13 अक्टूबर शुक्रवार का राशिफल एवम पंचांग

मेष:आज आपका का दिन व्यस्त रहने पर भी उत्तम रहेगा। अनचाहे मेहमान शाम को आ सकते हैं। कारोबार और परिवार में सामंजस्य स्थापित होगा। परिश्रम का फल पूर्ण रूप से मिलेगा। न्याय पक्ष मजबूत होगा। धन लाभ होगा। आत्मसम्मान में वृद्धि होगी। संतान से शुभ समाचार मिलेंगे। जीवनसाथी पर विशेष भरोसा रखें। जरूरत से ज्यादा जज्बाती होना आपका दिन बिगाड़ सकता है। तबीयत पर ध्यान दें।

वृष🐂 (ई, ऊ, ए, ओ, वा, वी , वु , वे, वो)
आज आपके दिन की शुरुआत नए संकल्पों से होगी। परिजनों के साथ किसी आयोजन में शामिल होंगे। अच्छा व्यवहार आपके व्यक्तित्व को और निखार सकता है। अपने परिवार की भावनाओं को समझकर अपने गुस्से पर काबू रखें। रोमानी नजरिए से वैवाहिक जीवन के लिए अच्छा दिन है।
मिथुन:आज आपके लिए संपत्ति के बड़े सौदे लाभदायक रहेंगे। आपकी समझ और अनुभव से भाग्योन्नति के प्रयास सफल रहेंगे। कार्यों में निर्धारित सफलता नहीं प्राप्त कर सकेंगे। ऐसे विवादास्पद मुद्दों पर बहस करने से बचें, जो आपके और प्रियजनों के बीच गतिरोध पैदा कर सकते हैं। आज प्यार की कमी महसूस हो सकती है।
कर्क:आज दिन की शुरुआत में आपका स्वभाव गरम रहेगा। दिनचर्या को बदलें। अपने करीबी लोगों से आज धोखा न मिले इसलिए सतर्क रहें। व्यय वृद्धि सम्भव है। मांगलिक आयोजनों की तैयारी में लगे रहेंगे। अचानक हुई रोमांटिक मुलाकात आपके लिए उलझन पैदा कर सकती है। आपके प्रिय की गैरहाजिरी आज आपके दिल को नाजुक बना सकती है।
सिंह:समय अनुकूल रहेगा । आज आप अपने कपड़े रहन-सहन इन सब के अलावा अपने व्यवहार पर भी ध्यान दें। कई लोग आप से नाराज हैं उनको मनाने का सुअवसर रहेगा। रुका हुआ धन प्रयास करने पर मिलेगा। आपका आकर्षक बर्ताव दूसरों का ध्यान आपकी तरफ खींचेगा। छोटे से प्रवास का आयोजन आप कर पाएंगे। प्रतिस्पर्धियों पर विजय प्राप्त होगी। तबादला हो सकता है।
कन्या:आज आपके परिजनों का स्वास्थ्य नरम रहेगा। लंबे समय से चले आ रहे लंबित कार्यो को आज गति मिलेगी। विचारों की भरमार आपको मानसिक रूप से स्वस्थ बनाएगी। माता और स्त्रीवर्ग सम्बंधी चिंता सताएगी। आज सोच-समझकर कदम बढ़ाने की ज़रूरत है। जहाँ दिल की बजाय दिमाग का ज्यादा इस्तेमाल करना चाहिए। आज के दिन यात्रा स्थगित रखें।
तुला:आज पढ़ाई पर कम ध्यान देने या घर की बजाय दोस्तों के साथ ज्यादा समय बिताने की वजह से बच्चे असंतोष का कारण बन सकते हैं। राजकीय सहयोग से कार्य सिद्धि होगी। समय से भोजन और पर्याप्त, नींद न आने के कारण शरीर में अस्वस्थता अनुभव होगा। अपने काम पर ध्यान दें। दूसरों की निंदा करने से बचें। धार्मिक लाभ मिलेगा।
