गया में हमले के खिलाफ पत्रकार मानव श्रृंखला बनाकर दर्ज कराएंगे विरोध

सविंद्र कुमार सिंह
गया:गत दिनों बोधगया में दो पत्रकारों पर जानलेवा हमले के बाद चोरी भी और सीनाजोरी भी का मामला अब तूल पकड़ने लगा है। इस मामले को गणादेश ने घटना के तत्काल बाद अपने संस्करण में उठाया था। दोनों पत्रकार बोधगया प्रखंड कृषि पदाधिकारी के कार्यालय में खबर संकलन के लिए गए थे।
रविवार को शहर के गांधी मैदान स्थित मंडप में पत्रकारों की एक बैठक हुई। बैठक में विभिन्न चैनलों व अखबार के उपस्थित दर्जनों पत्रकारों ने आए दिन पत्रकारों के ऊपर किए जा रहे हमले और दुर्व्यवहार की कड़ी निंदा की। भारतीय पत्रकार उत्थान संघ के संगठन अध्यक्ष सुधांशु ने बताया कि जमीन से जुड़े स्थानीय पत्रकारों के कारण ही छोटी बड़ी सभी तरह की घटनाओं और समाज में व्याप्त भ्रष्टाचार का लगातार राजफाश हो रहा है। माफियाओं और गोरखधंधेबाजों को बेनकाब किया जाता रहा है। वहीं एक तरफ तो अधिकांश अधिकारी और नेता पत्रकारों के प्रति प्रत्यक्ष अथवा परोक्ष रुप से टेढ़ी नागाहें रखते हैं। दूसरी ओर प्रिंट से जुड़े कुछ पत्रकार भी कुछ वेब चैनलों के पत्रकारों को फर्जी कहकर उनके मनोबल के साथ साथ सम्मान को भी चोट पहुंचा रहे है। उन्होंने साफगोई से कहा कि जिन्हें पत्रकारिता जैसी चुनौतीपूर्ण डगर पर भी भ्रष्टाचारियों से सहानुभूति रखनी है, वे रखें। किंतु पत्रकारों पर हमले के विरुद्ध हमारा विरोध जारी रहेगा।
हालांकि बोधगया मामले में प्राथमिकी दर्ज हो गई है। फिर भी यथाशीघ्र जांच और कार्रवाई हेतु आगामी दिनों में गया समाहरणालय के निकट ही मानव श्रृंखला बनाकर विरोध भी.दर्ज किया जाएगा। वरिष्ठ पत्रकार दिनेश कुमार पंडित ने कहा कि चुनौतियों और जोखिमों को स्वीकार कर ही हमने पत्रकारिता जैसे कठिन मार्ग को चुना है। हमारी लेखनी भ्रष्टाचार और असमाजिक तत्वों के विरुद्ध न झुकेगी और न रुकेगी। पत्रकारों का जीवन वैसे भी संघर्षपूर्ण ही होता है।

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