18 अक्टूबर बुधवार का राशिफल एवम पंचांग
मेष:आज आप थौड़े व्यस्त रहेंगे परन्तु संतान के लिए समय अवश्य निकालें। अपनी बारी का इंजतार करें। संतान के सहयोग से कार्य पूरे होंगे। नए लोगों से संपर्क बनेगा, जो भविष्य में लाभदायक रहेगा। सामाजिक दायरा व मान सम्मान बढ़ेगा । जल्दी ही वाहन सुख संभव है। स्वास्थ्य का सुधार सम्भव है। आराम करें।
वृष:जो लोग दूसरे के लिए मांगते हैं, उन्हें कभी अपने लिए नहीं मांगना पड़ता है। माता के स्वास्थ्य की चिंता रहेगी। किसी के बहकाने से अपने संबंध तोडऩे से बचें। पैर आदि में हल्की चोट लगने से बचें। समाज में नाम होगा। स्वास्थ्य उत्तम रहेगा। मनोरंजन के लिए समय मिलेगा।
मिथुन:जिन लोगों का सहयोग आप ने किया था, आज वे ही आप से मुंह फेर रहे हैं। बीमारी में आराम कम मिलेगा लेकिन चिंताजनक नहीं होगा। अच्छे डॉ से सम्पर्क कर सकते हैं या किसी योग्य व्यक्ति से सलाह लें सकते हैं । नए भवन में जाने के योग हैं। आज धन लाभ के योग हैं। सामाजिक दायरा आपके साथ रहेगा । आध्यात्मिक विषयो में रूचि बढेगी।
कर्क:अपने स्वभाव में परिवर्तन लाना बहुत जरूरी है। कार्यस्थल पर योजना लाभप्रद रहेगी। पड़ोसियों की मदद करनी पड़ सकती है। क्रोध की अधिकता से परिजन नाखुश होंगे। शेयर बाजार में निवेश से लाभ होगा। स्वास्थ्य सुधार होगा। मन प्रसन्न रहेगा।
सिंह:किसी के बहकावे में आप बहुत जल्द आ जाते हैं। जरूरी कार्य समय पर पूरे करें। निजी जीवन में दूसरों को प्रवेश न दें। पिता के व्यवहार में सहयोग करें लाभ होगा। जीवनशैली में परिवर्तन के योग हैं। पुरानी दुश्मनी / मित्रता के चलते किसी से मुलाकात हो सकती है। स्वास्थ्य सही रहेगा।
कन्या:सोचे कार्य समय पर होने से मन प्रसन्न रहेगा। अपने वाक् चातुर्य से सभी काम आसानी से करवा लेंगे। कार्यस्थल पर अपनी अलग पहचान स्थापित करेंगे। प्रेम-प्रसंग के चलते मन उदास रहेगा । स्वास्थ्य बेहतर होगा।धर्म कर्म में ध्यान लगेगा।
तुला:आपकी कार्यक्षमता में वृद्धि होगी। जीवनशैली में आय परिवर्तन से खुश होंगे। आजीविका के नए स्रोत स्थापित होंगे। पारिवारिक सौहार्द बना रहेगा। मांगलिक समारोह में सक्रिय भूमिका रहेगी। स्वास्थ्य सही रहेगा। सामाजिक दायरा बढेगा।
वृश्चिक:अपने हिसाब से जिंदगी जिना पसंद रहेंगे। जो लोग आप के कार्यों की सराहना करते थे, वे आपका विरोध करेंगे। भवन भूमि के विवादों का अंत होगा। पिता के व्यवसाय में रुचि कम रहेगी। आराम के लिए समय निकालें व नींद पूरी लें। स्वास्थ्य सामान्य रहेगा।
धनु:समय रहते अपने कार्य पूर्ण करें। पारिवारिक लोगों का सहयोग न मिलने से कार्य प्रभावित होंगे। घर में वास्तु अनुरूप परिवर्तन करें, तो पारिवारिक तनाव खत्म होगा। फैक्ट्री या कार्यक्षेत्र में प्रवेश द्वार पर पंचमुखी हनुमान की तस्वीर लगायें, चमत्कारिक लाभ होगा। स्वास्थ्य लाभ होगा । मन प्रसन्न रहेगा। आध्यात्म में रूचि बढेगी।
मकर:व्यस्तता के कारण सेहत को न भूलें। अपने जीवनसाथी से नम्रता से बात करें और आपकी दोनों की वार्तालाप में स्नेह झलके न कि बनावटी बातें करें। वाणी में मधुर रहें। यात्रा के योग हैं। कहीं से अटका धन मिलने के योग हैं। स्वास्थ्य सुधार निश्चित है। यश कीर्ति मान बढेगा। आज दोस्तों से विशेष लाभ मिल सकता है।
कुंभ:सेहत को नजरअंदाज न करें। आनावाश्यक किसी को परेशान करना अच्छी बात नहीं है। आज कोई खुशखबरी सुनने को मिल सकती है। अपने संपर्कों से रुके कार्य पूरे होंगे। बहनों के विवाह की चिंता रहेगी। पारिवारिक सहयोग मिलेगा। स्वास्थ्य सुधार होगा।
