5 अगस्त का राशिफल एवम पंचांग
मेष राशि : बुध का वक्री गोचर आपके पांचवें स्थान पर होगा। जन्मपत्रिका के पांचवे स्थान का संबंध हमारे संतान, बुद्धि, विवेक और रोमांस से है। बुध के इस गोचर से आपकी बौद्धिक क्षमता बढ़ेगी। किसी भी कार्य में आपकी रुचि बढ़ेगी। वहीं जिनके पहले से बच्चे हैं, उनके बच्चों की तरक्की होगी और जीवन में भरपूर रोमांस मिलेगा। लिहाजा बुध के शुभ फल सुनिश्चित करने के लिए गाय की सेवा करें, स्वयं का और संतान का भाग्य उत्तम होगा।* वृषभ राशि:- बुध का वक्री गोचर आपके चौथे स्थान पर होगा। जन्मपत्रिका के चौथे स्थान का संबंध हमारे भवन, भूमि, वाहन और माता से है। बुध का यह गोचर आपके साथ-साथ दूसरों के लिए भी शुभ होगा। आपको भूमि- भवन और वाहन का सुख मिलेगा, लेकिन इस बीच अपनी माता के स्वास्थ्य का खास ख्याल रखने की जरूरत है। लिहाजा बुध के शुभ फल सुनिश्चित करने के लिए 22 अगस्त तक केसर का तिलक मस्तक पर लगाएं।*
मिथुन राशि : बुध का वक्री गोचर आपके तीसरे स्थान पर होगा। जन्मपत्रिका के तीसरे स्थान का संबंध हमारे पराक्रम, भाईबहन और यश से है। बुध का यह गोचर आपकी आयु में वृद्धि करेगा और दूसरों के साथ आपके अच्छे संबंध बनायेगा। 22 अगस्त तक आप अपने विचारों को अभिव्यक्त करने की पूरी कोशिश करेंगे। आप और आपके भाईबहनों को मेहनत के अनुसार लाभ मिलेगा। लिहाजा बुध के शुभ फल सुनिश्चित करने के लिए रात को फिटकरी के नमकीन पानी में हरे मूंग भिगोकर रख दें और सुबह उठकर पशुओं को खिला दें।* कर्क राशि : बुध का वक्री गोचर आपके दूसरे स्थान पर होगा। जन्मपत्रिका के दूसरे स्थान का संबंध हमारे धन और स्वभाव से है। बुध के इस गोचर से आपके धन कोष में वृद्धि होगी। साथ ही आपके परिवार वालों के लिए भी यह फायदेमंद होगा। आपकी बौद्धिक क्षमता अच्छी होगी और माता का सुख मिलेगा। शत्रुओं पर विजय पाने में कामयाब होंगे। लिहाजा इस वक्री गोचर का शुभ फल सुनिश्चित करने के लिए अगर पहन सकते हैं तो नाक में चांदी पहनें वरन् मिट्टी का खाली घड़ा ढक्कन लगाकर पानी में बहा दें।*
सिंह राशि : बुध का वक्री गोचर आपके पहले स्थान, यानि लग्न स्थान पर होगा। जन्मपत्रिका में लग्न यानि पहले स्थान का संबंध हमारे शरीर और मुख से है। बुध के इस गोचर के प्रभाव से आपको सुख मिलेगा। साथ ही आपके बातों से लोग प्रभावित होंगे। लवमेट के रिश्ते में मजबूती आयेगी और संतान पक्ष को न्यायालय से लाभ मिलेगा। लिहाजा बुध के शुभ फल सुनिश्चित करने के लिए और अशुभ फलों से बचने के लिए अपने किसी भी काम को करने से पहले उसकी दिशा सूची तैयार कर लें ताकि बाद में आपका ध्यान न भटके।* कन्या राशि : बुध का वक्री गोचर आपके बारहवें स्थान पर होगा। जन्मपत्रिका के बारहवें स्थान का संबंध आपके व्यय और शय्या सुख से है। बुध का यह गोचर आपको शैय्या सुख दिलायेगा। समाज में आपका और आपके परिवार का मान-सम्मान और प्रतिष्ठा बढ़ेगी, लेकिन 22 अगस्त तक आपको अपने पैसे संभालकर रखने की जरूरत है। लिहाजा बुध के अशुभ फलों से बचने के लिए भगवान गणेश की उपासना करें और ‘ऊँ गं गणपतये नमः’ मंत्र का जप करें।*
