राज्यपाल संतोष गंगवार ने दो दिवसीय विश्व आदिवासी महोत्सव का किया उद्घाटन

रांची: विश्व आदिवासी दिवस पर राजधानी रांची स्थित बिरसा मुंडा स्मृति पार्क में भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया गया।मुख्य अतिथि के रूप में राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार एवं विशिष्ट अतिथि के रूप में राज्यसभा सांसद शिबू सोरेन रहे। वहीं कार्यक्रम की अध्यक्षता मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने की।
कार्यक्रम में सभी अतिथियों का पारंपरिक ढंग से स्वागत किया गया। मौके पर सीएम हेमंत सोरेन ने कहा कि आदिवासी महोत्सव आदिवासी जीवन दर्शन , सभ्यता और संस्कृति को संजोने, संवारने और अलग पहचान दिलाने का एक बेहतर प्रयास है। आदिवासी समाज ने कभी भी अपनी सभ्यता- संस्कृति और मान-सम्मान के साथ कोई समझौता नहीं किया है। आदिवासी समाज कैसे आगे बढ़े, इसके लिए सभी को मिलकर प्रयास करना होगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आज राज्यभर में हर्ष, उल्लास और उत्साह के साथ आदिवासी दिवस मनाया जा रहा है। इस अवसर पर आयोजित हो रहे विभिन्न कार्यक्रमों के जरिए आदिवासी अपनी सभ्यता और संस्कृति की चमक बिखेर रहे हैं। उन्होंने कहा कि आदिवासी महोत्सव आदिवासी जीवन दर्शन और कला-संस्कृति को अलग पहचान देने का एक बड़ा माध्यम बनता जा रहा है। यहां आयोजित हो रहे आदिवासी महोत्सव में हमें आदिवासियों की कला -संस्कृति, परंपरा, गीत- नृत्य और उनकी वेशभूषा से रूबरू होने का मौका मिल रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जनजातीय सभ्यता दुनिया की सबसे प्राचीन सभ्यता है। आदि काल से ही आदिवासियों की सभ्यता -संस्कृति और परंपरा काफी समृद्ध रही है। दुनिया में अलग-अलग हिस्सों में आदिवासी समुदाय वास करते हैं, लेकिन उनके सभ्यता -संस्कृति में कहीं न कहीं एकरूपता देखने को मिलती रहती है। जनजातीय कला- संस्कृति और परंपरा को सुरक्षित करने के साथ समृद्ध करने की जरूरत है, ताकि आने वाली पीढ़ी के लिए एक प्रेरणाश्रोत हमेशा बना रहे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखंड सदियों से वीरों और शहीदों की धरती रही है। चाहे आजादी के पहले की बात हो या आजादी के बाद अथवा झारखंड अलग राज्य के लिए चली लंबी लड़ाई। भगवान बिरसा मुंडा, सिदो कान्हू, भैरव- चांद, फूलो झानो, नीलाम्बर पीताम्बर, तिलका मांझी, शेख भिखारी, बुधु भगत, टाना भगत, निर्मल महतो और विनोद बिहारी महतो जैसे अनेकों वीर हुए हैं, जिन्होंने अन्याय -शोषण, आदिवासी-मूलवासी के हक-अधिकार, और जल, जंगल, जमीन की रक्षा के लिए अपनी कुर्बानी दे दी। अपने इन वीर शहीदों को नमन है।
इस महोत्सव में मुख्य अतिथियों के द्वारा डॉ. राम दयाल मुंडा जनजातीय कल्याण शोध संस्थान द्वारा प्रकाशित 12 पुस्तकों का विमोचन किया । वहीं, 257 लोगों के बीच 73 हज़ार 5 सौ 83 एकड़ सामुदायिक वन पट्टा का वितरण किया गया। महोत्सव की शुरुआत में गणमान्यों ने शहीद बेदी पर पुष्प अर्पित कर शहीदों को श्रद्धांजलि दी । वहीं राज्यपाल और मुख्यमंत्री ने आदिवासी प्रदर्शनी शिविर और आदिवासी चित्रकार शिविर का उद्घाटन और अवलोकन किया।
इस महोत्सव में अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति एवं पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग के मंत्री दीपक बिरुवा, राज्य सभा सांसद महुआ माजी, विधायक कल्पना सोरेन, विधायक राजेश कच्छप, मुख्य सचिव एल. खियांग्ते, मुख्यमंत्री के अपर मुख्य सचिव अविनाश कुमार, पुलिस महानिदेशक श्री अनुराग गुप्ता, राज्यपाल के प्रधान सचिव नीतिन मदन कुलकर्णी, अनुसूचित जाति एवं पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग के सचिव कृपानंद झा एवं आदिवासी कल्याण आयुक्त अजय नाथ झा सहित कई वरीय अधिकारी एवं गणमान्य मौजूद रहे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *