05 सितम्बर सोमवार का राशिफल एवम पंचांग

मेष:धनार्जन करने में सफलता निश्चित है । व्यावसायिक यात्रा सफल रहेगी। आय बढ़ेगी। घर-बाहर प्रसन्नता रहेगी। आर्थिक स्थिति मध्यम रहेगी। बकाया वसूली के प्रयास सफल रहेंगे। अपने व्यसनों पर नियंत्रण रखते हुए कार्य करना चाहिए। व्यापार में कर्मचारियों पर अधिक विश्वास न करें। दिन व्यस्त रहेगा। स्वास्थ्य सामान्य रहेगा।

वृष: अपनी बुद्धिमत्ता से आप सही निर्णय लेने में सक्षम होंगे। विकास की योजनाएं बनेंगी। निजीजनों में असंतोष हो सकता है। व्यापार में इच्छित लाभ होगा। भूले-बिसरे साथियों से मुलाकात होगी। उत्साहवर्धक सूचना मिलेगी। मान बढ़ेगा। व्यवसाय ठीक चलेगा। परिवर्तनशील मौसम का ध्यान रखें।

मिथुन:मेहनत का फल मिलेगा। घर-बाहर पूछ-परख रहेगी।धन प्राप्ति सुगम होगी। प्रसन्नता रहेगी। भूमि, आवास की समस्या रह सकती है। आजीविका में नवीन प्रस्ताव मिलेगा। दांपत्य जीवन सुखद रहेगा। संतान से कष्ट न हो इसलिए संस्कार लाभप्रद रहेंगे। थकान रहेगी , खुद के लिए भी समय निकालना चाहिए।

कर्क:आर्थिक स्थिति अच्छी रहेगी। वाहन व मशीनरी के प्रयोग में सावधानी रखें। वस्तुएं संभालकर रखें। स्वास्थ्य पर व्यय होगा । विवाद से दूर रहे। यात्रा में अपनी वस्तुओं का ध्यान रखें। कर्म के प्रति पूर्ण समर्पण व उत्साह लाभकारी होगा । अधीनस्थों की ओर ध्यान दें भाग्योदय होगा। बाहर का खाना खाने से बचें।

सिंह:राजकीय सहयोग मिलेगा एवं इस क्षेत्र के व्यक्तियों से संबंध बढ़ेंगे। विद्यार्थियों को प्रतियोगिता में सफलता मिलेगी। व्यापार अच्छा चलेगा। दूसरों से अपेक्षा न करें। चिंता तथा तनाव रहेंगे। थकान रहेगी। जोखिम न लें। विवाद से दूर रहें। वाणी पर संयम रखें। अनचाहे दोस्त न बनाएँ।

कन्या:रचनात्मक कार्य सफल रहेंगे। व्यवसाय ठीक चलेगा। कामकाज में धैर्य रखने से सफलता मिल सकेगी। किसी आनंदोत्सव में भाग लेने का अवसर मिलेगा। योजनाएं फलीभूत होंगी। मित्रों में आपका वर्चस्व बढ़ेगा। स्वास्थ्य की ओर ध्यान दें। नींद व विश्राम को समय दे।

तुला: व्यावसायिक चिंता दूर हो सकेगी। स्वयं के सामर्थ्य से ही भाग्योन्नति के अवसर आएंगे व भाग्योन्नति के प्रयास सफल रहेंगे। भेंट व उपहार की प्राप्ति होगी। यात्रा, निवेश व नौकरी मनोनुकूल रहेंगे। जोखिम न लें। योजनाएं फलीभूत होंगी। आराम भरपूर करें।

वृश्चिक:समाज में प्रसिद्धि के कारण सम्मान में बढ़ौत्री होगी। संपत्ति के कार्य लाभ देंगे। परीक्षा व साक्षात्कार आदि में सफलता मिलेगी। प्रसन्नता रहेगी। धनार्जन होगा। आजीविका में नवीन प्रस्ताव मिलेंगे। परिवार की समस्याओं को अनदेखा न करें। बुजुर्गों से आशीर्वाद जरूर लें।

धनु:वाहन, मशीनरी व अग्नि के प्रयोग में सावधानी रखना आवश्यक है । लेन-देन में सावधानी रखें। विवाद न करें। समय अनुकूल नहीं है। दांपत्य जीवन सुखद रहेगा , जीवनसाथी खुश है तो धन के योग हैं। कार्यपद्धति में विश्वसनीयता बनाए रखें। सकारात्मक विचारों के कारण प्रगति के योग आएंगे।

मकर:संतान से मदद मिलेगी। आर्थिक स्थिति में प्रगति की संभावना है। प्रेम-प्रसंग में अनुकूलता रहेगी। राजकीय काम बनेंगे। व्यवसाय ठीक चलेगा। चिंता रहेगी। जोखिम न उठाएं। अचानक धन की प्राप्ति के योग हैं। क्रोध एवं उत्तेजना पर संयम रखें नहीं तो स्वास्थ्य पर असर निश्चित है।