वृश्चिक:आज किसी बड़े प्रोजेक्ट की रूपरेखा बनेगी। दुकान, मकान के विवाद आपसी समझौते से हल होंगे। वाहन व मशीनरी आदि के प्रयोग में सावधानी रखें। विदेशगमन की संभावना भी है। किसी धार्मिक स्थल की भेंट से सात्विकता में वृद्धि होगी। फिर भी स्वास्थ्य संभालिएगा। कार्यभार आज कुछ अधिक रहेगा। परिजनों से विवाद से बचें। नए दोस्त बनेंगे।
धनु:आज का दिन मिश्रित फलदायी रहेगा। व्यापारी अपने व्यापार में धन लगाकर नए कार्य का प्रारंभ कर सकेंगे और भविष्य के लिए योजना भी बना पाएंगे। प्रेम-प्रसंग में सावधानी रखें, अन्यथा मान सम्मान को ठेस लग सकती है। अत्यधिक कामुकता के कारण विपरीत लिंगीय व्यक्ति के प्रति आकर्षण अनुभव करेंगे। कारोबार की बाधा दूर होकर कार्यसिद्धि होगी।
मकर:आपका दिन मिलाजुला रहेगा। उदासीन वृत्ति और संदेह की भावना आपके मन को बेचैन बनाएंगे। दैनिक कार्य विलंब से पूरे होंगे। परिश्रम अनुसार फल कम मिलेगा। जीवनसाथी के साथ गलतफहमी के कारण विवाद न करें। सामाजिक कार्यों में भाग लेने जाना होगा। बुजुर्गों और मित्रों का सहयोग मिलेगा। मित्रमंडल में नए मित्र जुड़ेंगे।
कुंभ:आज आप कम समय में काम को पूरा करने की कोशिश में कामयाब होंगे। आज किसी असहाय की मदद जरूर करें। दूसरों के झगड़ों में न पड़ें, अन्यथा उलझ सकते हैं। आज परिवार को समय देने से आनंद मिलेगा। व्यापारियों को व्यापार में लाभ होगा। भागीदारी लाभदायक साबित होगी। प्रेमी-प्रेमिका से प्रेम में सफलता मिलेगी।
मीन:लग्न योग है।मांगलिक प्रसंग आयोजित किए जाएंगे। आज आपकी एकाग्रता का अभाव मानसिक अस्वस्थता बढ़ाएगा। पैसे की लेन-देन या जमानत विचार करके करें । संतान और पत्नी की तरफ से लाभ होगा। प्रवास का आयोजन किए जाने की संभावना है। पारिवारिक सदस्यों के साथ अनबन से बचें। स्वास्थ्य लाभ होगा।
🌞ll ~ वैदिक पंचांग ~ ll🌞
🌤️ दिनांक – 13 अक्टूबर 2023
🌤️ दिन – शुक्रवार
🌤️ विक्रम संवत – 2080
🌤️ शक संवत -1945
🌤️ अयन – दक्षिणायन
🌤️ ऋतु – शरद ॠतु
🌤️ मास – आश्विन
🌤️ पक्ष – कृष्ण
🌤️ तिथि – चतुर्दशी रात्रि 09:50 तक तत्पश्चात अमावस्या
🌤️ नक्षत्र – उत्तराफाल्गुनी दोपहर 02:11 तक तत्पश्चात हस्त
🌤️ योग – ब्रह्म सुबह 10:06 तक तत्पश्चात इन्द्र
🌤️ राहुकाल – सुबह 10:57 से दोपहर 12:25 तक
🌞 सूर्योदय-05:39
🌤️ सूर्यास्त- 06:01
👉 दिशाशूल- पश्चिम दिशा में
🚩 व्रत पर्व विवरण – चतुर्दशी का श्राद्ध,आग-दुर्घटना-अस्त्र -शस्त्र -अपमृत्यु से मृतक का श्राद्ध
💥 विशेष – चतुर्दशी और अमावस्या  व व्रत के दिन स्त्री-सहवास तथा तिल का तेल खाना और लगाना निषिद्ध है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-38)

