14 नवम्बर सोमवार का राशिफल एवम पंचांग
मेष🐐 (चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो, अ)
आपका आज का दिन सामान्य रहेगा , थौड़ी दौड़ धूप रह सकती है । अपनी बारी का इंजतार करें। समय से पहले और भाग्य से ज्यादा किसी को नहीं मिलता है। संतान के सहयोग से कार्य पूरे होंगे। नए लोगों से संपर्क बनेगा, जो भविष्य में लाभदायक रहेगा। स्वास्थ्य का ध्यान रखें व आराम करें।
वृष🐂 (ई, ऊ, ए, ओ, वा, वी , वु , वे, वो)
किसी के बहकाने से अपने संबंध तोडऩे से बचें। पैर में दर्द रह सकता है । समाज में नाम होगा। जो लोग दूसरे के लिए मांगते है, उन्हें कभी अपने लिए नहीं मांगना पड़ता है। माता के स्वास्थ्य की चिंता रहेगी। खुद के लिए समय निकालें।
मिथुन👫 (का, की, कू, घ, ङ, छ, के, को, हा)
मान – सम्मान बढेगा । जिन लोगों का सहयोग आप ने किया था, आज वे ही आप से मुंह फेर रहे हैं। बीमारी में दवाई असर नहीं करेगी। बेहतर होगा अपना डॉक्टर बदलें या किसी योग्य व्यक्ति से सलाह लें। नए भवन में जाने के योग हैं। धर्म में रूचि बढ़ेगी।
कर्क🦀 (ही, हू, हे, हो, डा, डी, डू, डे, डो)
अपने स्वभाव में परिवर्तन लाना बहुत जरूरी है। कार्यस्थल पर योजना लाभप्रद रहेगी। पड़ोसियों की मदद करनी पड़ सकती है। क्रोध की अधिकता से परिजन नाखुश होंगे। शेयर बाजार में निवेश से लाभ होगा।दूसरों से मिलकर खुशी होगी ।कार्य सिद्ध होंगे।
सिंह🦁 (मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे)
आपका दिन सामान्य रहेगा । हर किसी पर आखें बंद करके विश्वास न करें । समय रहते जरूरी कार्य पूरे करें। निजी जीवन में दूसरों को प्रवेश न दें। पिता के व्यवहार का सम्मान करें । जीवनशैली में परिवर्तन के योग हैं। पुरानी दुश्मनी के चलते विवाद से बचें। आध्यात्मिक ज्ञान में रूचि बनाएँ।
कन्या👩 (टो, पा, पी, पू, ष, ण, ठ, पे, पो)
सोचे कार्य समय पर होने से मन प्रसन्न रहेगा। अपने वाक् चातुर्य से सभी काम आसानी से करवा लेंगे। कार्यस्थल पर अपनी अलग पहचान स्थापित करेंगे। प्रेम-प्रसंग के चलते मन उदास रहेगा। भगवान पर भरोसा रखें।
तुला⚖️ (रा, री, रू, रे, रो, ता, ती, तू, ते)
आपकी कार्यक्षमता में वृद्धि होगी। जीवनशैली में आय परिवर्तन से खुश होंगे। आजीविका के नए स्रोत स्थापित होंगे। पारिवारिक सौहार्द बना रहेगा। मांगलिक समारोह में सक्रिय भूमिका रहेगी। बड़ो का आशीर्वाद प्राप्त करें।
वृश्चिक🦂 (तो, ना, नी, नू, ने, नो, या, यी, यू)
अपने हिसाब से जिंदगी जिना पसंद रहेंगे। जो लोग आप के कार्यों की सराहना करते थे, वे आपका विरोध करेंगे। भवन भूमि के विवादों का अंत होगा। पिता के व्यवसाय में रुचि कम रहेगी। खुद के लिए समय अवश्य निकालें।
धनु🏹 (ये, यो, भा, भी, भू, ध, फा, ढा, भे)
समय रहते अपने कार्य पूर्ण करें। पारिवारिक लोगों का सहयोग न मिलने से कार्य प्रभावित होंगे। घर में वास्तु अनुरूप परिवर्तन करें, तो पारिवारिक तनाव खत्म होगा। फैक्ट्री में प्रवेश द्वार पर पंचमुखी हनुमान की तस्वीर लगायें, चमत्कारिक लाभ होगा।
मकर🐊 (भो, जा, जी, खी, खू, खा, खो, गा, गी)
व्ययस्ता के कारण सेहत को न भूलें। अपने जीवनसाथी से नम्रता से बात करें और आपकी दोनों की वार्तालाप में स्नेह झलके न कि बनावटी बातें करें। वाणी में मधुर रहें। यात्रा के योग हैं। स्वास्थ्य सामान्य रहेगा। पक्षियों का दाना पानी डालें।