कुंभ:नए अनुबंध होंगे। यात्रा, निवेश व नौकरी मनोनुकूल रहेंगे। बेकार के झंझटों में न पड़ें। शत्रु सक्रिय रह सकते हैं सतर्क रहें । कार्य की प्रवृत्ति में यथार्थता व व्यावहारिकता का समावेश आवश्यक है। व्यापार में नई योजनाओं पर कार्य नहीं होंगे। जीवनसाथी का ध्यान रखें। स्वास्थ्य सामान्य रहेगा।

मीन:आध्यात्म पर ध्यान और विश्वास बढेगा ।धर्म-कर्म में रुचि बढ़ेगी। राजकीय बाधा दूर होगी। वरिष्ठजन सहयोग करेंगे। बुद्धि एवं तर्क से कार्य में सफलता के योग बनेंगे। यात्रा कष्टप्रद हो सकती है। अतः उसका परित्याग करें। व्यापार लाभप्रद रहेगा। स्वास्थ्य का ध्यान रखें।

🌞ll ~ वैदिक पंचांग ~ ll🌞
🌤️ दिनांक – 05 सितम्बर 2022
🌤️ दिन – सोमवार
🌤️ विक्रम संवत – 2079
🌤️ शक संवत -1944
🌤️ अयन – दक्षिणायन
🌤️ ऋतु – शरद ॠतु
🌤️ मास – भाद्रपद
🌤️ पक्ष – शुक्ल
🌤️ तिथि – नवमी सुबह 08:27 तक तत्पश्चात दशमी
🌤️ नक्षत्र – मूल रात्रि 08:06 तक तत्पश्चात पूर्वाषाढा
🌤️ योग – प्रीति सुबह 11:28 तक तत्पश्चात आयुष्मान
🌤️ राहुकाल – सुबह 07:57 से सुबह 09:30 तक
🌞 सूर्योदय – 05:20
🌦️ सूर्यास्त – 06:15
👉 दिशाशूल – पूर्व दिशा में
🚩 व्रत पर्व विवरण – दशमी क्षय तिथि, शिक्षक दिवस
🔥 विशेष – नवमी को लौकी खाना गोमांस के समान त्याज्य है।(ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)

🌷 एकादशी व्रत के लाभ 🌷
➡️ 06 सितम्बर 2022 मंगलवार को प्रातः 05:55 से 07 सितम्बर,बुधवार को प्रातः 03:04 तक एकादशी है।
💥 विशेष – 07 सितम्बर,बुधवार को एकादशी का व्रत उपवास रखें।
🙏🏻 एकादशी व्रत के पुण्य के समान और कोई पुण्य नहीं है ।
🙏🏻 जो पुण्य सूर्यग्रहण में दान से होता है, उससे कई गुना अधिक पुण्य एकादशी के व्रत से होता है ।
🙏🏻 जो पुण्य गौ-दान सुवर्ण-दान, अश्वमेघ यज्ञ से होता है, उससे अधिक पुण्य एकादशी के व्रत से होता है ।
🙏🏻 एकादशी करनेवालों के पितर नीच योनि से मुक्त होते हैं और अपने परिवारवालों पर प्रसन्नता बरसाते हैं ।इसलिए यह व्रत करने वालों के घर में सुख-शांति बनी रहती है ।
🙏🏻 धन-धान्य, पुत्रादि की वृद्धि होती है ।
🙏🏻 कीर्ति बढ़ती है, श्रद्धा-भक्ति बढ़ती है, जिससे जीवन रसमय बनता है ।
🙏🏻 परमात्मा की प्रसन्नता प्राप्त होती है ।पूर्वकाल में राजा नहुष, अंबरीष, राजा गाधी आदि जिन्होंने भी एकादशी का व्रत किया, उन्हें इस पृथ्वी का समस्त ऐश्वर्य प्राप्त हुआ ।भगवान शिवजी ने नारद से कहा है : एकादशी का व्रत करने से मनुष्य के सात जन्मों के पाप नष्ट हो जाते हैं, इसमे कोई संदेह नहीं है । एकादशी के दिन किये हुए व्रत, गौ-दान आदि का अनंत गुना पुण्य होता है ।

🌷 एकादशी के दिन करने योग्य 🌷
🙏🏻 एकादशी को दिया जलाके विष्णु सहस्त्र नाम पढ़ें 🙏🏻 …….विष्णु सहस्त्र नाम नहीं हो तो १० माला गुरुमंत्र का जप कर लें l अगर घर में झगडे होते हों, तो झगड़े शांत हों जायें ऐसा संकल्प करके विष्णु सहस्त्र नाम पढ़ें तो घर के झगड़े भी शांत होंगे l

🌷 एकादशी के दिन ये सावधानी रहे 🌷
🙏🏻 महीने में १५-१५ दिन में एकादशी आती है एकादशी का व्रत पाप और रोगों को स्वाहा कर देता है लेकिन वृद्ध, बालक और बीमार व्यक्ति एकादशी न रख सके तभी भी उनको चावल का तो त्याग करना चाहिए एकादशी के दिन जो चावल खाता है… तो धार्मिक ग्रन्थ से एक- एक चावल एक- एक कीड़ा खाने का पाप लगता है…ऐसा डोंगरे जी महाराज के भागवत में डोंगरे जी महाराज ने कहा

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