गणादेश ब्रेकिंगः 500 करोड़ की कंपनी हाईटेन के सर्वेसर्वा हैं झारखंड के एक आइएएस

टेंडर की शर्त ऐसी रखी कि देश ही नहीं दुनिया की किसी भी कंपनी को नहीं मिला टेंडर
सिंगल नॉमिनेशन पर मिला था 30 करोड़ का टेंडर
गणादेश खोल रहा परत दर परत ब्यूरोक्रेसी का राज
रांचीः झारखंड कैडर की निलंबित आइएएस अफसर पूजा सिंघल प्रकरण के बाद ब्यूरोक्रेसी में तो हलचल है ही। लेकिन पूजा सिंघल से भी बड़े खिलाड़ी झारखंड के कई ब्यूरोक्रेट्स हैं। गणादेश परत दर परत राज खोल रहा है। झारखंड कैडर के एक आइएएस ऐसे भी हैं, जो लगभग 500 करोड़ की कंपनी हाई टेन के सर्वेसर्वा है। फिलहाल वे क्रीम पोस्ट पर भी हैं। राजभवन ने पीएमओ को भ्रष्ट अफसरों की जो सूची भेजी थी, उस सूची के टॉप पर इस आइएएस का भी नाम है। हालांकि साहब ने कभी इस कंपनी का जिक्र नहीं किया है। इस कंपनी की पूरी देख-रेख की जिम्मेवारी पूर्व जिला अभियंता को दे रखी है। जिला अभियांता जब कंपनी की कमान संभाले तब उन्होंने अपनी नौकरी से वीआरएस भी ले लिया। इस कंपनी के कई कारनामें हैं। सरकारी टेंडर में इस कंपनी का दबदबा रहता है। गणादेश एक उदाहरण के साथ इसे साबित भी कर रहा है। फिर नाम भी सामने आ जाएगा। मोरहाबादी मैदान में टाइम स्कायर बनाया जाना था। तत्कालीन सीएम रघुवर दास के समय इस प्रोजेक्ट को शुरू किया गया था। इस प्रोजेक्ट के लिए टेंडर निकाला गया। लेकिन टेंडर की शर्त ऐसी रखी गई कि देश तो छोड़िए दुनिया की किसी भी कंपनी ने ऐसी शर्त के प्रति कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई। वहीं साहब की कंपनी हाई टोन को जुडको के माध्यम से वह भी सिंगल नॉमिनेशन के आधार पर 30 करोड़ का टेंडर दे दिया गया। मोरहाबादी का टाइम्स स्कावयर फिलहाल किस स्थिति में है यह किसी से ठिपा हुआ नहीं है। साहब की सिर्फ हाई टेन ही नहीं चाईबासा में एक कंस्ट्रक्शन कंपनी भी है। लेकिन साहब इसमें डायरेक्टली जुड़े हुए नहीं है। कंस्ट्रक्शन कंपनी की जो देख रेख करते हैं, उनका भी नाम साहब के पहले नाम से पूरी तरह मेल खाता है। इस कंपनी ने 20 करोड़ का काम 100 करोड़ में भी कराया। अब इस पूरे प्रकऱण पर भी ईडी की नजर है।

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