बिहार : नहीं मिले काबिल हेडमास्टर तो परीक्षा आसान करने की तैयारी
पटना : बिहार में नीतीश सरकार 6 हजार प्रधानाध्यापकों की भर्ती करेगी। इसके लिए अब विभाग के निर्देश पर परीक्षा के पैटर्न बदले जा रहे हैं। बदले पैटर्न का स्वरूप बिहार लोक सेवा आयोग के स्तर से तय होगा। इसके साथ ही शिक्षण का अनुभव जो पहले रखा गया था, उसमें योग्य उम्मीदवार ही नहीं मिले थे। इस वजह से अनुभव की शर्त में 4 साल की कमी भी की गई है।
बदलाव की ये जरूरत इसलिए पड़ी कि पिछले साल सरकार ने 6421 प्रधानाध्यापकों की भर्ती के लिए परीक्षा ली गई थी, लेकिन प्रश्न इतने कठिन थे और योग्यता के मापदंड ऐसे रखे गए थे कि केवल 420। अभ्यर्थी ही सफल पाए थे।
इस वजह से कई स्कूलों में प्रधानाध्यापक के पद खाली रह गए थे। इसी कारण नए सिरे से भर्ती की प्रक्रिया शुरू की जा रही है। माना जा रहा है कि इस बार 25 हजार तक आवेदन आ सकते हैं। इसके लिए नियुक्ति के लिए नियमावली संशोधित हो गई है। जब बीपीएससी परीक्षा का पैटर्न तय कर देगा तो उस पर परामर्श के लिए विभाग की बैठक होगी। उसके बाद कैबिनेट से स्वीकृति लेकर के वैकेंसी बीपीएससी को भेजी जाएगी और बीपीएससी नियुक्ति की प्रक्रिया करेगा।
इसमें महिलाओं के लिए 35 प्रतिशत सीटें आरक्षित हैं। यानी करीब 2100 सीट महिलाओं के लिए आरक्षित रहेंगी। इनमें एससी, एसटी कोटा, पिछड़ा वर्ग, अत्यंत पिछड़ा वर्ग, आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लिए भी आरक्षण का प्रावधान रहेगा। प्रधानाध्यापक का संवर्ग प्रमंडल स्तर का होगा।
परीक्षा पैर्टन में जो सबसे बड़ा बदलाव किया गया है, वह ये है नेगेटिव मार्किंग नहीं होगी। इससे पहले हुई परीक्षा में .25 पर्सेंट नेगेटिव मार्किंग होती थी या चार गलत उत्तर पर एक अंक कट जाता था। दो 2 घंटे की परीक्षा में 150 की जगह 100 प्रश्न ही पूछे जाएंगे, हालांकि अभी यह तय नहीं हुआ है।
माध्यमिक शिक्षा के हेडमास्टर के लिए अब 10 साल के बदले 8 साल और उच्च माध्यमिक शिक्षक के लिए 8 साल के बदले 4 साल का अनुभव होना चाहिए। हालांकि, निजी स्कूल के शिक्षकों के लिए अनुभव में छूट नहीं मिलेगी। परीक्षा में हिंदी, अंग्रेजी, गणित, सामान्य अध्ययन और शिक्षण से जुड़े प्रश्न पूछे जाएंगे। माध्यमिक स्कूलों के लिए शिक्षकों की उम्र सीमा तय नहीं है। सरकारी व उच्च माध्यमिक उच्चतर माध्यमिक विद्यालय स्कूलों के लिए शिक्षकों की उम्र सीमा तय नहीं रहेगी। निजी स्कूलों के शिक्षक न्यूनतम 31 और अधिकतम 47 वर्ष की उम्र में प्रधानाध्यापक के लिए आवेदन कर सकेंगे। इसके साथ ही वर्ष 2012 या उसके बाद नियुक्त शिक्षक के लिए शिक्षक शिक्षक पात्रता परीक्षा में उत्तीर्ण होना आवश्यक है।