मीन:जल्दबाजी में किये फैसलों से भारी नुकसान हो सकता है। परिवार में आप की बातों को सुना जायेगा। धार्मिक कार्यक्रमों में सहभागिता होगी। जीवनसाथी के स्वास्थ्य में सुधार होगा। पुराने मित्र-परिचितों से संपर्क होगा। परिणाम की चिंता न करें, सिर्फ कर्म करने पर ध्यान देवें। आराम करें।
🌞ll ~ वैदिक पंचांग ~ ll🌞
🌤️ दिनांक – 18 अक्टूबर 2023
🌤️ दिन – बुधवार
🌤️ विक्रम संवत – 2080
🌤️ शक संवत -1945
🌤️ अयन – दक्षिणायन
🌤️ ऋतु – शरद ॠतु
🌤️ मास – आश्विन
🌤️ पक्ष – शुक्ल
🌤️ तिथि – चतुर्थी 19 अक्टूबर रात्रि 01:12 तक तत्पश्चात पंचमी
🌤️ नक्षत्र – अनुराधा रात्रि 09:01 तक तत्पश्चात जेष्ठा
🌤️ योग – आयुष्मान सुबह 08:19 तक तत्पश्चात सौभाग्य
🌤️ राहुकाल – दोपहर 12:24 से दोपहर 01:51 तक
🌞 सूर्योदय-05:43
🌤️ सूर्यास्त- 06:01
👉 दिशाशूल- उत्तर दिशा में
🚩 व्रत पर्व विवरण – विनायक चतुर्थी, तुला संक्रान्ति (पुण्यकाल:सूर्योदय से दोपहर 12:25 तक)
💥 विशेष – चतुर्थी को मूली खाने से धन का नाश होता है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)
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🌷 उपांग ललिता व्रत 🌷
🙏🏻 आदि शक्ति मां ललिता दस महाविद्याओं में से एक हैं। आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी को इनके निमित्त उपांग ललिता व्रत किया जाता है। यह व्रत भक्तजनों के लिए शुभ फलदायक होता है। इस वर्ष उपांग ललिता व्रत 19 अक्टूबर, गुरुवार को है। इस दिन माता उपांग ललिता की पूजा करने से देवी मां की कृपा व आशीर्वाद प्राप्त होता है। जीवन में सदैव सुख व समृद्धि बनी रहती है।
🙏🏻 उपांग ललिता शक्ति का वर्णन पुराणों में प्राप्त होता है, जिसके अनुसार पिता दक्ष द्वारा अपमान से आहत होकर जब माता सती ने अपना देह त्याग दिया था और भगवान शिव उनका पार्थिव शव अपने कंधों में उठाए घूम रहें थे। उस समय भगवान विष्णु ने अपने चक्र से सती की देह को विभाजित कर दिया था। इसके बाद भगवान शंकर को हृदय में धारण करने पर इन्हें ललिता के नाम से पुकारा जाने लगा।
🙏🏻 उपांग ललिता पंचमी के दिन भक्तगण व्रत एवं उपवास करते हैं। कालिका पुराण के अनुसार, देवी की चार भुजाएं हैं, यह गौर वर्ण की, रक्तिम कमल पर विराजित हैं। ललिता देवी की पूजा से समृद्धि की प्राप्त होती है। दक्षिणमार्गी शास्त्रों के मतानुसार देवी ललिता को चण्डी का स्थान प्राप्त है। इनकी पूजा पद्धति देवी चण्डी के समान ही है। इस दिन ललितासहस्रनाम व ललितात्रिशती का पाठ किया जाए तो हर मनोकामना पूरी हो सकती है।
🌷 शारदीय नवरात्रि 🌷
🙏🏻 नवरात्र की पंचमी तिथि यानी पांचवे दिन माता दुर्गा को केले का भोग लगाएं ।इससे परिवार में सुख-शांति रहती है ।
🌷 शारदीय नवरात्रि 🌷
🙏🏻 स्कंदमाता की पूजा से मिलती है शांति व सुख
नवरात्रि के पांचवें दिन स्कंदमाता की पूजा की जाती है। स्कंदमाता भक्तों को सुख-शांति प्रदान करने वाली हैं। देवासुर संग्राम के सेनापति भगवान स्कंद की माता होने के कारण मां दुर्गा के पांचवे स्वरूप को स्कंदमाता के नाम से जानते हैं। स्कंदमाता हमें सिखाती हैं कि जीवन स्वयं ही अच्छे-बुरे के बीच एक देवासुर संग्राम है व हम स्वयं अपने सेनापति हैं। हमें सैन्य संचालन की शक्ति मिलती रहे। इसलिए स्कंदमाता की पूजा करनी चाहिए। इस दिन साधक का मन विशुद्ध चक्र में अवस्थित होना चाहिए, जिससे कि ध्यान वृत्ति एकाग्र हो सके। यह शक्ति परम शांति व सुख का अनुभव कराती हैं।