तुला राशि : बुध का वक्री गोचर आपके ग्यारहवें स्थान पर होगा। जन्मपत्रिका के ग्यारहवें स्थान का संबंध हमारे आय और इच्छाओं की पूर्ति से होता है। बुध के इस गोचर से आपकी आमदनी में बढ़ोतरी होगी। साथ ही यह आपकी संतान की तरक्की करायेगा। इस दौरान आपको कुछ नया हुनर सिखने का मौका मिलेगा इसलिए समय की कीमत को पहचानकर ही आगे बढ़े। अतः बुध के शुभ फल सुनिश्चित करने के लिए तांबे का पैसा गले में धारण करें।* वृश्चिक राशि : बुध का वक्री गोचर आपके दसवें स्थान पर होगा। जन्मपत्रिका के दसवें स्थान का संबंध हमारे करियर, राज्य और पिता से होता है। बुध के इस गोचर से आपको करियर में सफलता मिलेगी। साथ ही आपके पिता की भी तरक्की होगी। नयी चीजों को सिखने का मन करेगा। शस्त्र आदि के काम से जुड़े लोगों को विशेष फायदा होगा। लिहाजा बुध के अशुभ फलों से बचने के लिए इस दौरान बाहर का खानापीना अवॉयड करें।*
धनु राशि : बुध का वक्री गोचर आपके नौवें स्थान पर होगा। जन्मपत्रिका के नौवें स्थान का संबंध हमारे भाग्य से होता है। बुध के इस गोचर से आपको भाग्य का पूरा साथ मिलेगा। आर्थिक लाभ के साथ आयु में भी वृद्धि होगी। साथ ही आपकी सेहत अच्छी रहेगी। लिहाजा बुध के शुभ फल सुनिश्चित करने के लिए 22 अगस्त तक लोहे की लाल रंग की गोली अपने पास रखें।* मकर राशि : बुध का वक्री गोचर आपके आठवें स्थान पर होगा। जन्मपत्रिका के आठवें स्थान का संबंध हमरे आयु से है। बुध के इस गोचर से शुभ फलों की प्राप्ति के लिए आपको थोड़ी अधिक मेहनत करनी पड़ सकती है। आपको इस दौरान मकान भी बदलना पड़ सकता है। लिहाजा बुध के अशुभ स्थिति से बचने के लिए और शुभ फल सुनिश्चित करने के लिए 22 अगस्त तक मिट्टी के बर्तन में पिसी हुई शक्कर या शहद भरकर वीराने में दबा दें।*
कुम्भ राशि : बुध का वक्री गोचर आपके सातवें स्थान पर होगा। जन्मपत्रिका के सातवें स्थान का संबंध हमारे जीवनसाथी से है। बुध के इस गोचर से जीवनसाथी के साथ आपके रिश्ते मजबूत होंगे। आपको धन लाभ मिलेगा। जो लोग दस्तकारी के काम से जुड़े हैं, उन्हें विशेष लाभ होगा। साथ ही अगर आपके ऊपर कोई मुकदमा या केस चल रहा है, तो 22 अगस्त तक उसकी दलीलें आपके पक्ष में होंगी। अतः बुध के शुभ फल सुनिश्चित करने के लिए अपनी बहन, बुआ को हरे रंग का कुछ गिफ्ट करें।* मीन राशि : बुध का वक्री गोचर आपके छठे स्थान पर होगा। जन्मपत्रिका के छठे स्थान का संबंध हमारे मित्र, शत्रु और स्वास्थ्य से है। बुध के इस गोचर से आपका दिल बड़ा होगा। आप दूसरों की मदद करेंगे। कोई भी काम धैर्य से करने पर सफलता मिलेगी और साथ ही धन लाभ मिलेगा। साथ ही बुध का यह गोचर आपके मित्रों की बढ़ोतरी करेगा। इस दौरान शत्रु पक्ष दूरी बनाकर रहेगा। अतः बुध के शुभ फल सुनिश्चित करने के लिए किसी शुभ कार्य के लिए घर से बाहर जाते समय कन्या को फूल गिफ्ट करें।*
🌞 ll~ वैदिक पंचांग ~ll 🌞*