कुंभ🍯 (गू, गे, गो, सा, सी, सू, से, सो, दा)
सेहत को नजरअंदाज न करें। आनावाश्यक किसी को परेशान करना अच्छी बात नहीं है। मेहमानों की खातिरदारी करना पड़ेगी। अपने संपर्कों से रुके कार्य पूरे होंगे। बहनों के विवाह की चिंता रहेगी। गाय को हरा चारा डालें।
मीन🐳 (दी, दू, थ, झ, ञ, दे, दो, चा, ची)
जल्दबाजी में किये फैसलों से भारी नुकसान हो सकता है। परिवार में आप की बातों को सुना जायेगा। धार्मिक कार्यक्रमों में सहभागिता होगी। जीवनसाथी के स्वास्थ्य में सुधार होगा। परीक्षा परिणाम अनुकूल होगा।
🌞ll ~ वैदिक पंचांग ~ ll🌞
🌤️ दिनांक – 14 नवंबर 2022
🌤️ दिन – सोमवार
🌤️ विक्रम संवत – 2079
🌤️ शक संवत -1944
🌤️ अयन – दक्षिणायन
🌤️ ऋतु – हेमंत ॠतु
🌤️ मास – मार्गशीर्ष्
🌤️ पक्ष – कृष्ण
🌤️ तिथि – षष्ठी 15 नवंबर रात्रि 03:23 तक तत्पश्चात सप्तमी
🌤️ नक्षत्र – पुनर्वसु दोपहर 01:15 तक पुष्य
🌤️ योग – शुभ रात्रि 11:43 तक तत्पश्चात शुक्ल
🌤️ राहुकाल – सुबह 08:12 से सुबह 09:36 तक
🌞 सूर्योदय – 05:59
🌦️ सूर्यास्त – 05:11
👉 दिशाशूल – पूर्व दिशा में
🚩 *व्रत पर्व विवरण-
🔥 *विशेष – षष्ठी को नीम की पत्ती, फल या दातुन मुँह में डालने से नीच योनियों की प्राप्ति होती है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*
🌷 भैरव अष्टमी 🌷
🙏🏻 16 नवंबर, बुधवार को भैरव अष्टमी पर्व है। यह दिन भगवान भैरव और उनके सभी रूपों के समर्पित होता है। भगवान भैरव को भगवान शिव का ही एक रूप माना जाता है,इनकी पूजा-अर्चना करने का विशेष महत्व माना जाता है। 🙏🏻 भगवान भैरव को कई रूपों में पूजा जाता है। भगवान भैरव के मुख्य 8 रूप माने जाते हैं। उन रूपों की पूजा करने से भगवान अपने सभी भक्तों की रक्षा करते हैं और उन्हें अलग-अलग फल प्रदान करते हैं।
➡ भगवान भैरव के 8 रूप जानें कौन-सी मनोकामना के लिए करें किसकी पूजा
1⃣ कपाल भैरव
इस रूप में भगवान का शरीर चमकीला है, उनकी सवारी हाथी है । कपाल भैरव एक हाथ में त्रिशूल, दूसरे में तलवार तीसरे में शस्त्र और चौथे में पात्र पकड़े हैं। भैरव के इन रुप की पूजा अर्चना करने से कानूनी कारवाइयां बंद हो जाती है । अटके हुए कार्य पूरे होते हैं ।
2⃣ क्रोध भैरव
क्रोध भैरव गहरे नीले रंग के शरीर वाले हैं और उनकी तीन आंखें हैं । भगवान के इस रुप का वाहन गरुण हैं और ये दक्षिण-पश्चिम दिशा के स्वामी माने जाते ह । क्रोध भैरव की पूजा-अर्चना करने से सभी परेशानियों और बुरे वक्त से लड़ने की क्षमता बढ़ती है ।
3⃣ असितांग भैरव
असितांग भैरव ने गले में सफेद कपालों की माला पहन रखी है और हाथ में भी एक कपाल धारण किए हैं । तीन आंखों वाले असितांग भैरव की सवारी हंस है । भगवान भैरव के इस रुप की पूजा-अर्चना करने से मनुष्य में कलात्मक क्षमताएं बढ़ती है ।
4⃣ चंद भैरव
इस रुप में भगवान की तीन आंखें हैं और सवारी मोर है ।चंद भैरव एक हाथ में तलवार और दूसरे में पात्र, तीसरे में तीर और चौथे हाथ में धनुष लिए हुए है। चंद भैरव की पूजा करने से शत्रुओं पर विजय मिलता हैं और हर बुरी परिस्थिति से लड़ने की क्षमता आती है ।
5⃣ गुरू भैरव
