मोदी ने जिस पाठशाला में राजनीति का अध्ययन किया है, राष्ट्रीय प्रतीकों के सम्मान का पाठ उसमें नहीं पढ़ाया जाता हैः शिवानंद
पटनाः अशोक स्तंभ के अनावरण के बाद खासकर बिहार में सियासत तेज हो गई है। राजद के वरिष्ठ नेता शिवानंद तिवारी ने इस मामले में राज्यसभा सांसद सुशील मोदी को निशाने में लिया है। तिवारी ने कहा है कि मोदी ने जिस पाठशाला में राजनीति का अध्ययन किया है, राष्ट्रीय प्रतीकों के सम्मान का पाठ उसमें नहीं पढ़ाया जाता है। इसलिए उन्हें गरिमामय और आक्रामक मूर्ति के बीच फर्क का पता नहीं है। भारतीय जनमानस में इन प्रतीकों का पवित्र स्थान है। भाजपा कभी राष्ट्रीय प्रतीकों का सम्मान नहीं करती है। यह राष्ट्र ध्वज हो या अन्य राष्ट्र प्रतीक, भाजपा उसे मूल स्वरूप में स्वीकार नहीं करती है। तिवारी पूर्व उप मुख्यमंत्री एवं राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदीके उस आरोप पर टिप्पणी कर रहे थे, जिसमें कहा गया है कि विपक्ष केंद्र सरकार के हर काम में खोट निकाल लेता है। तिवारी ने यह भी कहा कि सुशील मोदी राज्यसभा के सदस्य हैं। लोकसभा के सदस्य रह चुके हैं। उन्हें पता होगा कि लोकसभा के अध्यक्ष ही संसद के अभिरक्षक होते हैं। लोकसभा के नए भवन के समक्ष राष्ट्रीय प्रतीक के अनावरण में मुख्य पुरोहित की भूमिका लोकसभा अध्यक्ष की थी। उनकी जगह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रीय प्रतीक का अनावरण किया। उस समारोह में लोकसभा अध्यक्ष किनारे बैठे हुए थे। उन्होंने कहा कि सुशील मोदी को यह दृश्य स्वाभाविक लग सकता है।

