झारखंड में स्थानीय नीति के आधार राज्य स्थापना वर्ष 2000 हो : कैलाश यादव

अखिल भारतीय भोजपुरी मगही मैथिली अंगिका मंच की महत्वपूर्ण बैठक धुर्वा पंचमुखी हनुमान मंदिर धर्मशाला में हुई !
बैठक की अध्यक्षता मंच के अध्यक्ष कैलाश यादव ने किया !
संबोधन के दौरान कैलाश यादव ने कहा कि अब राज्य में 1932 खतियान आधारित स्थानीय नीति की मांग पर अनिश्चिता स्थाई रूप से समाप्त हो गया है क्योंकि महागठबंधन सरकार के मुखिया स्वयं मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने पक्ष और विपक्ष के तमाम विधायको द्वारा 1932 खतियान आधारित स्थानीय नीति लागू करने के सवाल का विधानसभा सत्र के दौरान सदन में आधिकारिक रूप से जवाब देते हुए कहा कि किसी भी हाल में राज्य में 1932 खतियान आधारित स्थानीय नीति लागू नहीं हो सकता है क्योंकि सभी पहलुओं पर जानकारी लेने के बाद रिपोर्ट मिला है कि पूर्व में वर्ष 2002 की तरह न्यायालय में पुनः खारिज हो जाएगा !
सीएम हेमंत सोरेन द्वारा सदन में स्पष्ट रूप से बयान देने के बाद अब राजनीतिक दलों व अन्य द्वारा राज्य में 1932 खतियान आधारित स्थानीय नीति लागू करने की मांग करने का कोई औचित्य नहीं रहा है !

ज्ञातव्य है कि उक्त विषयों को शुरुआती दौर में सरकार में आसीन शिक्षा मंत्री जेएमएम नेता जगरनाथ महतो,विधायक लोबिन हेंब्रम,आजसू के सुदेश महतो,लंबोदर महतो,कांग्रेस के विधायक बंधु तिर्की, इरफान अंसारी,बीजेपी के भानु प्रताप शाही, रणधीर सिंह सरीखे नेताओ ने आधारहीन एवं असंवैधानिक 1932 खतियान के आधार पर स्थानीय नीति बनाने की मांग कर अपना चेहरा बेनकाब किया है !
यादव ने कहा कि जबकि सभी राजनीतिक पार्टियों को मालूम था कि राज्य में 1932 खतियान आधारित स्थानीय नीति लागू नहीं हो सकता है फिर भी इस विषय को लेकर सरकार पर बेवजह का दबाव बनाने का नाकाम कोशिश किया गया !
गौरतलब है कि माननीय उच्च न्यायालय ने पूर्व में 1932 खतियान आधारित स्थानीय नीति को खारिज कर दिया था ! अफसोस है की कुछ नेताओं द्वारा ब्रिटिश शासन काल की सर्वे को आधार बनाकर आजाद भारत में स्थानीयता की आधार का मांग करना आधारहीन एवं गैरसंवैधानिक है !
लेकिन कुछ राजनीतिक एवं सामाजिक संगठनों द्वारा झारखंडियत के नाम पर पढ़ने लिखने वाले छात्र छात्राओं,युवाओं एवं खेतियार किसान व दैनिक मजदूरों को बरगलाकर आपस में लड़ाने का खतरनाक खेल खेल कर सामाजिक समरसता को बिगाड़ने का प्रयास कर रहे थे ! इस अनैतिक मांग के कारण राज्य में अमन चैन शांति भंग हो सकती थी,पुनः 2002 डोमिसाइल आंदोलन पार्ट 2 दोहराने की ओर कोशिश किया जा रहा था,लेकिन दूरदर्शी सोच के धनी राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने 1932 खतियान आधारित स्थानीय नीति के विषय में उचित समय पर सही बातो को सदन में रख कर स्पष्ट जवाब दे दिया है ! इस साहसिक कदम के लिए मैं हृदय से मंच की ओर से अभिवादन करते हुए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को साधुवाद देता हूं !

यादव ने कहा कि अरबपति आजसू सुप्रीमो सुदेश महतो को राज्यवासी कभी माफ नहीं करेंगे जिन्होंने बहुसंख्यक बिहारियों को घुसपैठिए और अतिक्रमणकारी कहा था ! सर्व विदित है कि सुदेश महतो सिर्फ एक जाति विशेष कुर्मी जाति का क्षेत्रीय राजनीति करते है,निश्चित रूप से इन्होंने मूलवासी कुर्मियों को 1932 खतियान आधारित स्थानीय नीति के नाम पर सुनियोजित तरीके से भड़काया !
गौरतलब है कि वर्ष 2012 तत्कालीन मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा के नेतृत्व वाली सरकार में शामिल उपमुख्यमंत्री सुदेश महतो ने अति महत्वाकांक्षी विचारधारा अपनाकर सरकार को जबरन दबाव बनाकर कुर्मी जाति को सीएनटी एक्ट में शामिल कराया था जिस कारण राज्य में कुर्मी जातियों को बदहाली का सामना करना पड़ रहा है ! अब ऐसे महत्वाकांक्षी नेताओं का चरित्र सार्वजनिक रूप से तार तार हो गया है !
राष्ट्रीय इंटक के संतोष सोनी,मैथिली मंच के अमरनाथ झा,मगही के योगेंद्र शर्मा और महिला समाजसेवी नीलम तिवारी ने प्रांतीय स्तर पर एक सशक्त टीम बनाने की बात कही जिसे सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित किया गया !
बैठक में सर्वसम्मति से कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए, जिसका विवरण विस्तारपूर्वक ऊपर इंगित किया गया है !
बैठक में राष्ट्रीय इंटक के प्रवक्ता संतोष सोनी,अधिवक्ता संघ के राकेश सिंह,एबीवीपी से दुर्गेश यादव,मैथिली संघर्ष समिति के संयोजक शिक्षक अमरनाथ झा,वीएचपी के गंगा प्र यादव,महिला समाजसेवी नीलम तिवारी,लातेहार से आप के मुकेश दुबे, बोकारो से सुरेंद्र सिंह,जमशेदपुर से सुनिल कुमार,सीताराम सिंह, जगरनाथपुर व्यवसाय समिति के अध्यक्ष हरेंद्र प्रसाद,पंचमुखी हनुमान मंदिर के अध्यक्ष सुदर्शन सिंह,चंद्रिका यादव,आरएनडी सेल यूनियन के अध्यक्ष सुधीर गोप,अनिल तिवारी,घर बचाओ समिति के अध्यक्ष योगेंद्र शर्मा, शंकर यादव,युवा मंच के अमित ओझा,रामवीर शर्मा,सुरेश राय,दीपक कुमार,नागेंद्र तिवारी,बीबी सिंह,मदन मोहन सिंह,विशाल पांडेय,विनय शर्मा,अमिताभ,विष्णु कुमार,सुनील पांडेय सुरेश प्रसाद,सियासरण सिंह,रामचरण सिंह सहित विभिन्न क्षेत्रों व संगठनों के लोग मौजूद थे !

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