👉🏻 ज्योतिष शास्त्र अनुसार सर्व पित्र अमावस्या पर असंतुष्ट पूर्वजो को संतुष्ट करने के लिए इतना जरूर करे⤵️

🌷 सर्व पितृ अमावस्या 🌷
🙏🏻 श्राद्ध पक्ष की अमावस्या को सर्वपितृ मोक्ष अमावस्या कहते हैं। मान्यता है कि इस दिन सभी ज्ञात-अज्ञात पितरों का श्राद्ध करने से उन्हें मोक्ष की प्राप्ति होती है। इस बार 14 अक्टूबर, शनिवार को यह अमावस्या है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, श्राद्ध पक्ष की अमावस्या पर कुछ विशेष उपाय करने से पितृ प्रसन्न होते हैं और पितृ दोष भी कम होता है। इसलिए इस दिन भी ये उपाय किए जा सकते हैं।
🙏🏻 पीपल में पितरों का वास माना गया है ।सर्वपितृ मोक्ष अमावस्या पर पीपल के पेड़ पर जल चढ़ाएं और गाय के शुद्ध घी का दीपक लगाएं ।
🙏🏻 सर्वपितृ मोक्ष अमावस्या पर किसी ब्राह्मण को भोजन के लिए घर बुलाएं या भोजन सामग्री जिसमें आटा, फल, गुड़ आदि का दान करें ।
🙏🏻 इस अमावस्या पर किसी पवित्र नदी में काले तिल डालकर तर्पण करें ।इससे भी पितृगण प्रसन्न होते हैं ।
🙏🏻 सर्वपितृ मोक्ष अमावस्या पर अपने पितरों को याद कर गाय को हरा चारा खिला दें ।इससे भी पितृ प्रसन्न व तृप्त हो जाते हैं ।
🙏🏻 इस अमावस्या पर चावल के आटे से 5 पिडं बनाएं व इसे लाल कपड़े में लपेटकर नदी में प्रवाहित कर दें ।
🙏🏻 अमावस्या पर गाय के गोबर से बने कंड़े को जलाकर उस पर घी-गुड़ की धूप दें और पितृ देवताभ्यो अर्पणमस्तु बोलें ।
🙏🏻 इस अमावस्या पर कच्चा दूध, जौ, तिल व चावल मिलाकर नदी में प्रवाहित करें ।ये उपाय सूर्योदय के समय करें तो अच्छा रहेगा ।

🌷 सर्व पितृ अमावस्या 🌷
🙏🏻 पितृ पक्ष का आखिरी दिन पितृ अमावस्या होती है। इस दिन कुल के सभी पितरों का श्राद्ध किया जा सकता है। फिर चाहे उनकी मृत्यु तिथि पता न हो। तब भी आप पितृ अमावस्या पर उनका तर्पण कर सकते हैं।
🙏🏻 पितृ पक्ष की अमावस्या को सूर्यास्त से पहले ये उपाय करना है। इस उपाय में एक स्टील के लोटे में, दूध, पानी, काले व सफेद तिल और जौ मिला लें। इसके साथ कोई भी सफेद मिठाई, एक नारियल, कुछ सिक्के और एक जनेऊ पीपल के पेड़ के नीचे जाकर सबसे पहले ये सारा सामान पेड़ की जड़ में चढ़ा दें। इस दौरान सर्व पितृ देवभ्यो नम: का जप करते रहें।
🙏🏻 ये मंत्र बोलते हुए पीपल को जनेऊ भी चढ़ाएं। इस पूरी विधि के बाद मन में सात बार ॐ नमो भगवते वासुदेवाय का जप करें और भगवान विष्णु से कहें मेरे जो भी अतृप्त पितृ हों वो तृप्त हो जाए। इस उपाय को करने से पितृ तृप्त होते हैं पितृ दोष का प्रभाव खत्म होता है और उनका अशीर्वाद मिलने लगता है। हर तरह की आर्थिक और मानसिक समस्याएं दूर होती हैं।

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