सीटी बजाओ, स्कूल बुलाओ महाअभियान की सफलता के लिए जिला, ब्लॉक एवं संकुल स्तर पर नोडल पदाधिकारी नियुक्त
रांची: स्कूलों में बच्चों की उपस्थिति बढ़ाने के उद्देश्य से राज्य में शिक्षा एवं साक्षरता विभाग द्वारा संचालित अनूठी पहल ‘सीटी बजाओ, उपस्थिति बढ़ाओ के व्यापक एवं सकारात्मक परिणाम को देखते हुए दिनांक 11 जनवरी को प्रातः सभी जिलों में स्कूल आते हुए बच्चों की सीटी बजाती हुई तस्वीर या वीडियो को टैग करते हुए पोस्ट किया जाएगा। इस सोशल मीडिया महाअभियान में राज्य के प्रत्येक जिले के जिला शिक्षा पदाधिकारी, जिला शिक्षा अधीक्षक, क्षेत्र शिक्षा पदाधिकारी, अनुमंडल शिक्षा पदाधिकारी, प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारी, प्रखंड कार्यक्रम पदाधिकारी, प्रखंड साधन सेवी, संकुल साधन सेवी, शिक्षक, छात्र छात्राये, अभिभावक आदि अनिवार्य रूप से भाग लेंगे। इस महाअभियान में समाज के प्रबुद्धजन, मुखिया, स्कूल प्रबंधन समिति के सदस्य, नागरिको एवं जनप्रतिनिधियों को भी भाग लेने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा। इनके अलावा सरस्वती वाहिनी के सदस्य एवं माता समिति के सदस्य भी इसमें शामिल होंगे।
उपायुक्त ने सीटी बजाओ, स्कूल बुलाओ सोशल मीडिया महाअभियान को देखते हुए स्कूलों को पर्याप्त सीटी रखने का निर्देश दिया गया है। जिन विद्यालयों ने अबतक सीटी का क्रय नहीं किया है, उन्हें तत्काल इसका क्रय कर लेने का निर्देश दिया गया है।
सोशल मीडिया महाअभियान की सफलता के लिए जिला, ब्लॉक एवं संकुल स्तर पर नोडल पदाधिकारियों की नियुक्ति की गयी है। जिलास्तर पर एडीपीओ, ब्लॉक स्तर पर बीपीओ और संकुल स्तर पर सीआरपी को नोडल पदाधिकारी बनाया गया है। इस कार्यक्रम को प्रयास, एसएमसी, रुआर और पीटीएम से भी जोड़ा जाएगा।
राज्य शिक्षा परियोजना ने सभी जिलों को जारी दिशा निर्देशों में स्पष्ट किया है कि इस सोशल मीडिया महाअभियान की सफलता के लिए सोशल मीडिया के सभी माध्यमों का प्रचूर इस्तेमाल करें। सिर्फ एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर ही नहीं, फेसबुक, इंस्टाग्राम, यूट्यूब और कू एप का भी इस्तेमाल सुनिश्चित करें। सभी माध्यमों द्वारा सिटी बजाओको पोस्ट करें।
सीटी बजाओ, स्कूल बुलाओ अभियान सिमडेगा के सीटी बजाओ, उपस्थिति बढ़ाओ अभियान के तर्ज पर ही पूरे राज्य में शुरू किया गया है। इस अभियान के तहत प्रतिदिन प्रातः स्कूल में हाउस के कैप्टन और क्लास मॉनिटर सीटी बजाते हुए अपने गांव, कस्बो, टोलो के बच्चो को स्कूल चलने के लिए प्रेरित करते है। सीटी बजते ही बच्चे स्कूल जाने के लिए तैयार हो जाते है और अपने सहपाठी के साथ स्कूल जाते हैं। इस अभियान से बच्चों के अभिभावक भी जागरूक हो रहे हैं। पहले बच्चों द्वारा गलत जानकारी या स्कूल बंद होने की जानकारी देकर स्कूल नहीं जाने का बहाना बनाया जाता था। अब सीटी बजते ही माता पिता यह समझ जाते हैं कि स्कूल खुला है और उन्हें अपने बच्चों को समय पर तैयार करके स्कूल भेजना है।