गुरु भैरव हाथ में कपाल, कुल्हाडी, और तलवार पकड़े हुए है ।यह भगवान का नग्न रुप है और उनकी सवारी बैल है।गुरु भैरव के शरीर पर सांप लिपटा हुआ है।गुरु भैरव की पूजा करने से अच्छी विद्या और ज्ञान की प्राप्ति होती है ।
6⃣ संहार भैरव
संहार भैरव नग्न रुप में है, और उनके सिर पर कपाल स्थापित है ।इनकी तीन आंखें हैं और वाहन कुत्ता है । संहार भैरव की आठ भुजाएं हैं और शरीर पर सांप लिपटा हुआ है ।इसकी पूजा करने से मनुष्य के सभी पाप खत्म हो जाते है ।
7⃣ उन्मत भैरव
उन्मत भैरव शांत स्वभाव का प्रतीक है । इनकी पूजा-अर्चना करने से मनुष्य की सारी नकारात्मकता और बुराइयां खत्म हो जाती है । भैरव के इस रुप का स्वरूप भी शांत और सुखद है । उन्मत भैरव के शरीर का रंग हल्का पीला हैं और उनका वाहन घोड़ा हैं।
8⃣ भीषण भैरव
भीषण भैरव की पूजा-अर्चना करने से बुरी आत्माओं और भूतों से छुटकारा मिलता है । भीषण भैरव अपने एक हाथ में कमल, दूसरे में त्रिशूल, तीसरे हाथ में तलवार और चौथे में एक पात्र पकड़े हुए है ।भीषण भैरव का वाहन शेर है ।
🌷 कालभैरव अष्टमी 🌷
🙏🏻 धर्म ग्रंथों के अनुसार मार्गशीर्ष मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को कालभैरव अष्टमी का पर्व मनाया जाता है। मान्यता है कि इसी दिन भगवान शिव ने कालभैरव का अवतार लिया था। इसलिए इस पर्व को कालभैरव जयंती को रूप में मनाया जाता है। इस बार ये पर्व 16 नवंबर, बुधवार को है।
🙏🏻 भगवान कालभैरव को तंत्र का देवता माना गया है। तंत्र शास्त्र के अनुसार,किसी भी सिद्धि के लिए भैरव की पूजा अनिवार्य है। इनकी कृपा के बिना तंत्र साधना अधूरी रहती है। इनके 52 रूप माने जाते हैं। इनकी कृपा प्राप्त करके भक्त निर्भय और सभी कष्टों से मुक्त हो जाते हैं। कालभैरव जयंती पर कुछ आसान उपाय कर आप भगवान कालभैरव को प्रसन्न कर सकते हैं।
➡ ये हैं कालभैरव को प्रसन्न करने के 11 उपाय, कोई भी 1 करें
🙏🏻 1. कालभैरव अष्टमी को सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि करने के बाद कुश (एक प्रकार की घास) के आसन पर बैठ जाएं। सामने भगवान कालभैरव की तस्वीर स्थापित करें व पंचोपचार से विधिवत पूजा करें। इसके बाद रूद्राक्ष की माला से नीचे लिखे मंत्र की कम से कम पांच माला जाप करें तथा भैरव महाराज से सुख-संपत्ति के लिए प्रार्थना करें।
🌷 मंत्र- ‘ॐ हं षं नं गं कं सं खं महाकाल भैरवाय नम:’
🙏🏻 2. कालभैरव अष्टमी पर किसी ऐसे भैरव मंदिर में जाएं, जहां कम ही लोग जाते हों। वहां जाकर सिंदूर व तेल से भैरव प्रतिमा को चोला चढ़ाएं। इसके बाद नारियल, पुए, जलेबी आदि का भोग लगाएं। मन लगाकर पूजा करें। बाद में जलेबी आदि का प्रसाद बांट दें। याद रखिए अपूज्य भैरव की पूजा से भैरवनाथ विशेष प्रसन्न होते हैं।
🙏🏻 3. कालभैरव अष्टमी को भगवान कालभैरव की विधि-विधान से पूजा करें और नीचे लिखे किसी भी एक मंत्र का जाप करें। कम से कम 11 माला जाप अवश्य करें।
🌷 – ॐ कालभैरवाय नम:।
🌷 – ॐ भयहरणं च भैरव:।
🌷 – ॐ ह्रीं बटुकाय आपदुद्धारणाय कुरूकुरू बटुकाय ह्रीं।
🌷 – ॐ भ्रां कालभैरवाय फट्
🙏🏻 4. कालभैरव अष्टमी की सुबह भगवान कालभैरव की उपासना करें और शाम के समय सरसों के तेल का दीपक लगाकर समस्याओं से मुक्ति के लिए प्रार्थना करें।
👉🏻 शेष कल…..
🌞 *~ पंचांग ~* 🌞
🙏🍀🌷🌻🌺🌸🌹🍁🙏