गणादेश ब्रेकिंग: झारखंड में चीफ सेक्रेटरी रैंक के अफसर पर है कई संगीन आरोप, राजभवन ने मांगी पूरी जानकारी, बढ़ाया दबाव

रांची। झारखंड में ब्यूरोक्रेट्स को कैसे बचाया जाता है यह आईएएस लॉबी अच्छी तरह जानती है। तथ्यों को छिपाना और कहना कि कोई जानकारी नहीं है। यह सरकारी महकमे की एक फितरत बन गई है। लेकिन राजभवन ने जब इसकी जानकारी मांगी तो पूरे ब्यूरोक्रेसी में हड़कंप मच गया है। गणादेश इससे पहले ब्यूरोक्रेसी की चार कैटेगरी का उल्लेख किया था। जिसमें ड्राई ऑनेस्ट, ऑनेस्ट, करप्ट और वेट करप्ट की कैटेगरी बताई गई थी। अब राज्य के अपर मुख्य सचिव रैंक के अफसर पर भी कई संगीन आरोप हैं जिसकी जानकारी राज्य सरकार को भी नहीं है जब राजभवन ने इस मसले पर जानकारी मांगी तो पूरे सरकारी महकमे के होश उड़ गए हैं। जिस अफसर पर कई गंभीर आरोप है वह क्लीन विभागों में भी रहे हैं विकास आयुक्त की भी जिम्मेवारी संभाल चुके हैं। ये मुख्य सचिव की दौड़ में भी आगे चल रहे थे। अपर मुख्य सचिव रैंक के इस अफसर पर बिहार में कई संगीन मामले दर्ज हैं। बिहार के निगरानी अन्वेषण ब्यूरो में उनके खिलाफ मामला दर्ज है। राजभवन को भेजी गई सूची में अप्पर मुख्य सचिव रैंक के अफसर का नाम भी शामिल है। जब राजभवन ने उस पर दबाव बनाया तो कहा गया कि अद्यतन जानकारी उपलब्ध नहीं है इसके बाद फिर रिपोर्ट में कहा गया कि अपर मुख्य सचिव रैंक के इस अवसर पर बिहार के निगरानी अन्वेषण ब्यूरो में कई मामले दर्ज होने की सूचना है फिर कहा गया कि अद्यतन स्थिति की सूचना अब तक उपलब्ध नहीं हो पाई है लेकिन गणादेश इस पूरे प्रकरण से पर्दा उठा रहा है हकीकत यह है कि अपर मुख्य सचिव रैंक के इस अफसर के बारे में जानकारी हासिल करने के लिए 2019 से लेकर अब तक बिहार सरकार से 10 बार पत्राचार किया गया लेकिन बिहार के अफसरों से बेहतर सेटिंग होने के कारण अद्यतन सूचना उपलब्ध नहीं कराई गई है राजभवन को जो नाम भेजे गए हैं उनमें मनोज कुमार, के श्रीनिवासन ,सुनील कुमार ,छवि रंजन ,पूजा सिंघल के साथ इस अपर मुख्य सचिव रैंक के अफसर का भी नाम शामिल है। अपर मुख्य सचिव रैंक के इस अफसर वर्तमान में क्रीम पोस्ट पर है और पूरे राज्य को शिक्षित करने की भी जिम्मेवारी संभाल रहे हैं।

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