🌤️ दिनांक -05 अगस्त 2024
🌤️ दिन – सोमवार
🌤️ विक्रम संवत – 2081
🌤️ शक संवत -1946
🌤️ अयन – दक्षिणायन
🌤️ ऋतु – वर्षा ॠतु
🌤️ मास – श्रावण
🌤️ पक्ष – शुक्ल
🌤️ तिथि – प्रतिपदा शाम 06:03 तक तत्पश्चात द्वितीया
🌤️ नक्षत्र – अश्लेशा शाम 03:21 तक तत्पश्चात मघा
🌤️ योग – व्यतीपात सुबह 10:38 तक तत्पश्चात वरीयान
🌤️ राहुकाल – सुबह 07:52 से सुबह 09:29 तक
🌤️ सूर्योदय -05:25
🌤️ सूर्यास्त- 06:13
👉 दिशाशूल – पूर्व दिशा मे
🚩 व्रत पर्व विवरण- अमावस्यांत श्रावण मास आरंभ,चंद्र-दर्शन (रात्रि 07:06 से 07:52 तक
💥 विशेष – प्रतिपदा को कूष्माण्ड (कुम्हड़ा पेठा) न खाएं क्योकि यह धन का नाश करने वाला है (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-38)
👉🏻 श्रावण सोमवार को इतना करने से जीवन सुखमय रहेगा⤵️
🌷 श्रावण में रुद्राभिषेक करने का महत्व 🌷
“रुद्राभिषेकं कुर्वाणस्तत्रत्याक्षरसङ्ख्यया, प्रत्यक्षरं कोटिवर्षं रुद्रलोके महीयते। पञ्चामृतस्याभिषेकादमृत्वम् समश्नुते।। ”
🙏🏻 श्रावण में रुद्राभिषेक करने वाला मनुष्य उसके पाठ की अक्षर-संख्या से एक-एक अक्षर के लिए करोड़-करोड़ वर्षों तक रुद्रलोक में प्रतिष्ठा प्राप्त करता है। पंचामृत का अभिषेक करने से मनुष्य अमरत्व प्राप्त करता है।
🌷 श्रावण मास में भूमि पर शयन 🌷
🌷 “केवलं भूमिशायी तु कैलासे वा समाप्नुयात” – स्कन्दपुराण
🙏🏻 श्रावण मास में भूमि पर शयन करने से मनुष्य कैलाश में निवास प्राप्त करता है।
🌷 पार्थिव शिवलिंग 🌷
🙏🏻 जो पार्थिव शिवलिंग का निर्माण कर एकबार भी उसकी पूजा कर लेता है, वह दस हजार कल्प तक स्वर्ग में निवास करता है, शिवलिंग के अर्चन से मनुष्य को प्रजा, भूमि, विद्या, पुत्र, बान्धव, श्रेष्ठता, ज्ञान एवं मुक्ति सब कुछ प्राप्त हो जाता है | जो मनुष्य ‘शिव’ शब्द का उच्चारण कर शरीर छोड़ता है वह करोड़ों जन्मों के संचित पापों से छूटकर मुक्ति को प्राप्त हो जाता है |’
🙏🏻 कलियुग में पार्थिव शिवलिंग पूजा ही सर्वोपरि है ।
कृते रत्नमयं लिंगं त्रेतायां हेमसंभवम्
द्वापरे पारदं श्रेष्ठं पार्थिवं तु कलौ युगे (शिवपुराण)
🙏🏻 शिवपुराण के अनुसार पार्थिव शिवलिंग का पूजन सदा सम्पूर्ण मनोरथों को देनेवाला हैं तथा दुःख का तत्काल निवारण करनेवाला है |
🌷 पार्थिवप्रतिमापूजाविधानं ब्रूहि सत्तम ॥
येन पूजाविधानेन सर्वाभिष्टमवाप्यते ॥
🙏🏻 अग्निपुराण के अनुसार
🌷 त्रिसन्ध्यं योर्च्चयेल्लिङ्गं कृत्वा विल्वेन पार्थिवम् ।
शतैकादशिकं यावत् कुलमुद्धृत्य नाकभाक् ।। ३२७.१५ ।। अग्निपुराण
🙏🏻 जो मनुष्य प्रतिदिन तीनों समय पार्थिव लिङ्ग का निर्माण करके बिल्वपत्रों से उसका पूजन करता है, वह अपनी एक सौ ग्यारह पीढ़ियों का उद्धार करके स्वर्गलोक को प्राप्त होता है।
🙏🏻 स्कंदपुराण के अनुसार
प्रणम्य च ततो भक्त्या स्नापयेन्मूलमंत्रतः॥
ॐहूं विश्वमूर्तये शिवाय नम॥
इति द्वादशाक्षरो मूलमंत्रः॥ ४१.१०२ ॥
🙏🏻 “ॐ हूं विश्वमूर्तये शिवाय नमः” यह द्वादशाक्षर मूल मंत्र है। इससे शिवलिंग को स्नान कराना चाहिए।