दिल्ली को भेजा गया जर्दालु आम, राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री चखेंगे स्वाद
भागलपुर। गर्मी के मौसम में अगर आम का ज़िक्र न हो, तो कुछ अधूरा सा लगता है। खासकर तब, जब बात बिहार के विश्वप्रसिद्ध जर्दालु आम की हो। हर साल की तरह इस बार भी जर्दालु आम की विशेष खेप राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और अन्य गणमान्य व्यक्तियों के लिए भेजी जा रही है। इस आम की तुड़ाई भागलपुर के तिलकपुर स्थित महेशी के मधुबन बगीचे में पूरी कर ली गई है। अब इसे विशेष पैकिंग कर पहले पटना भेजा गया है, जहाँ से इसे दिल्ली रवाना किया जा रहा है।बिहार की शान: GI टैग प्राप्त जर्दालु आम :
बिहार को वैश्विक मंच पर पहचान दिलाने वाले इस आम को जियोग्राफिकल इंडिकेशन (GI) टैग प्राप्त है। “मैंगो मैन” के नाम से मशहूर अशोक चौधरी ने बताया कि जर्दालु आम अपनी खास मिठास, सुगंध और पाचन में सहज होने के कारण देश-दुनिया में लोकप्रिय है।
“शुगर के मरीज़ भी इसे थोड़ी मात्रा में खा सकते हैं। यह आम स्वाद में जितना मीठा है, पाचन में उतना ही हल्का,” — अशोक चौधरी, आम उत्पादक
सुल्तानगंज का स्वाद सबसे अलग :
हालांकि जर्दालु आम भागलपुर के कई क्षेत्रों में होता है, लेकिन सुल्तानगंज प्रखंड के आम की बात ही कुछ और है। यहाँ की काली दोमट मिट्टी में उगने वाले आमों में विशिष्ट मिठास और सुगंध होती है।
इस रेशायुक्त आम को चूसकर और काटकर दोनों तरह से खाया जा सकता है। यही वजह है कि यह आम अंतरराष्ट्रीय बाज़ार में भी अपनी पहचान बना चुका है।
बिहार से विदेश तक, एक मिठास का सफ़र :
जर्दालु आम न केवल बिहार की सांस्कृतिक पहचान है, बल्कि यह एक ऐसी विरासत है जो हर गर्मी में राष्ट्रपति भवन से लेकर अंतरराष्ट्रीय मंचों तक अपनी उपस्थिति दर्ज कराता है। इस आम की मिठास और सौंदर्य ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि बिहार सिर्फ इतिहास और साहित्य का ही नहीं, कृषि की खुशबू का भी गढ़ है।

