केजरीवाल – सरयू प्रकरणः यह मुलाकात तो महत इत्तेफाक था, पर निकाले जा रहे कई मायनेआने वाले दिनों में चौंका सकते हैं निर्दलीय विधायक सरयू राय

रांचीः दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल और झारखंड के निर्दलीय विधायक सरयू राय का मुलाकात राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है। दबी जुबां के इस मुलाकात के कई मायने भी निकाले जा रहे हैं। राजनीति के जानकारों के अनुसार राजनीति संभावनाओं का खेल है । इस विधा के धुरंधर खिलाड़ी सरयू राय आने वाले दिनों में चौका सकते हैं। झारखंड में एक नए राजनीतिक मोर्चे का गठन कर उन्होंने इसके संकेत दे दिए हैं। पंजाब में शानदार जीत से उत्साहित अरविंद केजरीवाल आने वाले दिनों में अन्य राज्यों में पार्टी का विस्तार करने की कोशिश तेज करेंगे। उनके लिए सरयू राय झारखंड में मुफीद साबित हो सकते हैं। सरयू राय के बिहार के सीएम नीतीश कुमार के साथ भी अच्छे रिश्ते हैं। अन्य राजनीतिक दलों के नेताओं के साथ भी उनके संबंध अच्छे है। यही वजह है कि जब उन्होंने जमशेदपुर पूर्वी से रघुवर दास के खिलाफ ताल ठोकी तो तमाम राजनीतिक दलों ने भी उन्हें प्रत्यक्ष और परोक्ष समर्थन दिया।
बताते चलें कि पिछले विधानसभा चुनाव में भाजपा से टिकट नहीं मिलने के बाद उन्होंने सबको चौकाते हुए न सिर्फ निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ा, बल्कि तत्कालीन मुख्यमंत्री रघुवर दास को उनकी परंपरागत जमशेदपुर पूर्वी सीट से चुनाव हराने में कामयाबी पाई। हालांकि सोमवार को निर्दलीय विधायक सरयू राय ने रविवार को दिल्ली में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से हुई मुलाकात को महज इत्तेफाक बताया है. जब उनसे पूछा गया कि क्या उनके द्वारा बनाया गये झारखंड जनतांत्रिक मोर्चा के साथ आम आदमी पार्टी को जोड़ने की कोई मंशा है, तो इस पर उन्होंने कोई जवाब देने से इनकार कर दिया. कहा कि यह सब बातें भविष्य की बातें हैं.

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