खनन व शेल कंपनी मामले में सुप्रीम कोर्ट ने कहा, हाई कोर्ट जनहित याचिका की मेंटेनबिलिटी तय करें
गणादेश ब्यूरोः झारखंड में खनन और शेल कंपिनयों के मामले को लेकर मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। इसमें झारखंड सरकार का पक्ष रखते हुए वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने कहा कि मामला राजनीति से प्रेरित है। लिहाजा इस याचिका को खारिज किया जाए। वहीं ईडी का पक्ष रखते हुए अधिवक्ता तुषार मेहता ने कहा कि खनन लीज हेमंत के कार्य काल में आवंटित हुआ है, इसलिए मामला चलना चाहिए. इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ईडी मामले की जांच करने के लिए स्वतंत्र है. इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट से कहा कि जनहित याचिका की मेंटेनबिलिटी तय करें. बताते चलें कि अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने सरकार का पक्ष रखते हुए मामले की जल्द सुनवाई का आग्रह किया था.इधर, राज्य सरकार के सुप्रीम कोर्ट पहुंचने के बाद शिवशंकर शर्मा अधिवक्ता राजीव कुमार के जरीए कैविएट दायर किया है. अधिवक्ता राजीव कुमार ने कोर्ट से कहा कि मामले में उनका पक्ष भी सुना जाए. बताते चलें कि हेमंत सोरेन को पत्थर खनन लीज आवंटन और करीबियों के शेल कंपनी में निवेश मामले में झारखंड हाई कोर्ट में दायर पीआइएल के खिलाफ विशेष अनुमति याचिका दाखिल की गई है.