झारखण्ड सरकार साजिश के तहत पेसा कानून को विवाद का विषय बनाने पर तुली हुई है:अलेस्टेयर बोदरा

खूंटी:मुरहू प्रखण्ड के डुडरी स्थित पंचायत भवन में बुधवार को हातु मुंडा – पाहन एवं पारम्परिक ग्राम सभा के प्रतिनिधियों की बैठक झारखण्ड उलगुलान संघ के क्षेत्रीय प्रभारी अबिसालोम सोय की हुई। पेसा कानून बनाम झारखण्ड पंचायत राज अधिनियम 20001 पर प्रकाश डालते हुए झारखण्ड उलगुलान संघ के संयोजक अलेस्टेयर बोदरा ने कहा कि झारखण्ड सरकार साजिश के तहत पेसा कानून को विवाद का विषय बनाने पर तुली हुई है। यही कारण है कि झारखण्ड हाईकोर्ट के समयबद्ध निर्देश के बावजूद भी पारम्परिक ग्राम सभा को अधिकार देने के विषय को झारखण्ड सरकार लटकाई हुई है। झारखण्ड विधानसभा चुनाव के समय झामुमो – कांग्रेस ने वादा किया था, सरकार बनने पर पेसा कानून को हूबहू लागू किया जाएगा। झामुमो – कांग्रेस की सरकार बन गई और दो – दो केबिनेट की बैठक भी हो गई, लेकिन पेसा कानून को केबिनेट में लाया ही नहीं गया। यह झारखण्ड सरकार का आदिवासियों के साथ बहुत बड़ा विश्वासघात है।
बोदरा ने बताया कि झारखण्ड उलगुलान संघ और खूंटी जिला के आदिवासी राज्य सरकार के वादाखिलाफी पर चुप रहने वाली नहीं है। झारखण्ड उलगुलान संघ ने निर्णय लिया है कि झारखण्ड विधानसभा के बजट सत्र के पहले पेसा कानून का हूबहू नियमावली तैयार कर लागू करे,अन्यथा १६ मार्च २०२५ से वीर बिरसा मुंडा उलगुलान की शहादत भूमि डोम्बारी बुरू से ” विधानसभा मार्च ” किया जाएगा।करने को लेकर झारखण्ड सरकार की कथनी और करनी बिलकुल अलग है।
बैठक में मसीहदास गुड़िया, जोन जुरसेन गुड़िया, बैजनाथ पाहन, सुलेमान सोय, गब्रिएल मुंडू, बरनाबास सोय, सोमनाथ मुंडा लुईस भेंगरा, किनू बोदरा, नमन सोय, रिटू ओड़ेया एवं सुनील मुंडा आदि ने भी अपने विचार रखे।

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