आदिवासी पारंपरिक स्वशासन व्यवस्था सशक्त करने के लिए सरकार प्रतिबद्ध:सीएम

जमशेदपुर: माझी परगना व्यवस्था जब मजबूत होगा तभी आदिवासी समाज आगे बढ़ेगा। हमारी सरकार इस राज्य की आदिवासी पारंपरिक स्वशासन व्यवस्था को सशक्त करने के लिए प्रतिबद्ध है। मुख्यमंत्री चम्पाई सोरेन आज पूर्वी सिंहभूम जिला के घाटशिला स्थित पावड़ा में माझी परगना महाल के 14वें महासम्मेलन को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि ग्राम प्रधानों को और अधिकार देने की कार्य योजना बनाई जाएगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि संताल समुदाय झारखंड समेत कई राज्यों के अलावा नेपाल और भूटान जैसे कई देशों में भी प्राचीन काल से निवास करता आ रहा है। ये भले ही अलग-अलग क्षेत्र में रहते हैं पर उनकी परंपरा और संस्कृति लगभग एक जैसी ही है। लेकिन, आज उनकी समृद्ध परंपरा पर खतरा मंडरा रहा है। ऐसे में आदिवासी समुदाय की परंपरा, भाषा औऱ कला- संस्कृति के संरक्षण और बढ़ावा के लिए सभी को आगे आना होगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी आदिवासी समुदाय को अपने हक- अधिकार के लिए एकजुट होना होगा। आदिवासियों में सामाजिक एकता और चेतना जगाने की जरूरत है, ताकि उनकी सामाजिक- पारंपरिक व्यवस्था से जो खिलवाड़ हो रहा है उस पर प्रहार किया जा सके । यह तभी संभव है, जब सभी आदिवासी समुदाय मिलकर पूरी ताकत के साथ आवाज बुलंद करेंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आदिवासी हितों का सरकार पूरा ख्याल रखेगी। उन्होंने कहा कि सरना धर्म कोड के लिए सरकार प्रयास जारी रखेगी। इसके साथ वन अधिकार और सीएनटी तथा एसपीटी एक्ट में वैसे किसी भी तरह के छेड़छाड़ को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा, जिससे आदिवासी समुदाय की पारंपरिक व्यवस्था को खतरा पैदा हो। उन्होंने माझी परगना महाल के सम्मेलन में भरोसा दिलाया कि उनकी जो मांगें है, उसपर पहले से ही काम प्रारम्भ कर दिया गया है।
इस महासम्मेलन में विधायक रामदास सोरेन, समीर मोहंती और संजीव सरदार, देश परगना बाबा बैजू मुर्मू औऱ माझी परगना महाल के सभी अगुवागण मौजूद थे।

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