपने दिखाकर वो मान जायेगी।
पांच सालों के दौरान केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने खूंटी के लिए कुछ नहीं किया है।
जनता इस बार उन्हें सबक सिखायेगी।